Stories Uploading Time

7:00 am, 7:30 am, 8:00 am, 8:30 am, 9:00 am, 7:00 pm, 7:30 pm, 8:00 pm, 8:30 pm, 9:00 pm Daily 10 Stories Upload

नई चूत का मज़ा लेने का नशा-3 - Nai Chut Ka Maza Lene Ka Nasha - 3

नई चूत का मज़ा लेने का नशा-3
नई चूत का मज़ा लेने का नशा-3

Support Us Link:- Click Here

For Audio: - Click Here

Read:- Previous Part: - नई चूत का मज़ा लेने का नशा-2

एक तकिया मैंने उसके चूतड़ों के नीचे टिका दिया और पहले उसकी झांटों पे हाथ फेरा। उसकी झांटें गहरे काले रंग की और बहुत घनी घुँघराली थीं, हाथ फेरा

तो लगा किसी बढिया ग़लीचे को छू लिया।
फिर उंगली दुबारा चूत में दी।
जैसे ही उंगली थोड़ी सी अंदर घुसी, उसकी चूत का पर्दा रास्ते में आ गया, मैं भौंचक्क हो गया।
यह नीलम रानी तो अभी तक कुमारी थी।

उसकी बातों से या उसके लण्ड चूसने के ज़बरदस्त स्टाइल से तो लगता था कि वो घाट घाट का पानी पी चुकी है।
शायद वो मर्दों के साथ लण्ड चूसने के आगे न बढ़ती हो।
अब मुझे शक सा भी होने लगा था कि पता नहीं चुदवाएगी या नहीं !

पर यहाँ तो वो चुद जाने के लिये पूरी तत्पर होकर आई थी। शायद सोचा होगा कि एक ना एक दिन तो चुदना है ही, तो चलो आज क्यों नहीं।
मेरी तो ऐश लग गय कि एक कुमारी लड़की को चुदी हुई औरत बनाने का मौक़ा मिला। कुमारी को चोदने का मज़ा भी तो बेहिसाब आता है।
लण्ड चूत के मुहाने पे जमा के मैंने एक ज़ोर का धक्का दिया, मेरा लौड़ा उस बारीक सी झिल्ली को फाड़ता हुआ चूत में घुस गया।

चूत क्योंकि बहुत रसा रही थी, इसलिये लण्ड घुसने में बिल्कुल भी दिक्कत न हुई, हालांकि उसकी कुमारी बुर बहुत कसी थी जैसी अनचुदी चूतें होती हैं। फटे

हुए पर्दे से गर्म गर्म लहू निकलने लगा जिससे चूत में खूब पिच पिच मच गई जबकि लण्ड को तो बड़ा मज़ा आया उबलते उफनते खून की बौछार में भीग

के !
नीलम रानी कराहने लगी और रोते रोते बोली- सर मैंने कहा था इतना बड़ा मेरे छोटे से छेद में कैसे घुसेगा…हाय…हाय… बहुत दर्द हो रहा हे… उई माँ…अब ना बचूंगी… आपने पूरा घुसेड़ के मुझे नीचे से फाड़ डाला… अब क्या होगा सर?…हाय…राम…आपने कंडोम भी नहीं पहना…बच्चा ठहर गया तो

मेरा क्या होगा?’
मैंने उसे बड़े प्यार से चूमा, उसके आँसू पौंछे और उसका पूरा मुँह पे बहुत सारी चुम्बन लिये।
मुझे पता था कुमारी लड़कियाँ चूत की झिल्ली फटने पर एक बार दहशत में आ जाती हैं, घबरा जाती हैं और उनको काफी प्यार से हिम्मत देने की ज़रूरत

होती है। अभी दस मिनट में ये भी मस्त होकर चूतड़ कुदा कुदा के चुदवायेगी और बार बार खुश होकर चूत मरवाएगी।
मैं- नीलम रानी… मेरी रानी… बिल्कुल फिकर न कर… अभी दर्द ठीक हो जायेगा… बस दो मिनट तसल्ली रख… हाँ मेरी रानी… बस दो मिनट… मैंने

नसबंदी करवा रखी है। इसलिये चिंता न कर !
इतना कह कर मैंने उस पर चुम्बनों की झड़ी लगा दी। मैंने होंठ गीले कर कर के उस बार बार पलकों पर, होंठों पर, गालों पर और माथे पर चुम्मियाँ लीं,

कान की लौ चूसी, दोनों गाल बारी बारी से चूसे, फिर मैंने उसके कंधों के ऊपरी भाग पे जीभ फिराई, उसके बाज़ू ऊंचे करके बगलें चाटीं।
इतना प्यार भरे मधुर चुम्बन पा के उसकी घबराहट फौरन कम हो गई और उसे भी मज़ा आने लगा।
इस दौरान मैंने लण्ड एकदम शांत रखा हुआ था, कोई धक्का नहीं मारा, बस थोड़ी थोड़ी देर में एक दो तुनके मार देता था।

नीलम रानी का, लगता था, दर्द खत्म हो गया था क्योंकि चूत दुबारा से रस बहाने लगी थी।
नीलम रानी भी मेरी चुम्मियों के जवाब में मुझे चूमने लगी थी।
अब मैंने हल्के हल्के धक्के भी देने शुरू कर दिये। नीलम रानी को दर्द न हुआ क्योंकि उसने भी मज़े लेते हुए अपने नितम्ब हिला कर धक्के के जवाब में धक्के लगाये।

AUDIO SEX STORIES HINDI


मैंने फिर उसके होंठों को चूसते चूसते धक्के थोड़ा तेज़ शुरू किये।
नीलम रानी में भी वासना का आवेश बढ़ता जा रहा था, वो बड़े उत्साह से मुँह उचका उचका के अपने होंठ चुसवा रही थी।
उसने अपनी बाहें कस के मेरे बदन से लिपटा ली थीं और उसने अपनी मुलायम मुलायम टांगें चौड़ा कर मेरी फैली हुई टांगों में लपेट रखी थीं, उसके पैर मेरे टखनों में फंसे हुए थे।

नीलम रानी का रेशमी साटिन जैसा बदन मेरे बदन से चिपक के मेरी वासनाग्नि को अंधाधुंध भड़काए जा रहा था, मेरी सांस तेज़ हो चली थी, माथे पर पसीने की बूंदें उभर आई थीं।
मैंने नीलम रानी के होंठ छोड़ कर उसकी तरफ देखा, वो भी अब गर्म हो चली थी, उसने आधी मुंदी हुई मस्त आँखों से मेरी तरफ बड़े प्यार से देखा, दोनों हाथों मेरा चेहरा पकड़ा और फिर अपनी तरफ खींच के मेरे होंठ चूसने लगी।

थोड़ी देर इसी प्रकार चूसने के बाद बोली- राजे… तुमने कितना मस्त कर दिया है… अब ज़रा भी दर्द नहीं हो रहा… बड़ा मज़ा आ रहा है… पता है राजे

मेरा बदन में फिर से अकड़न महसूस होने लगी है… ऐसा क्यों हो रहा है?
मैंने उसका एक चुम्बन लिया और कहा- रानी… तू चुदासी हो रही है… मैं सब अकड़न ठीक कर दूंगा… तुझे चोद चोद के… अब तो दर्द होने का काम भी खत्म हो चुका… अब तो रानी बस मस्ती और बस मस्ती में डूबे रहना है।

इतना कह कर मैंने दोनों हाथों से नीलम रानी के उरोज पकड़ लिये और उन्हें भींचे भींचे ही धक्के पे धक्का लगाने लगा।
धक्के के साथ साथ चूचुक मर्दन भी खूब ज़ोरों से हो रहा था।
नीलम रानी अब मस्तानी होकर चुदाये जा रही थी और साथ में सीत्कार भी भरती जाती थी, कामुकता के नशे में चूर होकर उसकी आँखें मुंद गई थीं, मुँह थोड़ा सा खुल गया था और चूत दबादब रस छोड़े जा रही थी।अचानक मैंने धक्कों की स्पीड कम कर दी और बहुत ही हौले हौले लण्ड पेलना शुरू किया।

मैं लौड़ा पूरा चूत के बाहर निकलता और फिर धीरे से जड़ तक बुर के अंदर घुसेड़ देता।
नीलम रानी तड़प उठी, कहने लगी- राजे… बड़ा मज़ा आ रहा है… मेरा एसा दिल कर रहा है कि तुम मेरा कचूमर निकल दो… तुम धीरे हो जाते हो तो ये बदन काट खाने को हो रहा है… अब राजे पूरी ताक़त से धक्के ठोको। मुझे पता नहीं क्या हो रहा है…बस जी कर रहा है कि तुम मुझे दबोच कर मेरा मलीदा बना दो…

फिर उसकी आवाज़ और ऊँची हो गई- राजे…तोड़ दो…पीस दो मेरा बदन… मैं दुखी आ गई इससे… हाय…हाय… अब मसलो ना… किस बात का इंतज़ार कर रहे हो… मेरी जान निकली जा रही है !

उसे तड़पाने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।
मैंने उसके होंठ चूसने शुरू कर दिये जिससे उसका मुँह बंद हो गया।
अब वो आराम से होंठ चुसाये जा रही थी, चुदाई करवाये जा रही थी और मुँह बंद होने के कारण अपनी तड़पन दूर करने के लिये पूरा बदन कसमसाये जा रही थी।

जब मैंने दस बारह खूब तगड़े धक्के ठोके, तो वो पागल सी होकर मुझ से पूरी ताक़त से लिपट गई, उसकी गर्म गर्म तेज़ तेज़ चलती सांस सीधे मेरे नथुनों में आ रही थी, चूत से रस छूटे जा रहा था।
और फिर जैसे ही मैंने एक तगड़े धक्के के बाद लण्ड को रोक के तुनका मारा, नीलम रानी चरम सीमा पर पहुँच गई, उसने मेरा सिर कस के भींच लिया

और अपनी कमर उछालते हुए कुछ धक्के मारे।
वो झड़े जा रही थी। अब तक कई दफा चरम आनन्द पा चुकी थी, झड़ती, गरम होती और ज़ोर का धक्का खा के फिर झड़ जाती।
ऐसा कई मर्तबा हुआ।

अब तक मैं भी झड़ने को हो लिया था, मैंने नीलम रानी के उरोज जकड़े जकड़े ही कई ताक़तवर धक्के ठोके और स्खलित हो गया।
इस दौरान नीलम रानी भी कई बार फिर से झड़ी।
हमारी साँसें बहुत तेज़ चल रही थीं। झड़ के मैं नीलम रानी के ऊपर ही पड़ा हुआ था। नीलम रानी आँखें मींचे चुप चाप पड़ी थी और अभी अभी हुई
विस्फोटक चुदाई का मज़ा भोग कर सुस्ता रही थी।

कुछ देर के बाद जब हमारी स्थिति सामान्य हुई तो मैंने नीलम रानी के मुँह को प्यार से चूमा, उसके चहरे पर बहुत संतुष्टि का भाव था जैसे कोई बच्चा अपना मनपसंद खिलौना पाकर तृप्त दिखाई देता है।
चुदी हुई नीलम रानी बड़ी प्यारी सी गुड़िया सी लग रही थी।

कहानी जारी रहेगी।


Next Part: - नई चूत का मज़ा लेने का नशा-4

Post a Comment

Previous Post Next Post