Stories Uploading Time

7:00 am, 7:30 am, 8:00 am, 8:30 am, 9:00 am, 7:00 pm, 7:30 pm, 8:00 pm, 8:30 pm, 9:00 pm Daily 10 Stories Upload

दुनिया ने रंडी बना दिया- 5 - Duniya Ne Randi Bana Diya-5

दुनिया ने रंडी बना दिया- 5
दुनिया ने रंडी बना दिया- 5

Suport Us Link:- Click Here

Audio:-         

Read:- मैं पैसों के बदले चुदाई कराने आई तो देखा दो लड़के भी थे. वे पहली बार चुदाई करने वाले थी. उन लड़कों ने अपनी रंडी आंटी की चुदाई करके कैसे मजा लिया?

नमस्कार मित्रो, मैं हाजिर हूँ मेरी रंडी आंटी कहानी का अगला भाग लेकर। इस कहानी में मैं आपको बताऊँगी कि सात लोग मिलकर कैसे मेरे नंगे जिस्म का मज़ा उठाते हैं और मेरी चुदाई कैसे होती है। दो कमसिन लड़कों ने अपनी रंडी आंटी को कैसे चोदा.

जैसा कि आप मेरी कहानी के पिछले भाग

दुनिया ने रंडी बना दिया-4

में पढ़ा कि जब मैं फ्लैक के अंदर पहुँची तो मुझे पता चला कि मुझे सात लोगों से चुदना पड़ेगा। खैर, इसे लालच कहें या मेरी अन्तर्वासना, मैं चुदने के लिए तैयार हो गई।

हम सबने साथ में खाना खाया. और जब सब पीने बैठे तो प्रिंसीपल ने मुझे एक कोल्ड ड्रिंक लाकर दी जिसमें ताकत की दवा मिलाई हुई थी।
मैं वो पूरा पी गई।

अब आगे की रण्डी आंटी स्टोरी:

मैं एक सिंगल सोफे पर बैठी थी. मेरे सामने वाले सिंगल सोफे पर भी एक आदमी बैठा था. प्रिंसीपल, मास्टर और एक और आदमी बीच वाले सोफे पर बैठे थे और तीन आदमी डाईनिंग चेयर लेकर बैठ गए।

AUDIO SEX STORIES HINDI


प्रिंसीपल ने सबकी पहचान करवाई।
मेरे सामने जो बैठा था उसका नाम रोहन सिंह, उम्र 20 साल, था। मास्टर प्रिंसीपल के साथ बैठे आदमी का नाम पूरन सिंह, उम्र 33 साल, था। और चेयर पर बैठे लोगों का नाम विश्वजीत (32 साल), सनी (19 साल) और मनोहर (29 साल) था।

पीने का सिलसिला चालू हो चुका था। ताकत वाली ड्रिंक पीने के बाद अब मैं कुछ महसूस करने लगी थी. मुझे अपनी चूत खुजाने का मन होने लगा था। मैं तो चाह रहा थी कि मैं तभी नंगी होकर जोर-जोर से अपनी चूचियों को मसलूं, अपनी चूत में उंगली करुँ।

लेकिन मैं चुपचाप सहती हुई बैठी रही क्यूँकि कुछ ही देर में तो चुदाई का सिलसिला चालू होने ही वाला था।

क्योंकि अपने पति के साथ मैं कभी-कभी पी लिया करती थी तो मुझे भी पीने की आदत थी। तो मैंने भी एक ग्लास ले लिया और थोड़ा सोडा मिलाकर पीने लगी।
प्रिंसीपल ने इंतजाम अच्छा किया हुआ था.
शराब भी बढ़िया थी, 2 पेग लेते ही मुझे चढ़ने लगी थी।

मैंने फिर भी तीसरा पेग बना लिया लेकिन उसे धीरे-धीरे पीने लगी।

देखते-देखते साढ़े दस बज गये। पीते-पीते ही हमें आधे घंटे से ज्यादा हो गये थे हमें। अब सबको चढ़ गई थी।

और थोड़ी ही देर बाद दोनों बोतल खत्म हो गई। सब थोड़ी देर तक आराम से फैल कर बैठ गए। पीने के बाद अब मुझे और ज्यादा चुदने का मन होने लगा था। लेकिन अब तक किसी ने चुदाई का नाम तक नहीं लिया था।

लेकिन मेरी ख़्वाहिश जल्दी ही पूरी हुई।
थोड़ी ही देर में मास्टर बोला- प्रिंसीपल साहब, अब किसका इंतजार हो रहा है, रात का असली काम शुरु करें।
तो प्रिंसीपल बोला- हां हां, जरूर।

AUDIO SEX STORIES HINDI


उसने मेरी ओर देखकर कहा- चलें मैडम?
मैंने मुस्कुरा कर हामी भर दी।

मेरी हां होते ही मास्टर मेरे पास आकर बैठ गया। वो मेरी साड़ी के ऊपर से ही मेरे मम्मों को दबाने लगा। बाकी सब अब अपने पैंट को ऊपर से ही अपने लंड सहलाने लगे।

मैं मास्टर के छूने से और ज्यादा मदहोश हो रही थी। मैंने अपनी आँखें बंद करके मास्टर के स्पर्श को महसूस करने लगी। मास्टर मेरी बायीं ओर था और मेरी बायीं चूची ही दबाए जा रहा था।

तभी मुझे महसूस हुआ कि एक ओर आदमी आकर मेरी दायीं चूची दबा रहा है।
मैंने आँखें खोलकर देखा तो मनोहर मेरे मम्मे दबा रहा था।
मैं उसे देख मुस्कुरा दी तो वो और जोर से मम्में दबाने लगा।

मुझसे अब और रहा नहीं जा रहा था. मैं चाह रही थी कि सब मुझे अभी नंगी करके खड़ी कर दें।

मैंने पूछ लिया- ऐसे ही करते रहोगे तो क्या मज़ा आयेगा? चलो सब अपने कपड़े उतारो और फिर मेरा वस्त्रहरण करो!
सबके चेहरे पर एक मुस्कुराहट आ गई।

देखते ही देखते सब मेरे सामने ही नंगे हो गए। उस समय सबके लंड लटके हुए थे फिर भी उन सभी के लंड काफी बड़े थे।

मास्टर नंगा होकर मेरे पास आया और मुझे गोदी में उठा लिया।
वो मुझे एक कमरे में ले गया और हमारे पीछे-पीछे बाकी सब चले आ रहे थे।

AUDIO SEX STORIES HINDI


मास्टर ने कमरे में ले जाकर मुझे नीचे उतारा और मेरी चूचियां दबाने लगा।
तभी पीछे से बाकी सब आ गए और वो सारे नंगे आदमी मुझे घेर कर खड़े हो गए।
मैंने एक-एक कर सबके लंड को प्यार से छुआ।

फिर मेरा वस्त्रहरण होने लगा। मास्टर ने सामने से मेरा साड़ी का पल्लू हटा दिया। रोहन ने मेरे ब्लाउज के बटन खोलने शुरु कर दिए। ब्लाउज खुलते ही मेरे 34 इंच के चूचे फुदक कर बाहर की ओर आ गए।
सब मेरे सीने को घूरने लगे। सब मेरी सेक्सी ब्रा पर फिदा हो चुके थे।

रोहन, मनोहर और विश्वजीत, तीनों मेरे ब्रा के छूने लगे और मम्मों को दबाने लगे।

सनी और पूरन सिंह मेरे पीछे थे तो उन दोनों ने मिलकर मेरी साड़ी निकाल दी।
प्रिंसीपल और मास्टर तब मुझे उन सबके हवाले छोड़ कर अलग हो गए थे।

सामने से रोहन, मनोहर और विश्वजीत लगातार मेरी चूचियाँ दबाये जा रहे थे। चूचियाँ दबाते-दबाते ही मनोहर अपना एक हाथ नीचे ले गया और उसने मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। पेटीकोट झट से नीचे गिर गई। मैंने पैर से अपना पेटीकोट अलग कर दिया।

अब मैं उन पाँच और दो सात आदमियों के सामने बस अपने ब्रा-पैंटी में रह गई थी। मेरी पैंटी अब गीली हो चुकी थी और पैंटी का कपड़ा पतला होने के कारण अब उसमें से मेरी गुलाबी चूत दिखने लगी थी।

सबकी नज़र मेरे नीचे के हिस्से पर पड़ चुकी थी. अब सब मेरी पैंटी को, मेरी चूत को ऊपर से ही महसूस करने लगे।

पीछे से रोहन और पूरन सिंह मेरे नंगे हो चुके चूतड़ों को पकड़कर मज़ा लेने लगे थे।
रोहन तो मेरी चूचियों पर ही अटका हुआ था। उसका हाथ नीचे जाने का नाम ही नहीं ले रहा था। बाकी सबका हाथ नीचे था तो वो आराम से मेरे दोनों मम्मों को दबा और मसल रहा था लेकिन उसने अब तक मेरी ब्रा नहीं उतारी थी।

AUDIO SEX STORIES HINDI


मनोहर, सनी, विश्वजीत और पूरन सिंह, चारों नीचे से मुझे प्यार कर रहे थे। सनी और पूरन, दोनों मेरे एक-एक चूतड़ को पकड़ कर दबाये जा रहे थे तो वहीं मनोहर और विश्वजीत सामने से मेरे कमर के नीचे हाथ लगाते और मेरी सफेद जाँघों को सहलाते तो बीच-बीच में मेरी पैंटी पर भी हाथ फिरा देते।

मेरी नज़र प्रिंसीपल और मास्टर पर पड़ी तो मैंने देखा कि कमरे का दरवाजा खोलकर वो दोनों बाहर बैठ गए थे और वहीं से लाईव पोर्न का मज़ा ले रहे थे।

हम सब नशे में थे, मैं बहुत मदहोश हुई जा रही थी.
मेरे चारों ओर के सारे लोग मेरे शरीर को अब बेतहाशा चूमने लगे। रोहन मेरी ब्रा से निकले हुए चूची के हिस्से को चूम रहा था. दोनों मम्मों पर बारी-बारी चारों ओर से किस किया उसने!
तो वहीं मनोहर मेरी दायीं जांघ को पकड़कर सहलाता, किस करता.
विश्वजीत मेरी चूत के आसपास किस कर रहा था. सनी और पूरन ने मेरा एक-एक चूतड़ पकड़ा और चूमने लगे। दोनों ने चूम-चूमकर मेरे चूतड़ गीले कर दिए।

थोड़ी ही देर बाद, पीछे से सनी ने मेरी ब्रा खोल दी और झट से रोहन ने ब्रा खींचकर अलग करके फेंक दी। ऊपर से मैं पूरी नंगी तो हो ही गई थी तभी ब्रा खोलने के बाद सनी मे ही मेरी पैंटी भी खोल दी और पीछे से पैंटी खींचकर फेंक दी।

पाँच नंगे आदमियों के बीच मैं भी नंगी हो गई थी।

रोहन आगे से तो सनी पीछे से मेरी चूचियाँ दबाये जा रहा था. मनोहर नीचे अब मेरी चूत चाट रहा था तो पूरन पीछे मेरी गांड चाट रहा था।
विश्वजीत मेरी कमर को पकड़ चूम रहा था।

चुम्बन का यह सिलसीला काफी देर चला।

फिर मैं नीचे बैठ गई और उनका लंड बारी-बारी से चूसने लगी। सनी और रोहन का लंड करीब 6 इंच का ही था. मैं समझ गई कि यही दोनों वर्जिन लौड़े हैं।
बाकी तीनों का 7 इंच से भी लंबा हो गया था।
चूस-चूस के सबके लंड लोहे जैसे हो गए थे।

AUDIO SEX STORIES HINDI


एक बार में मैं दोनों हाथों में एक-एक लंड लिए चूस रही थी। वो सब भी बराबर मेरी मुँह की ओर अपना लंड दिए जा रहे थे ताकि मैं उनका लंड पहले चूस सकूँ।

वो सीन भी गज़ब का था. एक लंड मेरे मुँह में, एक हाथ में और बाकी तीन भी मेरे गालों के पास सटे हुए।
पूरे कमरे में अभी से मादक सिसकारिय़ाँ गूँजने लगी थी। मैं आवाज निकालकर ही लंड चूस रही थी।

आधे घंटे से ज्यादा टाईम लंड चूसने में लगा। जिस जिसका लंड झड़ता जाता, वो बेड पर जाकर बैठ लेट जाता।
वैसे मैंने सबसे लास्ट में रोहन और सनी का लंड अच्छे से चूसा क्योंकि वो जीवन में पहली बार सेक्स कर रहे थे।

उन्हें झड़ने में भी ज्यादा समय नहीं लगा।
दोनों मेरे मुँह में ही झड़ गए और बेड पर जाकर लेट गए।

सब बेड पर लेटे अपने-अपने लंड को सहला रहे थे। मैं उन सबको देखकर मुस्काई और कमरे में बने बाथरूम में चली गई मुँह धोने।

मैं मुँह के आई तो बेड पर सब साइड हो गए और मुझे बीच में आने का इशारा किया। मैं बीच में जाकर लेट गई।

बेड पर मेरी दायीं ओर सनी और रोहन लेटा था जबकि बायीं ओर विश्वजीत, मनोहर और पूरन था। इसी क्रम में सब ऊपर से नीचे लेटे हुए थे।

मैं वहां जाकर लेटी तो सनी मेरी चूचियों पर हाथ रख कर सहलाने लगा, मेरे भूरे निप्पल दबाने लगा। मनोहर कमर पर किस करके सहलाने लगा और पूरन नीचे था तो उसने मेरी फुद्दी पकड़ ली। वो मेरे चूत में उंगलियाँ चलाता और फिर उंगली को चटता।

हम लोगों में बातें होने लगी। हम सब चुदाई के बारे में ही बात कर रहे थे। सब अपनी-अपनी चुदाई का अनुभव साझा कर रहे थे।

AUDIO SEX STORIES HINDI


सनी और रोहन की बारी आई तो उन्होंने साफ कहा कि वो पहली बार सेक्स करने जा रहे हैं।
उनकी इस बात पर में उनकी ओर मुड़ी और दोनों का लंड पकड़ कर बोली- चिंता मत करो. तुम अपनी पहली चुदाई जिंदगी भर याद करो, ऐसी चुदाई करवाऊंगी तुमसे!

दोनों हंस दिए।

तभी पीछे से मेरी गांड पर एक थप्पड़ पड़ा, मैंने देखा तो विश्वजीत था।
उसने मुझे कहा- हमसे कोई बैर है क्या, हमारी चुदाई यादगार नहीं बनाओगी?

इस मैंने कहा- आप सब तो पहले भी चूत चोद हो. इन दोनों ने तो चूत दर्शन भी नहीं किया था. तो इनकी पहली चुदाई यादगार बनाने की ज़िम्मेदारी मेरी हुई न!

मैं फिर सीधे होकर लेट गई और बोली- चलो, फिर से खेल शुरु करते हैं।
सब मुस्कुराए और उठकर बैठ गए।

मैं भी उठी तो मनोहर मेरे सिरहाने जाकर घुटने पर बैठ गया।
उसने कहा- अबकी बार ऊपर से लंड चूस।

मेरे अगल बगल में सनी और विश्वजीत था। रोहन और पूरन, दोनों नीचे की ओर थे।

मैं मुँह ऊपर करके मनोहर का लंड चूसने लगी. मेरे दोनों हाथों से मैं सनी और विश्वजीत का लौड़ा मुठ मारने लगी। वो दोनों मेरे मुठ मारने का पूरा मज़ा ले रहे थे। मादक सिसकारियाँ निकाल रहे थे।

बीच-बीच में वे दोनों मेरे स्तनों को मसलते, निप्पल को उंगली से दबा देते तो कभी मेरे चूतड़ सहलाते।

उधर नीचे रोहन और पूरन मेरे नीचे के हिस्से को पकड़ चुके थे।

AUDIO SEX STORIES HINDI


पूरन तो शायद बड़ा वाला चोदू था. उसने बिना देर किए मेरी चूत पर मुँह रख दिया और जीभ से चाटने लगा।
’आह्ह्ह’ क्या चूत चाटी थी उसने!
उतनी अच्छी तरह से और किसी ने भी आज तक मेरी चूत नहीं चाटी।

रोहन के लिए और कोई जगह बची ही नहीं तो वो मेरे शरीर के उभारों को सहलाने लगा।

यह सिलसिला आधे घंटे से ज्यादा समय तक चला।

कोई अपनी जगह से हटना ही नहीं चाह रहा था तो मैंने ही पहल की.
तब तक रात के सवा बारह बज चुके थे।
मैंने पहल करते हुए कहा- अब ये सब छोड़ो और असली काम पर चलो।

मनोहर ने मेरे मुँह से अपना लंड निकाल लिया. मैंने पहले ही सनी और विश्वजीत का लंड छोड़ दिया था।
नीचे से पूरन भी अलग हो गया।

लेकिन मेरी ‘असली काम’ वाली बात रोहन और सनी को समझ नहीं आई।
वो दोनों फुसफुसाने लगे तो मैंने उन्हें देख खड़ी हुई और पूछी- क्या हुआ?
सनी बोला- असली काम का मतलब, हम समझे नहीं।

मैं अपनी कमर और चूत मटकाती हुई उनके पास गई और बोली- तुमने आज तक पोर्न विडियो भी नहीं देखा है क्या?
उन्होंने ना में अपना सिर हिलाया।

तो मैंने उन दोनों का हाथ पकड़ कर अपनी चूत से सटा दिया और कहा- अरे शरीफज़ादो, अपना लंड इसमें नहीं डालोगे?
तो रोहन बोला- इसमें लंड क्यों डालेंगे?

AUDIO SEX STORIES HINDI


मैं दोनों के हाथ से अपनी चूत सहलाने लगी और बोली- जब चूत में लंड डालकर आगे-पीछे करके लड़का और लड़की मज़े लेते हैं उसे ही तो चुदाई कहते हैं और आज तुम सब मेरी चुदाई करने ही तो आए हो यहां।

तभी पीछे से पूरन ने आकर मुझे कमर से पकड़कर मुझे सहलाने लगा. मेरी चूचियाँ दबाने लगा और उसने कहा- बेबी, चलो दिखाते हैं इन्हें, चुदाई कैसे होती है।

उसने ज़ोर से मेरे गर्दन को पकड़कर मुझे नीचे झुका दिया और पीछे से मेरी चूत में अपना एक ही झटके में अंदर घुसा दिया।
मैं ज़ोर से चिल्ला उठी और मेरी आँखों से आंसू बहने लगे।

पूरन ने शुरुआत से ही मुझे तेज़ धक्के देना चालू कर दिया।
धक्के देते हुए वो बोला- देख बच्चे, इसे कहते हैं चुदाई।

मैं तब उनकी ओर मुस्कुराकर देखने लगी।
वो दोनों अपनी आँखें चौड़ी करके मेरी चुदाई होते हुए देख रहे थे। दोनों का लंड पूरा तन गया, मेरी ज़ोर-ज़ोर से चुदाइ होते देख और शायद हर धक्के के साथ मेरे हिलते हुए स्तनों को देख कर भी।

पूरन ने तब ज्यादा देर मुझे नहीं चोदा।

1 मिनट में ही उसने अपना लंड हटा लिया और मुझे सीधा खड़ा करके मेरे गर्दन और गालों पर किस किया और फिर मेरी चूत को पकड़ कर उसने कहा- देखा, ऐसे होती है चूत की चुदाई। तुम दोनों भी ऐसे ही ज़ोर-ज़ोर से चुदाई करना इस चूत की।

AUDIO SEX STORIES HINDI


मैंने उसके सीने पर धीरे से कोहनी मारकर कहा- क्या गलत बात सिखा रहे हो इन्हें। ऐसे तो ये 2 मिनट भी मज़े नहीं ले पायेंगे।

मैं उन दोनों को समझाने लगी- देखो, चुदाई जितने आराम से करोगे, उतना ही मज़ा तुम्हें भी आऐगा और चुदने वाली को भी। ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने से तुम मज़े भी नहीं ले पाओगे और जल्दी झड़ जाओगे।

दोनों ने मेरी बातों को गौर से सुना और समझे।

कहानी का आखिरी भाग अभी बाकी है मेरे दोस्तो. उसमें मैं आपको बताऊँगी कि उन सबने मेरी चुदाई कैसे की, किन-किन पोजीशन में सब ने मुझे चोदा।


रंडी आंटी स्टोरी का अगला भाग:- दुनिया ने रंडी बना दिया- 6

Post a Comment

Previous Post Next Post