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अपनी गर्लफ्रेंड को पहली बार चोदा - Apni Girlfriend Ko Pehli Bar Choda

अपनी गर्लफ्रेंड को पहली बार चोदा
अपनी गर्लफ्रेंड को पहली बार चोदा

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Read:- देसी GF सेक्स कहानी में पढ़ें कि पड़ोस की एक लड़की ने अपनी सहेली के माध्यम से मुझसे दोस्ती की. बात सेक्स तक कैसे पहुंची और मैंने उसे कैसे चोदा?

हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम मस्तराम है जो कि काल्पनिक है. मैं अपनी पहचान नहीं बता सकता हूँ. मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ.
मेरे लंड का साइज काफी बड़ा है, ये 8 इंच लंबा और तीन इंच मोटा है, जो किसी भी लड़की या भाभी को संतुष्ट कर सकता है.

यह देसी GF सेक्स कहानी मेरे और मेरी गर्ल फ्रेंड डिम्पल की चुदाई की है.

बात तब की है, जब मैंने जवानी की दहलीज पर कदम रखा था. उस समय हमारे पड़ोस की ही एक लड़की मुझसे प्यार करने लगी थी.
मुझे यह बात उसकी सहेली से पता चली थी. हालांकि मैं उसकी बहन से प्यार करता था … लेकिन उसकी बहन किसी और से प्यार करती थी.

फिर मैंने सोचा इसकी बहन तो पटने से रही क्यों न इसी डिम्पल को पटा कर काम चलाया जाए.
मेरी इस पड़ोस की लड़की का नाम डिम्पल था.
डिम्पल भी अपनी बहन जैसी ही एक बहुत मस्त दिखने वाली लड़की थी. उसकी फिगर 32-28-34 की थी.

मैंने उसकी सहेली को अपना नंबर दे दिया और कहा- अपनी सहेली से मेरी बात कराओ.

थोड़ी देर के बाद मेरे फोन पर डिम्पल का कॉल आया.

मैंने पूछा- आप कौन?
उसने मुझे बताया कि मैं डिम्पल बोल रही हूं.

हमारी बात शुरू हुई और उसने मुझे प्रपोज कर दिया.
मैंने भी उसको आई लव यू टू बोल दिया.

उस दिन के बाद हमारी बातचीत होना शुरू हो गयी.

हम दोनों रात रात भर बात किया करते और रात में ही ओरल सेक्स किया करते थे.

वो मुझसे चुदाई की बातें करते समय बड़ी गर्म हो जाती थी.
जब मैं उसे रीयल में चुदाई करने के कहता था वो इस बात पर चुप हो जाती थी.
दरअसल वो मुझसे अकेले में मिलने से काफी डरती थी कि कहीं मैं उसे चोद न दूं.

मैंने उससे जब भी मिलने की कही, तो वो अपनी सहेली के साथ ही मुझसे मिलने आई.

जब मैं फोन पर अकेले मिलने की बात करता था तो वो बस हंस कर मेरी बात को घुमा देती थी.
मैं समझ ही नहीं पा रहा था कि अपनी गर्लफ्रेंड डिम्पल को पहली बार कैसे अकेले में मिल सकूँ.

मैंने एक दिन उसकी सहेली से भी एक बार कहा- तू इसे समझा कि मुझसे अकेले में क्यों नहीं मिलती.

इस पर उसकी सहेली ने मुझे आने वाले वैलेंटाइन डे की याद दिलाई.
मैं उसकी बात से खुश हो गया और उसे थैंक्स कह कर डिम्पल को उस दिन अकेले में मिलने का प्रोग्राम बना लिया.

फिर वेलेंटाइन डे का दिन आया.
मैंने डिम्पल को कॉल किया और कहा- आज मुझे तुमसे मिलना है.
वो राजी हो गई.

उसने मुझे अपने घर के पीछे दरवाजे से बुलाया. मैंने उसे गुलाब दिया और उसको लिपकिस करने लगा.

डिम्पल को किस करते करते मैंने उसके 32 इंच नाप वाले चूचे भी दबा दिए.
वो उंह करके उछल गई.

मुझे डिम्पल के मम्मे दबाने में बड़ा मजा आया.
वो एक बार को पीछे हटी और बोली- ये क्या कर रहे हो?

मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और उसे अपने जिस्म से चिपका कर चूमने लगा.

मैंने उससे कहा- क्यों क्या हुआ?
वो मेरी छाती पर मुक्का मारती हुई बोली- अचानक से कर दिया, मैं डर गई.

मैंने उसकी चूचियों को फिर से दबाया और कहा- अब तो नहीं डरी न?
वो हंसने लगी और बोली- बड़े नॉटी हो!
मैंने कहा- अभी नॉटीनैस देखी किधर है मेरी बुलबुल … अब देख.

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ये कह कर मैंने उसकी सलवार हाथ डाल दिया.
उसने मुझको धक्का दे दिया और बोली- लवर जी … ये सब शादी से पहले नहीं करने का.
मैंने कहा- क्यों किसी बाबा से छेद के लिए गंडा लिया है क्या?

वो समझ न सकी और बोली- किस गंडे की बात कर रहे हो … मुझे समझ नहीं आ रहा है.
मैंने कहा- रानी मजा लो जवानी का … फ़ालतू नखरे में कुछ नहीं रखा है.

मगर वो मुझे हाथ लगाने ही नहीं दे रही थी.
मैं वहां से गुस्सा होकर चला आया और अपने घर आ गया.

उसके बाद उसका फोन आया, तो मैंने कॉल नहीं रिसीव किया.
दो दिन तक मैंने उससे बात नहीं की.

तभी मेरे घर के सभी लोग शादी चले गए. मैं नहीं गया मेरे कॉलेज की वजह से मुझे जाने में दिक्कत थी.
घर के बाकी के सब लोग चले गए.
वो सब दो दिन बाद वापस आने वाले थे.

डिम्पल को यह बात पता चली कि मेरे घर पर कोई नहीं है … तो वह सीधा मेरे घर पर चली आयी.

मेरे घर आते ही उसने मुझको चांटा मार दिया और बोली- मेरा फोन क्यों नहीं रिसीव कर रहे हो?
वो मुझसे चिपक कर रोने लगी और सॉरी बोलने लगी.

जब वो मुझसे चिपकी, तो उसके 32 के आकार के बूब्स मेरे सीने से चिपक गए और मेरा लंड फन उठाने लगा.

मैंने उसे अपनी छाती से चिपका लिया. अब मेरा हाथ उसकी पीठ को सहला रहा था.
वो सुबक रही थी तो मैंने उसके ठोड़ी को पकड़ कर उसका सर उठाया और उसके होंठों को किस करना शुरू कर दिया.
वो भी मुझे चूमने लगी.

मैं उसके मम्मों को दबाने लगा और उसकी रजामंदी को चैक करने लगा.

वो मेरे हाथों को खुद से अपने मम्मों पर रखवा कर दूध दबवाने लगी.

मैंने उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया.
पर आज उसने मेरा कोई विरोध नहीं किया. इससे मेरी हिम्मत और बढ़ने लगी.

इधर मेरा लंड फुंफकार मारने लगा था. वो भी मादक सीत्कार भरने लगी. आज डिम्पल चुदने के मूड में लग रही थी.

मैंने उससे पूछा- आज गंडा उतार कर आई है क्या?
वो कुछ नहीं बोली, बस मेरे होंठों को जकड़ कर चूमने लगी.

मैंने उसके मुँह में जीभ डाल दी. वो मेरी जीभ को लॉलीपॉप के जैसी चूसने लगी.
मुझे भी उसकी इस हरकत से सेक्स चढ़ने लगा. मैंने भी उसे गोद में उठा लिया और बिस्तर पर ले आया.

हम दोनों ही बेहद कामुक हो उठे थे और एक दूसरे के साथ नाग नागिन से लिपटे हुए थे.

मैंने भी कुछ ही देर में डिम्पल की चूत सहला कर उसे इतना गर्म कर दिया कि वो बिन पानी के मछली की तरह छटपटाने लगी.

डिम्पल मुझे बेतहाशा चूमने लगी और तरह तरह की मादक आवाजें निकालने लगी- आह उंह आह … अब आज मुझे चोद दो … मुझसे अब रहा नहीं जाता.

चूंकि ये मेरा भी पहला सेक्स अनुभव था इसलिए मैं भी थोड़ा अनाड़ी था.
मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और कुर्ती को भी उतार दिया.

अब मेरे सामने डिम्पल केवल रेड कलर की ब्रा और पैंटी में अधनंगी पड़ी थी.

मैंने भी ज्यादा देर न करते हुए अपने सारे कपड़े उतार दिए.
वो मेरा हैवी लंड देखकर हैरान हो गयी और बोली- आह मैं नहीं ले सकती इतना बड़ा!

मैंने उसको समझाया, तब भी वो मानने को तैयार नहीं थी.
मैं उसको दोबारा से किस करने लगा और उसकी चूत में उंगली घुसाने लगा.

डिंपल जल्दी ही पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी. मैं उसकी चूत को चाटने लगा और चूसने लगा.
मेरी देसी GF सेक्स से बेचैन होकर मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाने लगी और बोलने लगी- आह और जोर से चूसो … खा जाओ इसे आह आह … और जोर से आह आह.

कुछ ही देर में उसका शरीर अकड़ चुका था और उसने पानी छोड़ दिया.
मैंने वो सारा अमृत पी लिया.

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मैं फिर से उसको लिपकिस करने लगा और उसके मम्मों को मुँह में भर कर काटने व चूसने लगा.

अब मैंने उससे अपना लंड चूसने को बोला तो वह आना-कानी करने लगी.
पर मैंने उसे मना ही लिया और अपना 8 इंच का लंड उसके मुँह में दे दिया.

वह लॉलीपॉप की तरह मेरा लंड चूसने लगी थी.
मैं उसका सिर पकड़कर उसके मुँह को चोदने लगा.

करीब 15 मिनट के बाद मैंने उसके मुँह में ही अपना वीर्य छोड़ दिया और उसे दोबारा से किस करना शुरू कर दिया; उसके बदन को सहलाने लगा, वह फिर से गर्म हो चुकी थी.

मैंने अब ज्यादा देर ना करते हुए अपने लंड पर खूब सारी वैसलीन लगायी और उसकी चूत में भी खूब अन्दर तक उंगली से लगा दी.
फिर मैं उसकी चूत पर अपने लंड को रख कर उसे लिप किस करने लगा.

जैसे ही उसका ध्यान चूत की ओर से हटा, मैंने एक जोर का धक्का लगा दिया.
इससे मेरा आठ इंच का लंड उसकी चूत में आधा जा चुका था.

आधा लंड घुस जाने वो छटपटाने लगी और जोर से चीखने की कोशिश करने लगी.
पर वो चीख नहीं सकती थी क्योंकि मैंने अपना मुँह से उसके मुँह को बंद कर रखा था.
साथ ही उसके ऊपर लेटे हुए उसे पूरी तरह से जकड़ रखा था.

मैं यूँ ही रुका रहा और थोड़ी देर तक मैंने कोई हरकत नहीं की. बस उसे किस करता रहा.
उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे और चूत से खून की धार निकल रही थी.

कुछ देर के बाद जब उसका दर्द कुछ कम हुआ … तो मैंने अपने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया.
मैंने फिर से एक जोर का झटका मारा, इस बार पूरा लंड चूत को चीरता हुआ अन्दर जा चुका था.

और वो बुरी तरह रोने लगी थी.
डिम्पल मुझसे छोड़ देने की विनती करने लगी, पर मैं पागलों की तरह उसे चूमने लगा और अपने लंड को आगे पीछे करने लगा.

कुछ ही देर में उसका दर्द खत्म हो गया और वो नीचे से मेरे धक्कों जवाब देने लगी.
उसकी उत्तेजना देख कर मैंने अपने धक्कों की स्पीड तेज कर दी.

वो कहने लगी- आह और जोर से आह और जोर से … आह उंह आह.

बस यही सब कहते हुए डिम्पल का शरीर अकड़ गया और वो निढाल होकर पड़ गयी.
मैं भी अब झड़ने वाला हो गया था, तो मैं और जोर जोर से उसे चोदने लगा.

दो मिनट के बाद मैं भी उसके अन्दर झड़ गया और उसके ऊपर गिर पड़ा.

मैंने उसको आई लव यू बोला, तो वो भी मुझे आई लव यू टू बोली.

जब मैंने अपना लंड चुत से निकाला, तो वह खून से सना हुआ था. बिस्तर की चादर पूरी तरह से खराब हो चुकी थी.

उसने ये देखा तो पहले तो घबरा गई; फिर मैंने उसे समझाया तो वो चुप हो गई.

वो मुझसे अलग हुई और उठने लगी.
मगर डिम्पल ठीक से चल नहीं पा रही थी तो वो मेरी तरफ कातर भाव से देखने लगी.

मैंने उसको सहारा दिया और बाथरूम तक ले गया.
उसने खुद को साफ़ किया और वापस आ गई.

मैंने चादर बदल दी, वो बिस्तर पर बैठ गई.

वो मुझसे कहने लगी- तुम मेरे अन्दर ही निकल गए थे. कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाए.

मैंने बाजार से उसे एक गर्भनिरोधक गोली और एक बुखार और दर्द की गोली लाकर दी.

करीब 2 घंटे के बाद जब उसका कुछ दर्द कम हुआ, तो वह अपने घर जा पाई.

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