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ममेरी सास और उसकी नवविवाहिता पड़ोसन- 3 - Mameri Sas Aur Uski Navavivahita Padoson - 3

ममेरी सास और उसकी नवविवाहिता पड़ोसन- 3
ममेरी सास और उसकी नवविवाहिता पड़ोसन- 3

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Read:- देसी Xxx चुदाई कहानी में पढ़ें कि मेरी बीवी की जवान मामी ने अपनी चुदाई के बाद अपनी पड़ोसन को गर्भवती करवाने के लिए मेरे हवाले कर दिया.

दोस्तो, कैसे हो आप सभी.

ये सेक्स कहानी मेरी और मेरी बीवी की जवान मामी मनजीत कौर और उसकी एक सहेली सुमन के साथ बिताए हसीन पलों की एक यादगार है.
देसी Xxx चुदाई कहानी के पिछले भाग

ममेरी सास की नवविवाहिता पड़ोसन को लंड चुसवाया

में आपने अब तक पढ़ा था कि कैसे मैंने और मेरी बीवी की मामी मनजीत ने चुदाई के मज़े लिए. आप लोगों ने यह भी जान लिया है कि सुमन भी मेरे लंड को मुँह में लेकर मेरा वीर्य टेस्ट कर चुकी थी.
अभी मैं और सुमन अगले सात दिनों तक चुदाई का खेल खेलने के लिए घर से निकल चुके थे.

अब आगे की देसी Xxx चुदाई कहानी:

मनजीत के जाने के साथ ही मैंने भी गाड़ी स्टार्ट की और ड्राइव करने लगा.

सुमन ने मुझ से पूछा कि कहां जाना है.
मैंने उसको बताया कि मेरे एक प्रोपर्टी डीलर फ्रेंड के फ्लैट्स मोहाली में खाली पड़े हैं. मैंने उससे ही एक फ्लैट की चाबी ले ली है.
सुमन बोली- ठीक है.

चालीस मिनट बाद हम दोनों उस फ्लैट पर पहुंच गए.

मैं और सुमन फ्लैट के अन्दर गए. वो फ्लैट दो बेडरूम का था. दोनों कमरों के साथ अटैच्ड बाथरूम, बढ़िया फर्नीचर, किचन सब कुछ बहुत अच्छा था.

शाम के छह का समय हो गया था.

मैं और सुमन बेड पर एक दूसरे को बांहों में लेकर लेट गए. मैं सुमन के जिस्म की गोलाईयों को नापने लगा. कब सुमन के होंठ मेरे होंठों से जुड़ गए, मुझे इस बात का पता भी न लगा. लंड इस नए जिस्म के एहसास मात्र से ही तन गया.

आठ बजे तक हम एक दूसरे के जिस्म से खेलते रहे.

आठ बजे मैंने सुमन को बाहर चलने को बोला.

मैं और सुमन दोनों बढ़िया रेस्टॉरेंट में गए और खाना खा कर रेस्टॉरेंट से वापिस चल पड़े.

फिर हम लोग दूध और कुछ जरूरी सामान लेकर वापिस फ्लैट में आ गए.
फिर हम बाहर बालकॉनी में खड़े हो कर बातें करने लगे.

नौ बजे मैं और सुमन कमरे में आ गए. मैंने सुमन को बोला- चलो अब सुहागरात मनाते है.
सुमन ने मेरी तरफ़ देखा और अपनी नज़रें नीची कर लीं.

फिर सुमन बोली- मुझे आधा घंटा दो … और आप दूसरे कमरे में मेरी प्रतीक्षा करो.
सुमन की बात सुनकर मैं दूसरे कमरे में चला गया.

ठीक आधे घंटे के बाद मैंने सुमन के कमरे का दरवाजा खटखटाया.
सुमन की आवाज़ आई- दरवाज़ा खुला है … अन्दर आ जाओ.

मैंने दरवाज़ा खोला और कमरे में दाखिल हुआ. मैंने देखा कि सुमन बेड पर बिल्कुल दुल्हन की तरह लाल सूट पहन कर घूँघट निकाल कर बैठी थी और पूरे कमरे में से गुलाब की खुशबू आ रही थी.
मैं बेड के ऊपर गया और सुमन के पास बैठ गया.

मैंने सुमन का घूंघट उठाया. वह किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी.
मैं उसको निहारने लगा.

उसने एक बार मुझसे नजरें मिलाईं और फिर शर्मा कर नीचे देखने लगी.
सुमन ने हलका मेकअप किया हुआ था. उसके होंठों पर लगी डार्क पिंक रंग की लिपस्टिक मुझे उसकी तरफ आकर्षित कर रही थी.

मैंने उसकी दोनों गालों को पकड़ा और उसकी आंखों में देखते हुए उसके होंठों से अपने होंठ सटा दिए.
सुमन भी मेरा साथ देने लगी.

मैंने उसके होंठ का रस पंद्रह मिनट तक पिया. मैंने सुमन के होंठों को छोड़ा और उस के कपड़े उतारने लगा.

सुमन ने अपने कपड़े उतारने में मेरा साथ दिया. उसने ब्लैक कलर की ब्रा पैंटी का सैट पहना हुआ था. सुमन ने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और मेरी शर्ट और बनियान उतार दी.

सुमन मेरी बालों से भरी छाती पर हाथ फिराने लगी. मेरा लंड अंडरवियर में पूरी तरह टाइट हो चुका था. मैंने अपनी पैंट की हुक खोल दी.
सुमन ने मेरी पैंट और अंडरवियर उतार दी.

मैंने सुमन को पकड़ कर बेड पर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट कर उसके होंठों को चूम कर गालों से होते हुए उसके गले पर अपने होंठ रख दिए.

उसके गले पर मैंने हल्के से अपने दांत गड़ा दिए.
उसने भी अपने नाखून मेरी पीठ में गड़ा दिए.

मैं अपने हाथ उसकी पीठ पर ले गया और उसकी ब्रा के हुक खोल दिया.
उसके कबूतर कैद से आज़ाद हो गए और अपने फुल साइज में आकर तन गए.

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मैंने उसका एक मम्मा अपने मुँह में भर लिया.
सुमन आह आह की आवाज़ें करने लगी.

सुमन भी मेरा लंड हाथ में लेकर हिलाने लगी. मैंने दस मिनट तक उसके दोनों चूचों का बदल बदल कर रस पिया.

सुमन अब कंट्रोल से बाहर हो रही थी.
उसकी चूत से पानी किसी झरने की तरह बह रहा था, जिससे उसकी पैंटी गीली हो रही थी.

सुमन मुझे जल्दी से चोदने को बोली.

मैंने उठ कर उसकी पैंटी भी उतार दी. मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. शायद उसने आज ही अपने बाल साफ किए होंगे.

उसकी चूत डबल रोटी की तरह फूली हुई थी. उसकी चूत का मुँह बंद था.

मैंने अपनी उंगली और अंगूठे से उसकी चूत के मुँह को खोला.
मेरे हाथ के स्पर्श से ही सुमन ने आंखें बंद कर लीं.

मैं झुक कर अपना मुँह उसकी चूत के पास ले गया. मैंने अपनी जीभ निकाली और सुमन की चूत को जीभ से चोदने लगा.
सुमन के लिए यह अनुभव बिल्कुल नया था.

मैंने उसकी क्लिट को जीभ से रगड़ना चालू किया. वो पागलों की तरह अपना सिर और गांड पटकने लगी.
उसकी चूत दो मिनट बाद ही झड़ गई.

मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर से हटा लिया.
वो एकदम से शांत होकर लेट गई और धीरे धीरे अपना हाथ मेरे लंड पर आगे पीछे हिलाती रही

दो मिनट बाद वो उठी और बाथरूम में चली गई.
वो अपनी चूत को पानी से धोकर वापिस आ गई.

बेड पर वो मेरी टांगों के बीच में बैठ गई और उसने लंड को मुँह में ले लिया.
दो मिनट की सकिंग से लंड एकदम टाइट हो गया और सुमन ने अपने थूक से उसे अच्छी तरह गीला कर दिया था.

सुमन मेरी साइड में लेट गई. मैं उठ कर सुमन की टांगें फोल्ड कर उसके ऊपर आ गया. मेरा लंड उसकी चूत के मुँह से टच हो गया.

सुमन ने लंड को हाथ से पकड़ कर चूत के द्वार पर रख दिया.
मैंने एक जोरदार झटका लगाया और चार इंच तक लंड सुमन की चूत में चला गया.

सुमन के मुँह से एक चीख निकल गई.
मैंने सुमन के होंठ अपने होंठों से लॉक किये और लंड को उसकी चूत से थोड़ा बाहर निकाला.

मैंने पूरे जोर से झटका लगाया और पूरा लंड सुमन की चूत को फाड़ता हुआ चूत में चला गया.
सुमन की चीख उसके लिप्स लॉक होने की वजह से उसके गले में ही दबकर रह गई.
उसकी आंखों से पानी बह गया.

मैंने दो मिनट तक कोई भी हिल-जुल नहीं की. दो मिनट बाद मैंने सुमन के होंठ छोड़े.
सुमन मरी सी आवाज में बोली- आपके लंड ने तो मेरी जान ही निकाल दी. मेरे पति का लंड आपसे 2/3 है.
इतना बोल कर सुमन ने मुझे झटके लगाने को बोला.

मैं धीरे धीरे लंड उसकी चूत में आगे पीछे चलाने लगा. लंड उसकी चूत की दीवारों से पूरी तरह रगड़ खाते हुए चल रहा था.
मैंने पांच मिनट तक उसको स्लो स्पीड से चोदा.

अब मेरा लंड सुमन की चूत में अपनी जगह बना चुका था और सुमन की चूत का बहता पानी लुब्रीकेंट का काम कर रहा था. इस चिकनाई के कारण मैं तेज़ी से झटके लगाने लगा.

सुमन भी मेरा साथ देने लगी.
वो अपनी गांड उठा कर हर झटके का जवाब देने लगी.

सुमन चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी.
वो अपनों आंखें बंद करके मस्ती से बड़बड़ाने लगी- आह फक मी हार्ड … आह पूरा डाल कर चोदो … आह आपके लंड ने मुझे जन्नत में पहुंचा दिया है. आह पूरे जोर से चोदो.

उसका इस तरह बड़बड़ाना मुझे उकसा रहा था. मैं भी पूरे जोर से झटके लगाने लगा.

वो हर झटके के साथ कराहने लगी. मैंने उसकी टांगें छोड़ दीं, तो उसने अपनी टांगें मेरी कमर से लिपटा लीं. मैं उसके ऊपर लेट कर झटके लगाने लगा.
उसके चुचे मेरी छाती के नीचे दब गए. उसके चुचे मुझे नर्म गेंदों की तरह महसूस हो रहे थे.

सुमन मुझे गर्दन पर चूमने लगी.

बीस मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था. मैंने स्पीड तेज़ कर दी. मेरे लंड ने वीर्य सुमन की चूत में छोड़ना चालू किया.

सुमन भी इन तेज़ झटकों से झड़ने लगी. हम दोनों एक साथ झड़ गए.

मैं सुमन के ऊपर ही लेट गया. सुमन ने मुझे कस लिया और अपनी बांहों में भर लिया.
दस मिनट तक हम ऐसे ही लेटे रहे.

सुमन ने मुझे होंठों पर चूमा.
मैं उठ कर सुमन की साइड में लेट गया.
सुमन लगभग दस मिनट तक सीधी लेटी रही.
उनके बाद सुमन ने मेरी ओर करवट बदल ली.

मैंने सुमन को पूछा- कैसा लगा?
सुमन बोली- शुरू शुरू में बहुत दर्द हुआ, फिर मुझको बहुत मज़ा आया.

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वो मुझे गालों पर चूमने लगी और एक हाथ मेरी छाती पर फिराने लगी.
अब वो मेरी गर्दन पर चूमने लगी.

मेरा लंड फिर से टाइट होने लगा. सुमन चूमते हुए नीचे जाने लगी और मेरे निपल्स को चूमने लगी. मुझे उसका इस तरह चूमना उतेजित कर रहा था.

अब सुमन उठ कर बैठ गयी और मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर हाथ आगे पीछे चलाने लगी.
उसने दूसरे हाथ से मेरे अंडकोषों को पकड़ लिया और दोनों हाथों से ताल से ताल मिलाते हुए सहलाने लगी.

उसके नर्म हाथों का स्पर्श मुझे जन्नत की सैर करवा रहा था.
मेरी आंखें बंद हो गई थीं और मैं सुमन के तज़ुर्बे को महसूस करने लगा था.
उसके हाथों के स्पर्श से लंड बिल्कुल टाइट हो गया था.

तभी मुझे लंड पर नर्म से महसूस हुआ मैंने देखा सुमन लंड के सुपारे को अपने नर्म और गुलाबी होंठों में लेकर चूस रही थी.
वो लगभग तीन इंच तक लंड मुँह में डाल कर चूस रही थी.

मैंने अपने हाथ उसके सिर पर रख कर हल्के से उसको लंड की तरफ खींचा और नीचे से एक झटका लगा दिया.
लंड उसके गले तक पहुंच गया.

उसने पूरे ज़ोर से सिर पीछे खींचा और लंड को मुँह से निकालने के साथ ही वो खांसने लगी.

कुछ देर बाद सुमन ने लंड फिर से मुँह में डाला और चूसने लगी.
अब वो पांच इंच के करीब लंड मुँह में ले रही थी.
उसने दस मिनट तक लंड को अच्छी तरह चूसा.

फिर मैंने उसको डॉगी स्टाइल में आने को बोला.
सुमन घुटनों और बाजुओं के बल डॉगी स्टाइल में आ गई.

मैं सुमन के बैक साइड में चला गया और अपना लंड सुमन की चूत में डाल दिया. मैं अपनी कमर चलाने लगा. सुमन हर झटके के साथ आगे पीछे होने लगी.
सुमन के मुँह से कामुक आवाज़ें निकलने लगीं.

मैं पूरी तेज़ी से झटके लगाने लगा.
मैंने एक हाथ सुमन के बगल से ले जाते हुए उसके एक चूचे के निप्पल को पकड़ लिया और धीरे धीरे दबाने लगा.

मैं और सुमन बुरी तरह हांफ रहे थे. दस मिनट की चुदाई के बाद मैंने लंड सुमन की चूत में से निकाल लिया.

मैंने सुमन को बेड से नीचे खींचा. सुमन बेड के नीचे खड़ी हो गई और आगे की ओर झुक गई. मैं सुमन के पीछे खड़ा हो गया और सुमन की चूत में लंड डाल दिया. अब मैं बुलेट ट्रेन की तरह झटके लगाने लगा.

सुमन हर झटके के साथ बुरी तरह हिल रही थी.

पांच मिनट की चुदाई के बाद लंड ने सुमन की चूत में फिर से वीर्य गिरा दिया.

अब मैं और सुमन पूरी तरह थक गए थे.

मैंने सुमन की चूत से लंड निकाला और बेड पर लेट गया. सुमन भी मेरे बगल में लेट गई.

रात के साढ़े ग्यारह हो गए थे. पूरी तरह से थके होने की वजह से हम दोनों बिना कपड़ों के ही कब सो गए, हमें पता भी नहीं लगा.

सुबह नौ बजे मेरी आंख तब खुली, जब सुमन ने मुझे उठाया और गुड मॉर्निंग विश की.
मैंने उसके होंठों पर एक जोरदार किस की.

उसने उठ कर लंड के सुपाड़े पर एक जोरदार चुम्मा दिया. लंड ने भी उसके चुम्मे का जवाब एक जोरदार सैल्युट के साथ दिया.

हम दोनों फ्रेश हुए और सुमन ने हम दोनों के लिए चाय बनाई.

उसके बाद हम दोनों घूमने के लिए चले गए.
सुमन ने मेरे लिए गिफ्ट्स और कपड़े खरीदे, मैंने भी उसके लिए ब्रा पेंटी के सैट और कुछ ज्वेलरी खरीदी.

उसके बाद हम फ़िल्म देखने चले गए. थिएटर में बहुत कम लोग थे, हमने वहां भी बहुत मस्ती की. थिएटर में भी मैंने सुमन के होंठ चूसे और उसके चूचों का रस पिया.

रात को डिनर करने के बाद हम फिर फ्लैट पर वापिस आ गए.
उस रात मैंने सुमन को तीन बार चोदा.

इस तरह से उन सात दिनों में मैंने सुमन को उस फ्लैट के हर एक कोने और हर स्टाइल से चोदा.

सुमन भी दिन रात बिना कपड़ों के हर समय चुदाई के लिए तैयार रहती थी.

उसके बाद हम वापिस आ गए.

मनजीत ने सुमन के पति से बात की और सुमन अपने ससुराल चली गई.

वहां सुमन ने अपने पति से अगले दस दिन तक लगातार सेक्स किया.

अगले महीने सुमन ने मुझे फोन करके बताया कि मैं प्रग्नेंट हो गई हूँ.
मुझे यह सुनकर बहुत खुशी हुई और मैंने उसे बधाई दी.
सुमन ने मुझे धन्यवाद बोला और जल्दी मिलने का वायदा किया.

पंद्रह दिन बाद सुमन ने मुझे मनजीत के घर पर बुलाया.
मैं मनजीत के घर पहुंच गया.

सुमन ने मुझे मनजीत के सामने ही बांहों में भर लिया और मेरे होंठों से अपने होंठ सटा दिए. वो दस मिनट तक मेरे होंठों का रस पीती रही.

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दस मिनट बाद उसने मेरे होंठ छोड़े और नीचे बैठ कर मेरी पैंट और अंडरवियर सरका कर नीचे कर दी.
वो घुटनों के बल बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी. उसने दस मिनट तक लंड चूसा और सोफे पर बैठ गई.

मैंने उससे कहा- सुमन अपने कपड़े उतारो.
उसने बोला कि वो कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती. तुम मनजीत की चुदाई कर लो.

मनजीत सुमन के सामने ही कपड़े उतार कर नंगी हो गई.

मैंने सुमन के सामने ही मनजीत को चोदना चालू कर दिया.

पंद्रह मिनट की चुदाई के बाद लंड से वीर्य निकलने वाला था. मैंने लंड मनजीत की चूत से निकाल कर सुमन के मुँह में डाल दिया.
मैंने उसका सिर पकड़ कर पूरा लंड उसके गले तक उसके मुँह में डाल दिया.
लंड ने वीर्य से सुमन का मुँह भर दिया. सुमन पूरा वीर्य निगल गई.

मैंने लंड सुमन के मुँह से निकाल लिया. थोड़ा वीर्य उसके होंठों पर लग गया था. मनजीत ने सुमन के होंठों से अपने होंठ सटाये और उसने पूरा वीर्य सुमन के होंठों से साफ कर दिया.

उस दिन के बाद सुमन मुझ से अगले दस महीने तक नहीं मिली.
मनजीत मुझ से महीने में तीन चार बार चुदाई जरूर करवाती रही.

आठ महीने बाद मनजीत ने मुझे बताया कि सुमन ने एक लड़के को जन्म दिया है. मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई.

लड़का पैदा होने के बाद सुमन हर पंद्रह दिन में मेरे से चुदाई करवाती है. अब उसको मेरे लंड की आदत हो चुकी है.
मैंने सुमन और मनजीत दोनों को बहुत बार एक साथ भी चोदा.

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