Stories Uploading Time

7:00 am, 7:30 am, 8:00 am, 8:30 am, 9:00 am, 7:00 pm, 7:30 pm, 8:00 pm, 8:30 pm, 9:00 pm Daily 10 Stories Upload

अकेली भाभी की चुत रगड़ कर चोद दी - Akeli Bhabhi Ki Chut Ragar Kar Chod Di

अकेली भाभी की चुत रगड़ कर चोद दी
अकेली भाभी की चुत रगड़ कर चोद दी

Support Us Link:- Click Here

Audio:-         

Read:- पड़ोसन इंडियन भाभी की चुदाई कहानी में पढ़ें कि मेरे किराए के कमरे के सामने रहने वाली अकेली भाभी से दोस्ती कैसे हुई और मैंने उन्हें कैसे चोदा?

दोस्तो, मेरा नाम बाबा है. ये मेरी पहली सेक्सी कहानी है. मैं दिल्ली में रहता हूं और यूपी का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 23 साल है.

दिल्ली में मेरा एक्सपोर्ट इंपोर्ट का बिजनेस है. लगभग दो साल से एक ही घर में रेंट पर रहता हूं.

ये पड़ोसन इंडियन भाभी की चुदाई कहानी है. आपको पसंद आयी या नहीं … मेल जरूर कीजिएगा.

जहां मैं रहता हूं, वह घर काफी बड़ा है. उस घर में तीन परिवार रहते हैं.
एक हिस्से में मैं और मेरे दो दोस्त एक साथ ही एक कमरे में रहते थे.

मेरे सामने वाले पोर्शन में एक भाभी अकेली ही रहती थीं. और उनके साथ बस उनकी एक आठ साल की बेटी ही रहती थी.

तीसरा हिस्सा ऊपरी मंजिल वाला था. उधर एक परिवार रहता था.

मैं आपको भाभी के बारे में बताऊं, तो भाभी सेक्स बॉम्ब थीं. एक ऐसी मस्त सेक्स बॉम्ब, जिनका फिगर 32-26-36 का था. भाभी एकदम दूध सी गोरी थीं और उनकी हाइट भी काफी अच्छी थी.

हम लोगों के रहने के बाद ही भाभी जी इस मकान में रहने आई थीं.

शुरू शुरू में जब भाभी आयी थीं, तो भाभी ने मुझसे वाशिंग मशीन लगाने के लिए मदद मांगी.
मैं उनके घर में गया.

मशीन सैट करते समय मैं जरा पीछे को हटा, तो मेरे पीछे भाभी थीं.

मैं हाथ पीछे करते हुए उनसे टकरा गया और अचानक से मेरा एक हाथ उनके मम्मों पर पड़ गया.

मैंने जल्दी से अपना हाथ हटाया और उनसे सॉरी बोलते हुए मशीन को लगाने लगा.

दस मिनट बाद मशीन सैट हो गई थी और मैं अपने रूम में आ गया.

उसी दिन शाम को किचन में भी कुछ रखना था, तो उन्होंने फिर से मुझे बुलाया. मैं चला गया और भाभी का जो भी था, काम करके वापस आ गया.

इसके बाद से मेरी भाभी जी से बातचीत शुरू हो गई थी. उनका बाजार आदि का जो भी काम होता था, मैं कर देता था.

अब तो भाभी जी के घर पर बैठ कर मैं उनकी बेटी के साथ खेल कर अपना और उसका मन बहला दिया करता था.
चूंकि भाभी जी की बेटी पढ़ने लगी थी, तो उसको पढ़ा भी दिया करता था.

भाभी जी मुझे चाय पिलाने के लिए रोक लेती थीं तो मैं भी उनके घर में टीवी देखते हुए चाय पीता रहता था.
और भाभी जी से बातचीत भी होती रहती थी.

इसी तरह से छह महीने बीत गए और भाभी से बातचीत चलती रही.
मेरी उनसे साधारण बात ही होती थी. मैंने कभी भी उनसे उनकी निजी जिन्दगी को लेकर कुछ भी नहीं पूछा था.
मुझे ये भी नहीं मालूम था कि भाभी जी का खर्च कैसे चलता था.

एक दिन उनके कोई रूम पर कोई नहीं था. उनकी बेटी स्कूल गई हुई थी. घर में सिर्फ बस भाभी थीं. मैं अचानक से उनके घर आया.
चूंकि उनके घर का दरवाजा लॉक नहीं था, तो मैं अन्दर घुसता चला आया.

मैंने देखा कि भाभी उस टाइम कपड़े बदल रही थीं. चूंकि घर में कोई था नहीं, तो उन्होंने दरवाजा भी बंद नहीं किया था.
भाभी ब्लैक पैंटी और ब्लैक ब्रा में शीशे के सामने खड़ी होकर खुद को देख रही थीं.

अचानक से हम दोनों की नजर टकरा गई और मैं तुरंत नजर नीचे करके अपने रूम में वापस चला आया.

अगले दिन मेरे कुछ दोस्तों को गांव से मेरे पास आना था, तो मैं उनके साथ ही व्यस्त रहा.

AUDIO SEX STORIES HINDI


दोस्तों के आने से अगले दिन तक ना भाभी को मैंने देखा, ना भाभी ने मुझे देखा.

अगले दिन सुबह आठ बजे की ट्रेन से मेरे दोस्त वापस चले गए और मेरा साथ वाला भी दोस्तों के साथ गांव चला गया … तो मैं भी अकेला था.

उस दिन रोज की तरह सुबह से उनकी बेटी भी स्कूल जा चुकी थी. ऊपर की मंजिल वाले भी ऑफिस निकल गए थे. उनका परिवार भी इस समय नहीं था. तो पूरी बिल्डिंग में बस हम दोनों ही बचे थे.

मेरे रूम से भाभी का रूम दिखता है और उनका बाथरूम भी बाहर है.

मैं अकेले बेड पर लेट कर और दरवाजा खोल कर फोन पर अन्तर्वासना पर इंडियन भाभी की चुदाई स्टोरी पढ़ रहा था और हाथ में लंड पकड़ कर रगड़ रहा था.

भाभी की चुदाई की कहानी इतनी मस्त थी कि उसे ही पढ़ने में मदहोश था.

तभी अचानक मेरी नजर बाहर गई और मैंने देखा कि भाभी मुझे देख रही हैं.
मैंने तुरंत अपने लोअर से हाथ बाहर निकाला और सीधा बैठ गया.
भाभी ये सीन देख कर हल्के से मुस्कुराईं और अन्दर चली गईं.

इस समय भाभी ने ब्लैक नाइटी पहनी थी, जिसमें वो एक इक्कीस साल की लड़की के जैसी लग रही थीं.

अन्तर्वासना पर इंडियन भाभी की चुदाई की कहानी पढ़ने से मेरे अन्दर पहले से ही शैतान जगा हुआ था.
पर अब तक मैंने कभी किसी के साथ सेक्स किया ही नहीं था, तो हल्का सा डर भी लगा रहा था.

इस समय मेरे अन्दर तूफान उठ रहा था और मैंने बस अब इसी चक्कर में था कि भाभी को कैसे चोद दूं.

मैं बस यही सब सोचता हुआ बैठा था. कुछ देर बाद भाभी फिर से बाहर आईं, तो मैं एकदम जोश में था कि आज तो भाभी का काम उठाना ही है, इनको चोदना ही है.

मैंने भाभी से बोला- भाभी आज ब्लैक कलर की नाइटी में आप कमाल लग रही हो!
भाभी ने मुस्कुरा कर जवाब दिया कि ऐसी कमाल लगने का क्या फायदा, जब कोई देखने वाला ही नहीं हो.

मैंने झट से बोला- अरे भाभी मैं तो हूँ … मैं तो बस आपको ही देखता रहता हूँ.
भाभी आंख नचा कर बोलीं- अच्छाआआ … तुम मुझे ही देखते हो!

मैंने भी धुन में बोल दिया- हां भाभी, मेरा बस चले, तो मैं हमेशा ही आपको देखता रहूं.
भाभी मादक स्वर में बोलीं- हम्म … तभी हाथ अन्दर था क्या!
मैंने भी उनकी आंखों को पढ़ते हुए बोला- हां.

मेरे इस जबाव से भाभी कुछ शर्मा गईं और मैं भी दूसरी तरफ देखने लगा.

फिर मैंने उनकी तरफ वापस देखा, तो भाभी मुस्कुरा रही थीं. उनके मुस्कुराने से मैं समझ गया कि आज मौक़ा हाथ लग गया है … ले लो भाभी की.

मैंने अपने बिस्तर से उठा और उन्हें देखते हुए ही भाभी के करीब आ गया.

भाभी मेरी तरफ ही प्यार से देख रही थीं. उनकी आंखों में वासना साफ़ झलक रही थी. मैंने हिम्मत करते हुए भाभी का हाथ पकड़ लिया. मेरे हाथ लगाते ही भाभी पहले तो पीछे को हटीं.

लेकिन मैंने उनका हाथ पकड़े हुए ही कहा- भाभी कल जब आपको मैंने ब्रा पैंटी में देखा था, तभी से आपको चोदने का मन कर रहा है.

भाभी मेरे मुँह से ‘चोदने का मन कर रहा है ..’ सुनकर मुस्कुरा दीं और मुझे धक्का देकर अन्दर चली गईं. मैं भी पीछे चला गया और उनको पीछे से पकड़ लिया. भाभी ने कुछ नहीं बोला. मैंने उन्हें जोर से पकड़ लिया और उनके एक दूध को मसल दिया.

भाभी आह करते हुए बोलीं- धीरे से … आह लगती है.

उनके ये बोलते ही मैंने उनको पलट लिया और उनके होंठों पर होंठ रख कर चूसने लगा.
चूमने के साथ ही मैंने भाभी को अपनी बांहों में बहुत कसके जकड़ लिया. मैंने उन्हें इतनी तेज जकड़ा था कि वो सांस भी नहीं ले पा रही थीं.

मैं उन्हें किस करता रहा और वो भी मेरे चुम्बन का मजा लेती रहीं.

फिर मैंने उनको छोड़ा और दरवाज़ा बंद करके उनको गोद में उठा कर उनके बेड पर पटक दिया.

भाभी हंसते हुए बिस्तर पर फ़ैल गईं और मैं उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें तेज तेज से किस करने लगा.

कुछ ही पलों में मैंने उनकी नाइटी निकाल दी. अब मेरे सामने भाभी एक पिंक ब्रा और पिंक पैंटी में रह गई थीं.
भाभी के मुँह से बस ‘आह … धीरे धीरे करो ..’ ही निकल रहा था.

अब जब भाभी मेरे सामने ब्रा-पैंटी में थीं तो उन्हें इस तरह से देख कर मेरा मन और उत्तेजित हो गया. मैं उनके मम्मों के साथ खेलने लगा और हाथ में पकड़ कर रगड़ने लगा.

AUDIO SEX STORIES HINDI


भाभी भी मस्ती से मुझे चूम रही थीं.

फिर मैंने उनकी ब्रा निकाली और एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा. भाभी की मादक सीत्कार निकल गई और वो मेरे सर को अपने दूध पर दबाने लगीं.

मैं उनके बूब को पूरा मुँह में लेकर चूसने लगा. कभी कभी मैं भाभी की चूची के निप्पल को अपने दांतों से हल्के से काट भी लेता था, जिससे उनको दर्द भी हो रहा था.
लेकिन मुझे कुछ होश नहीं था, मैं लगातर लगा हुआ था.

उस टाइम भाभी मुझे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश भी कर रही थीं … लेकिन मैं हट नहीं रहा था.

मेरे लगातार दोनों मम्मों को किस करने और चूसने से उनके दोनों मम्मे एकदम लाल हो गया थे.

मैंने मुँह में दूध लिए ही अपनी दो उंगलियां उनकी पैंटी पर रख दीं और पैंटी के ऊपर से ही भाभी की चुत को रगड़ने लगा.

अब तक भाभी एकदम आसमान में उड़ने लगी थीं और उनके मुँह से मादक आवाजें निकलने लगी थीं- आह्ह उह आशस हह आह्ह … मत कर आह कितना सता रहा है. आह मेरे हाथ तो छोड़ दे!

मैंने भाभी के दोनों हाथों के पीछे से अपना एक हाथ फंसाया हुआ था, जिससे वो अपने हाथ से मेरा हाथ नहीं हटा पा रही थीं.

फिर मैंने पैंटी के एक हाथ से भाभी की पैंटी के अचानक से अन्दर दो उंगलियां डाल दीं और उनकी चूत के अन्दर कर उनकी रस छोड़ती चुत को कुरेदने लगा.

कुछ ही पलों में भाभी एकदम से अकड़ गईं और फड़फड़ाने लगीं.
फिर भी मैंने उनको पकड़ा हुआ था.

भाभी बोली- अब अन्दर करो … मुझसे रहा नहीं जा रहा है.
मैंने कहा- बस भाभी थोड़ी देर और रुक जाओ. आपको इतनी ख़ुशी मिलने वाली है कि आपसे सम्भाली नहीं जाएगी.

अब मैंने उन्हें छोड़ दिया और उनकी पैंटी खींच कर बाहर निकाल दी.
भाभी पूरी नंगी हो गई थीं.

मैंने उनके दोनों पैर अलग किए और उनकी चूत को ऐसे चाटने लगा, जैसे कुत्ते कटोरे में पानी पीते हैं.

वो पहले से गर्म थीं और चुत चाटे जाने एकदम पागल हो गईं.

अब उनके हाथ फ्री थे, तो भाभी मेरा सर अपनी चूत पर दबाए हुए मेरे बाल नौंच रही थीं और बोल रही थीं- आह चोद दे साले … कमीने मेरी चुत में आग लगा दी है तूने … आह जल्दी से अन्दर लंड पेल कर मुझे चोद दे.

मैं उनकी चुत में नाक डाले हुए उनकी क्लिट को रगड़ने में लगा थ और उधर भाभी जी पता नहीं क्या क्या बड़बड़ा रही थीं. मैंने उनकी चूत चाट कर उनको एकदम पागल बना दिया था.

कुछ देर बाद भाभी झड़ गईं और निढाल हो गईं.

फिर मैंने भाभी के सामने खड़े होकर अपना लंड उनके सामने कर दिया और कहा- लो अब मेरे लंड को मुँह में ले कर चूसो भाभी.

वो खुश होते हुए उठीं और मेरा लोअर नीचे करके मेरा लंड बाहर निकाल लिया.
तब तक मैंने अपनी टी-शर्ट निकाल दी और पूरा नंगा हो गया.

भाभी जी लंड चूसने लगीं.

मैं भी अब उनकी दोनों चूचियों के निप्पलों को अपनी दो दो उंगलियों में क्लॉक वाइज मींजते हुए घुमा रहा था.

अब तक मेरा लौड़ा पूरा टाइट हो चुका था. मैंने भाभी के बाल पीछे से पकड़ लिए और अपना लंड उनके मुँह में डाल कर अड़ा दिया.
उनके गले तक जाकर लंड फंस गया था.
भाभी जी की सांस रुक गई थी. भाभी छटपटाने लगीं और मुझे हाथ से मारने लगीं.

फिर मैंने उनके मुँह में से लंड बाहर लिया, तो भाभी जी लम्बी सांस लेते हुए बोलीं- क्या मेरी जान लेनी थी?
मैंने उनके होंठों को चूम कर कहा- भाभी, आप तो मेरी जान हो … मैं ऐसा कैसे कर सकता था.

कुछ देर बाद पड़ोसन भाभी ने फिर से लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
मैं उनके मुँह को चोदता रहा.

कुछ मिनट बाद मैंने उनके मुँह से लंड निकाला और उनको अपने नीचे लेटा लिया.
मैं उन्हें फिर से किस करने लगा और चूत में दो उंगलियां घुसेड़ कर चुत को रगड़ने लगा.

AUDIO SEX STORIES HINDI


उन्होंने कहा- अब अन्दर कर दो, मुझसे रहा नहीं जा रहा है.

मैंने उठ कर पोजीशन बनाई और उनके दोनों पैर फैला कर अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा.
वो लंड की गर्मी पाकर चिल्लाने लगीं- कर ना साले अन्दर.

मैं लंड रगड़ता रहा, फिर अचानक से मैंने झटका मारा और उनकी चुत के अन्दर पूरा लंड पेल दिया.

वो लंड लेते ही एकदम से उठ गईं और दर्द से कांपने लगीं.
लंड अब भी अन्दर ही था तो मैंने उनको लेटा दिया और उन पर चढ़ कर उनकी चुत को लगातार चोदने लगा.

वो चिल्लाने लगीं- आह मम्मी रे मर गई … जरा रुको तो मुझे दर्द हो रहा है!

मैं लगातार धक्का मारने में लगा रहा. कोई पांच मिनट में ही भाभी झड़ गईं और मैं उन्हें चोदता चला गया.

फिर मैंने उनको घोड़ी बनाया और पीछे से धक्का मारने लगा. मैं लंड पेलते हुए रह रह कर उनकी गांड पर भी थप्पड़ मार रहा था.
भाभी खूब चिल्ला रही थीं. मगर मैं उनको खूब दबा कर चोद रहा था.

करीब पन्द्रह मिनट बाद मैं झड़ने वाला था. मैंने लंड निकाल कर उनको पलट दिया और लंड का रस उनके मम्मों पर गिरा कर उनके बगल में ही लेट गया.

भाभी ने मुझे उसी समय प्यार से एक थप्पड़ मारा और बगल में लेट गईं.

कुछ देर बाद भाभी बोलीं- बहुत हवस है तुममें!
मैंने कहा- आज पहला दिन था, आगे और मज़ा आएगा.

भाभी मुझसे चिपक गईं.

फिर कुछ देर बाद भाभी ने उठ कर मुझे पानी दिया. पानी पीते ही मेरे अन्दर फिर से आग लग गई और मैंने उनको अपने साथ खींच लिया.

इस बार भी मैंने इंडियन भाभी की चुदाई की. और उनकी चुत को लंड से रगड़ रगड़ कर लाल कर दिया.

इसी तरह हमारी चुदाई की कहानी चल पड़ी. अभी भी मेरी भाभी से आशनाई चल रही है. फिलहाल लॉकडॉउन में मैं गांव आया हूं, तो भाभी तो बस फोन सेक्स का मजा दे पा रहा हूं. मैं दिल्ली जाने का इन्तजार भी कर रहा हूं.

Post a Comment

Previous Post Next Post