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कंस्ट्रक्शन साइट पर जवान लड़की की चुदाई - Construction Site Par Jawan Ladki Ki Chudai

कंस्ट्रक्शन साइट पर जवान लड़की की चुदाई
कंस्ट्रक्शन साइट पर जवान लड़की की चुदाई

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Read:- कमसिन लड़की की चुदाई कर दी मैंने एक आधे बने मकान में. मैं वो मकान बनवा रहा था. वहां एक लड़की बार बार मेरी ओर देखती थी. मैंने क्या किया?

दोस्तो, कैसे हो आप सभी?
उम्मीद करता हूं आप सभी स्वस्थ होंगे और चुदाई का मज़ा ले रहे होंगे।

मैं हरजिंदर सिंह रोपड़ (पंजाब) से एक बार फिर आप सभी का स्वागत करता हूं।

आपने मेरी पिछली कहानी

प्रिंसिपल मैडम की चिकनी चूत

पढ़ी और पसंद की धन्यवाद.
आप मेरी सारी कहानियां क्रम से पढ़ सकते हैं ऊपर दिए गए मेरे नाम पर क्लिक करके.

यह जो स्टोरी है यह एक दिलचस्प कहानी और सच्ची भी है.

यह बात आज से लगभग पांच साल पहले की है। मैंने एक घर बनाने का कॉन्ट्रैक्ट लिया था।

जब काम चलते कुछ दिन हो गए तो मैंने नोटिस किया कि पड़ोस में रहने वाली एक लड़की वहां पर आती थी.

जहां पर हम कंस्ट्रक्शन का काम कर रहे थे उस तरफ दिन में वो तीन चार चक्कर लगा देती थी.
उसकी उम्र उस समय लगभग 19-20 साल थी, रंग गेहुआं, बड़े बड़े 36 के बूब्स, गांड पीछे की तरफ निकली हुई थी।

उसका भरा हुआ शरीर मुझे अच्छा लगा।
जब वो बार बार आ रही थी तो मैं भी उससे नज़रें मिलाने लगा। जब हमारी निगाहें मिलतीं तो वो भी हल्का सा मुस्करा देती थी।

ऐसे ही दो तीन दिन के बाद एक दफा मैं घर के पीछे किसी काम से गया।

वो भी उस तरफ आ गई।
हमारी नज़रें आपस में टकराईं और उसने नज़रें नीची कर लीं।

मैंने उसका नाम पूछा.
तो उसने अपना नाम रुबैया (बदला हुआ नाम) बताया।

मैंने उसको बोला- तुम बहुत खूबसूरत हो।
वो बिना कुछ बोले सिर झुकाकर खड़ी रही।
मैंने उसको बोला- आप मेरे मन को बहुत भा गई हो और मैं आप से फ्रेंडशिप करना चाहता हूं।

रुबैया ने कुछ नहीं बोला और वो वहां से चली गई।
मुझे लगा कि मैंने जल्दबाज़ी कर दी है।

इस वाकये के बाद वो दो दिन तक दोबारा मुझे दिखाई नहीं दी।
मैंने भी अब उसके बारे में सोचना छोड़ दिया।

तीसरे दिन वो मुझे बाहर गली में आती हुई दिखाई दी.

मैंने उसको एक बार देखा और जब उसने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसको देखना बंद कर दिया।
वो वहां से आगे निकल कर चली गई।

जाने के बाद मैं फिर घर के बैक साइड चला गया, जहाँ हम पहले मिले थे।

10 मिनट बाद रुबैया भी वहां पर आ गई।
रुबैया मेरे से थोड़ी सी दूरी पर खड़ी हो गई और बोली- मुझे आपका ऑफर मंज़ूर है।
मुझे उसका जवाब सुनकर बहुत खुशी हुई।

उसने मुझे एक कागज़ का टुकड़ा पकड़ाया और चली गई।
उस कागज़ के टुकड़े पर रुबैया का मोबाइल नंबर लिखा हुआ था. उस पर उसने समय भी लिख दिया था कि किस टाइम कॉल करना है.

शायद वो पूरा दिन फ्री नहीं थी इसलिए उसने कुछ खास समय लिख दिया था ताकि मैं उसको उसी वक्त पर कॉल कर सकूं और हम दोनों की बातचीत हो सके.

मैंने उसी दिन रुबैया के बताए समय के अनुसार फ़ोन किया।
रुबैया और मेरी नार्मल बातें हुई।
हफ्ता भर नॉर्मल बातों के बाद हमारी सेक्स संबंधित बातें शुरू हो गईं।

अब वो हमारी कंस्ट्रक्शन साइट पर भी आ जाती थी। जहां मैं उसको किस कर लेता था और उसके बूब्स दबा देता था।

ऐसे ही लगभग डेढ़ महीना गुज़र गया।
हमको चुदाई के लिए मुनासिब जगह नहीं मिल रही थी।

रेस्टॉरेंट में जाने से रुबैया मना कर रही थी। इधर हमारा ग्राउंड फ्लोर पूरा बन गया था और हम फर्स्ट फ्लोर पर काम कर रहे थे।

रुबैया ने एक दिन फ़ोन पर बताया कि दो दिन बाद उनके गांव के एक मंदिर में मेला है। गांव के सभी लोग उस मेले में जाने वाले हैं। रुबैया के भी परिवार के सभी सदस्य मेले में जाने वाले थे.

मैंने पूछा- तुम भी जाओगी मेले में?
वो बोली- नहीं, मैं यहीं रुक जाऊंगी. घरवालों को बीमारी का कुछ बहाना बना दूंगी.

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उस दिन उसने मुझे काम बंद रखने के लिए बोला. उस दिन मैंने भी अपने सभी वर्कर्स को बोला कि वो छुट्टी कर लें.

तय किये हुए दिन और समय पर मैं अपने एक दोस्त को लेकर साइट पर पहुंच गया।

आधे घंटे बाद रुबैया भी आ गई। उसने स्काई ब्लू कलर का सूट पहन हुआ था। होंठों पर हल्की गुलाबी लिपस्टिक उसकी खूबसूरती को चार चांद लगा रही थी।

मैं और रुबैया ग्राउंड फ्लोर के एक कमरे में चले गए। वहां पर हमने दोपहर को आराम करने के लिए एक लोहे का बेड डाला हुआ था. उस पर प्लाई बोर्ड लगा हुआ था जिससे आराम से लेटा जा सके.

कमरे में जाते ही मैंने रुबैया को पकड़ कर अपनी बांहों में भींच लिया और उसकी गांड पर लौड़ा दबाकर उसकी चूचियों को हाथों में भर लिया और दबाने लगा.
वो मेरे इस प्रहार से कसमसा गयी.

फिर मैंने उसको अपनी ओर घुमाया और उसके होंठों से होंठों को मिला दिया.
हम दोनों किस करने लगे.

मैंने उसके होंठों का रस पीना चालू कर दिया और उसकी आँखों में देखने लगा।
उसने शर्म से आंखे बंद कर लीं।

मैं अपने एक हाथ से उसके निप्पल को सूट के ऊपर से ही पकड़ कर दबाने लगा।
वो अब जोर से कसमसाने लगी।

कुछ समय बाद वो किस करने में मेरा साथ देने लगी।
कुछ देर बाद वो इतनी मस्ती में आ चुकी थी कि मुझे पागलों की तरह चूमने लगी।
वो मुझे तब तक चूमती रही जब तक कि उसका मन नहीं भर गया।

उसके बाद मैंने उसको उठाया और उसका कमीज़ और सलवार उतार दी।
उसने ब्लैक कलर की ब्रा और पैंटी का सेट पहना हुआ था।

मैंने उसकी गर्दन पर अपने होंठ रखे और जीभ से उसकी गर्दन को सहलाने लगा.
वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी।

मैंने काफी देर तक उसकी गर्दन पर अपनी जीभ फिराई।
उसकी सांसें तेज़ी से चलने लगीं।
उसने अपने हाथ से मेरा लन्ड पैंट के ऊपर से ही पकड़ लिया।

फिर उसने उठकर मेरी बेल्ट खोली और पैन्ट और अंडरवियर एक साथ उतार दिए।
मैंने पैंट उतारने में उसका साथ दिया।

उसने मेरा लन्ड पकड़ा और हाथ को आगे पीछे चलाने लगी।
मैंने अपनी शर्ट और बनियान उतार दी।

तब मैंने रुबैया के कबूतरों को ब्रा की कैद से आज़ाद कर दिया।
फिर उसके एक चूचे को मुंह में भर लिया और दूसरे को हाथों में लेकर दबाने लगा।

कुछ देर बाद मैं उठा और उसकी कच्छी भी उतार दी।
अब हम दोनों पूर्ण रूप से नंगे हो चुके थे.

मैं और रुबैया 69 की पोजीशन में आ गए।

रुबैया मेरे लन्ड का सुपारा मुंह में भरकर लॉलीपोप की तरह चूसने लगी।
इधर मैं उसकी चूत के दाने को जीभ से कुरेदने लगा।

उसने लन्ड पूरा मुंह में ले लिया और अपनी गर्दन आगे पीछे चलाने लगी।

पांच मिनट बाद हम दोनों अलग हुए। मैंने उसको बेड की साइड में खड़ा होने को बोला।
वो बेड की साइड में खड़ी हो गई और बेड के ऊपर झुक गई।

मैं उसके पीछे आ गया और अपने लन्ड का सुपारा उसकी चूत के द्वार पर रख लिया.
मैंने उसकी कमर पकड़ कर अपनी तरफ खींचा, फिर खींच कर पीछे से एक झटका लगा दिया।

झटका लगते ही लन्ड रुबैया की चूत में घुस गया।
उसके मुंह से हल्की चीख निकल गई।

मैंने लन्ड को उसकी चूत से बाहर की तरफ खींचा और फिर अंदर धकेल दिया।

अब मैंने लंड को डालकर धीरे धीरे धक्के देने शुरू किये.
रुबैया की चूत में लंड देकर पता लग रहा था कि वो पहले भी काफी बार चुद चुकी है.

रुबैया के मुख से अब कामुक सिसकारियां निकलने लगीं।

वो मस्ती में चुदवाने लगी. अब रुबैया भी हर झटके का जवाब अपनी गांड पीछे धकेल कर दे रही थी।

कुछ ही देर में हम अलग ही दुनिया में चले गये.

रुबैया ने एक हाथ से मेरे अंडकोषों को हल्के से पकड़ लिया और अंडकोषों की हल्के हल्के मसाज करने लगी।
मुझे उसका इस तरह अंडकोषों से खेलना बहुत ज्यादा आनंदित कर रहा था।

मैं झुककर उसकी गर्दन के पीछे के हिस्से को चूमने लगा. यह उसके बदन का कमजोर बिंदू था.

मुझे गर्दन पर चूमते अभी दो मिनट भी नहीं हुए होंगे कि उसकी चूत की पकड़ लन्ड पर टाइट होने लगी.

फिर चुदते हुए उसके मुंह से एक आह्ह निकली और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
उसका चूत रस मेरे अंडकोषों को भिगोने लगा.
मैं अभी भी उसकी गर्दन पर किस कर रहा था।

चुदते चुदते वो फिर से गर्म हो गई और अपनी गांड आगे पीछे करने लगी।
मैंने लन्ड उसकी चूत से निकाल लिया।
वो मेरी तरफ आश्चर्य भाव से देखने लगी।

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मैं उसी बेड पर लेट गया।
रुबैया को कुछ भी समझाना नहीं पड़ा। वो दोनों तरफ टांगें करके चूत को लन्ड पर रखकर एक झटके में ही पूरा लंड चूत में डालकर उछलने लगी.

उसके 36 के कबूतर भी उसके साथ ही डांस करने लगे।

वो अब किसी घुड़सवार की तरह पूरे आनंद से लन्ड की सवारी कर रही थी।
उसके लन्ड पर कूदने के स्टाइल से अब साफ पता लग रहा था कि रुबैया बहुत बार चुद चुकी है।

वो लगभग 10 मिनट तक एक ही स्पीड में लन्ड पर ऊपर नीचे होती रही।
फिर उसने स्पीड तेज़ कर दी.

मेरा भी पानी निकलने वाला था।
रुबैया भी दूसरी बार झड़ने के करीब थी।

लगभग दो मिनट बाद मेरे लन्ड और रुबैया की चूत का फव्वारा एक साथ फूट गया।
रुबैया मेरी छाती पर लेट गई। वो अपनी जीभ से मेरे निपल्स को कुरेदने लगी।

मेरे कड़क लौड़े ने पूरा अकड़कर एक के बाद एक वीर्य की पांच छह पिचकारियां रुबैया की चूत में छोड़ीं।

मैंने रुबैया को गालों से पकड़ा और उसका मुंह अपनी तरफ करके उसके होंठों से अपने होंठ सटा दिए।
वो भी मेरा साथ देने लगी।

पांच मिनट बाद मैंने उसको नीचे उतरने को बोला.
वो साइड में होकर के लेट गई।

मैंने रुबैया को एक और राउंड चुदाई के बारे में बोला।
चुदाई के दूसरे राउंड के लिए वो मना करने लगी।

फिर मेरे ज्यादा जोर देने पर फिर से चुदने के लिए राजी हो गयी.
उसने मुझे जल्दी करने को बोला।

मैंने उसको लन्ड मुंह में लेने का इशारा किया. थोड़े नखरे दिखाने के बाद रुबैया ने लन्ड मुंह में डाल लिया और उसके नर्म होंठों के स्पर्श से लन्ड एक बार फिर उसकी चुदाई के लिए रेडी हो गया।

रुबैया ने लगभग पांच मिनट तक लन्ड को अच्छे से चूसा।
मैंने लन्ड उसके मुंह से निकाल लिया और उसको उसी पलंग पर लिटा दिया।

वो टांगें फैलाकर लेट गई।
मैं उसके ऊपर झुक गया और लन्ड को उसकी चूत के द्वार पर रखकर एक झटके में उसकी चूत में उतार कर उसके ऊपर लेट गया।

मैंने उसका एक स्तन अपने मुंह में भर लिया और उसको चूसने लगा।
वो मेरे बालों में हाथ फिरने लगी।

लगभग दो मिनट बाद मैंने उसका बोबा मुंह में से निकाल दिया। मैंने देखा कि उसका कबूतर वहां से लाल हो गया था।

फिर मैंने चूत में लन्ड आगे पीछे करना चालू किया।
मगर वो पलंग इतना आरामदायक नहीं साबित हो रहा था. रुबैया ने मुझे रुकने को बोला।

उसके कहने पर मैंने लन्ड उसकी चूत से निकाल लिया।

वो फिर पलंग की साइड में खड़ी हो गई और अपनी कोहनी प्लंग पर रख कर झुककर खड़ी हो गई।
मैं उसके पीछे आया और उसकी चूत में लन्ड डालकर बिना रुके उसको चोदने लगा।

अब वो हर झटके के साथ आह … आह … करने लगी।
उसकी चूत से निरंतर पानी निकल रहा था जो कि लुब्रिकेशन का काम कर रहा था।

चुदाई होते हुए कमरे में फच … फच … की आवाज़ आने लगी।

रुबैया हर झटके के जवाब में अपनी गांड पीछे धकेलने लगी। मैंने भी स्पीड बढ़ा दी। लगभग बीस मिनट की चुदाई के बाद रुबैया की चूत से पानी बह निकला।

चूत का पानी निकलते ही वो निढाल सी हो गई।
पर मैंने झटके लगाना जारी रखा।

उसके पांच मिनट बाद मेरा भी पानी निकलने वाला था।
रुबैया बोली- वीर्य चूत में नहीं गिराना। मैं इसको टेस्ट करना चाहती हूं।

मैंने लन्ड रुबैया की चूत से निकाल लिया. रुबैया बिजली की फुर्ती से अपने घुटनों के बल होकर बैठ गई।
उसने लन्ड मुंह में भर लिया और पूरा गले तक उतार लिया।

अब मैंने उसका सिर पकड़ा और उसके मुंह में चार पांच झटके लगा दिए। लन्ड का सुपारा उसके गले तक पहुंच गया और लन्ड ने वीर्य से उसका गला भर दिया.

गले में लंड होने के कारण रुबैया को सांस लेने में परेशानी होने लगी। उसने मुझे थोड़ा पीछे धकेल दिया।

उसने लन्ड को मुंह से तब तक नहीं निकाला जब तक कि वो वीर्य की आखिरी बूंद तक नहीं निगल गई।

उसके बाद हम दोनों उठे और अपने कपड़े पहन लिये।

रुबैया ने मुझे टाइट हग किया और वहां से चली गई। रुबैया के जाने के बाद मैं भी अपने दोस्त के साथ वहां से चला आया।

इस चुदाई के बाद मैंने रुबैया की बहुत बार चुदाई की। वो मेरे से बहुत बार चुदी।

दो साल पहले उसकी शादी हो गई। शादी से चार दिन पहले भी वो मेरे से आकर चुदी।

जब से उसकी शादी हुई है तब से वो हर एक महीने में एक बार तो मुझसे मिलने आती ही है. हम दोनों खूब इंजॉय करते हैं.
आज रुबैया के पास एक डेढ़ साल का लड़का भी है.

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