Stories Uploading Time

7:00 am, 7:30 am, 8:00 am, 8:30 am, 9:00 am, 7:00 pm, 7:30 pm, 8:00 pm, 8:30 pm, 9:00 pm Daily 10 Stories Upload

शर्त का इनाम चुदाई - Shart Ka Inam Chudai

शर्त का इनाम चुदाई
शर्त का इनाम चुदाई

Support Us Link:- Click Here

For Audio: - Click Here

Read:- सभी मित्रों को मेरा प्रणाम। मैं गुजरात का रहने वाला हूँ और पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी करता हूँ। मेरी उम्र 23 साल है। बहुत सोच-विचार के बाद आखिर यह कहानी अन्तर्वासना पर लिखी है।

मुझे कार, मोटर-साइकल चलाना और लॉन्ग-ड्राइव पर जाने का बहुत शौक है।
आज से 3-4 महीने पहले मैं अपनी कार लेकर निकला था। हमारे यहाँ ट्रैक है, मैं अक्सर वहाँ जाया करता था।

वहाँ मैं टिकट कटवा कर अन्दर अपनी कार में बैठ गया। मेरे वाले राऊन्ड कुल में मिलाकर 7 लोग थे। जैसे ही ट्रैक लैप स्टार्ट हुआ, सब अपनी बारी-बारी अन्दर जाने लगे। पहले तो मैं एकदम मजे लेकर गाड़ी चला रहा था। तब पता चला कि कोई ओवरटेक कर रहा है। वैसे तो गो-काट में रेस लगाने की पांबदी है। मगर वो बहुत स्पीड में चला रहा था। दूसरे लैप तक वो आगे रहा।

मैंने ध्यान दिया तो पता चला कि वो कोई लड़का नहीं बल्कि एक लड़की ड्राइव कर रही थी। फिर तो मुझ में भी जुनून आ गया कि एक लड़की ओवरटेक कर रही है।

3-4 लैप में उसके आगे आ गया। तभी वहाँ के वोलेंटियर ने हमें रेस लगाने के लिए चेतावनी दी कि अगर हमने वैसे ही चलाएंगे तो वो हमें बाहर निकाल देगा।

तभी उसकी परवाह करे बिना वो फास्ट ड्राइव करके आगे निकल गई और मुझे थम्ब-डाउन दिखाने लगी।

छटवें लैप में मैं भी जोर लगा कर उसके आगे निकल गया और उसे चिढ़ाने के लिए थम्ब-डाउन दिखाने लगा।

वो घूर-घूर के देखने लगी, हमारे सब लैप खत्म हो गए।

जैसे ही हम बाहर निकले वो मुझसे चेंलेन्ज करने लगी कि हिम्मत है तो ऑन-रोड कार रेस करते हैं। जो हारा उसे जीतने वाला जो माँगे, वो करना पड़ेगा।

मैंने सोचा उसके पास कोई टू-व्हीलर होगा, आराम से जीत लूँगा।

मगर जैसे ही बाहर निकला मैं हैरान रह गया। शायद 3-4 महीना पहले ही खरीदी हुई होन्डा-सिविक कार उसकी थी।

अब कहाँ मेरी कार और कहाँ हाई-पावर होन्डा, आधा तो वहाँ ही हार गया था।

जैसे ही रेस स्टार्ट हुई वो हवा के साथ उड़ने लगी। करीब-करीब 2-3 किमी में ही जान गया कि वो अभी-अभी ही कार चलाना सीखी होगी। मगर वो कार रेस मे मुझे फाइट तो दे रही थी।

7-8 किमी में दो बार मैंने उसको ओवरटेक किया। तभी वो मेरे ओवरटेक करते समय सामने से आ रहे एक ट्रक से भिड़ते-भिड़ते बच गई।

मैंने भी सभांलकर अपनी कार पर काबू कर लिया, नहीं तो मैं उसकी कार के पीछे घुस जाता।

वो बहुत घबरा गई और तुंरत ही अपनी कार को रोक कर साइड में खड़ी कर दी।
मैं भी कार रोक कर उसके पास जाने के लिए उतरा।

सही में बोलूँ तो वो घबराई हुई थी मगर क्या लड़की थी वो।
करीबन 18-19 साल की होगी, हाफ-पैन्ट और टी-शर्ट पहने हुई थी। एकदम बारुद जैसी !
उसके साथ में उसकी सिस्टर भी थी। वो भी लगभग उसी की ही उम्र की थी।

3-4 मिनट तो वो कुछ बोल ही नहीं पाई। थोड़ा रिलेक्स होने के बाद मैंने बात-चीत करना शुरू की।
वो मुझे कहने लगी- मैं शर्त हार चुकी हूँ, आप जो बोलो मैं करने के लिए तैयार हूँ।

मैं हैरान हो गया कि साला अभी कुछ मिनट पहले तक एक छोटी गलती का परिणाम क्या होता यह भूल कर वह मुझसे कह रही है कि शर्त हार गई हूँ जो चाहे वो माँग लो.. !

मैंने भी कहा- वैसे तो आपने भी दो बार मुझे ओवरटेक किया है। आप भी जीत गई हो।
वो मुझको देख कर हँसने लगी।

परिणाम यह आया कि वो भी जीती थी और मैं भी जीता था, वो भी हारी थी और मैं भी हारा था।

तय यह हुआ कि दोनों एक-दूसरे को जो माँगें वो देना पड़ेगा।

मैंने उससे मेरे साथ कॉफ़ी पीने आने के लिए कहा, वो मेरी मांग थी।

वो मेरी यह बात सुनकर हँसने लगी और बोली- अगर कुछ और मांगते तो मैं वह भी दे देती।

मैंने सोचा यह कैसी लड़की है!

हम तीनों कॉफ़ी के लिए निकल पड़े। कॉफ़ी शॉप में मैं उसके बारे में पूछने लगा, क्योंकि मैंने उसका नाम भी नहीं पूछा था।

वो बताने लगी कि यहाँ की रहने वाली नहीं थी। कॉलेज की छुट्टी में 10-12 दिन के लिए अपने रिश्तेदार के घर आई है।

हमने एक-दूसरे के नबंर लिए।

वो बोली- मेरी माँग अभी बाकी है याद रखना!

AUDIO SEX STORIES HINDI


जैसे ही हम अलग हुए करीबन एक घंटे के बाद मैसेज आया।
मैंने भी रिप्लाई किया और मैसेज-चैट पर बात होने लगी। एक-दूसरे की पसंद-नापसंद, मूवी जैसी बात करते थे। अब हर-रोज अलग-अलग जगह पर घूमने जाते। जब भी हम साथ होते वो मुझसे चिपकने एक भी मौका नहीं गवाँती।

मुझे भी मजा आ रहा था। यह 3-4 दिन चला।
मैंने नोट किया हर-वक्त वो मुझे याद कराती कि उसकी जीत वाली मांग बाकी है।
6 दिन बाद मैंने हिम्मत जुटा कर एक चुम्बन लेने को पूछा।

कुछ जवाब का वेट करूँ उसके पहले ही उसने मुझे 3-4 बार चूम लिया और बोली- और चाहिए… या जितनी मैंने आपको दी उतनी मुझे वापिस कर दो। मैंने तो पहले ही दिन बोला था कुछ और माँगते तो वो भी दे देती। तुमने ही इतना तड़पाया है।
फिर तो देखना ही क्या था। हम दोनों एक-दूसरे में तल्लीन हो गए।
उसके नॉनवेज मैसेज भी आने लगे। हमारा मैसेज में भी सेक्स-चैट होने लगा।

जब भी शाम को मिलते तब पहले चूमा-चाटी, फिर स्तन छूता था। वो दबाने के लिए मना कर रही थी, बोलती कि साइज बिगड़ जाएगी।
3-4 दिन हमारा यह मामला चला।

वो बोली- अब 2-3 दिन बाद मैं वापिस घर जा रही हूँ।
मैं थोड़ा नवर्स हो गया।
तभी उसने अपनी रेस वाली शर्त की बात याद दिलाई और बोली- मैं चाहती हूँ कि तुम मेरी चुदाई करो।

एक बार तो मैं भी परेशान हो गया कि यह क्या कह रही है। मैंने इतनी अपेक्षा तो नहीं की थी कि इतनी आसानी से मुझे उसकी चुदाई के मजे मिलेंगे।

मैं भी पागल हो गया क्योंकि मेरी यह पहली चुदाई थी। मेरे मन में तो था कि कब चुदाई का मौका मिले।

हमने लॉन्ग-ड्राइव पर जाने का फैसला किया। वहीं पर कुछ जुगाड़ करके चुदाई का जश्न मनाएंगे। दूसरे दिन मैं, वो और उसकी चचेरी बहन निकल पड़े।

थोड़ा इधर-उधर घूमे और फिर फ्रेश होने के लिए एक रूम किराए पर ले लिया।

तभी चचेरी बहन को उसने क्या कहा कि वो बोली- मैं थोड़ा शॉपिंग करके आती हूँ !
और चली गई।

मुझे लगा कि यह सब चुदाई की तड़प के कारण है।

जैसे ही मैं फ्रेश होने गया तुरंत ही वो भी बाथरूम में आ गई। जैसे बहुत दिनों भूखी हो, वैसे मुझसे चिपक गई और मेरे होंठ पर अपने होंठ रख दिए।

अब आग भड़कने लगी थी, मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल दी। वह एक हाथ से मेरे पैन्ट की जिप और दूसरे हाथ अपनी ब्रा खोल रही थी।
क्या लग रही थी.. एकदम.. झक्कास!

मेरा तो तंबू खड़ा हो गया। अब हम दोनों नंगे खड़े थे। मैंने उसके स्तन को हाथ में ले लिया और कान के नीचे किस करने लगा.. वो सिसकारियाँ निकाल रही थी। धीरे-धीरे मैं स्तन के नीचे की ओर जाने लगा फिर नाभि को चूमा। उसकी सिसकारियाँ और तेज होने लगीं।

जब उसकी चड्डी निकाली तो तो… एकदम गुलाबी, खुशबूदार और बिना बाल की चूत सामने थी।
उसने बताया कि उसने इसे चुदाई के लिए ही चिकनी की है।

मैंने अपना मुँह चूत में लगा दिया। वह सर पकड़ कर अंदर दबाने की कोशिश कर रही थी।

पंद्रह मिनट के बाद उसने पानी छोड़ दिया। बहुत मजा आया। अब हम दोनों 69 में आ गए। वो मेर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। मुझे लगा कि वह पहले किसी के साथ मजे ले चुकी होगी तभी इस काम में माहिर है।

मुझे क्या दिक्कत थी मुझे तो सिर्फ मजे लेने थे।

बाद में वह मेरे ऊपर आ गई और मेरे लण्ड को रास्ता दे कर अपनी चूत में घुसाने लगी। मुझे बहुत दर्द हुआ, मगर वो तो मजे ले रही थी।

करीबन 45 मिनट की चुदाई में वो तीन बार झड़ गई।

फिर हम स्नान करके वहाँ से निकल पड़े।

उसके बाद दूसरे दिन और एक बार उसकी चुदाई का मजा लिया।
अब उसका घर जाने का दिन आ गया।
मैं उसको मिलने के लिए बस-स्टॉप पर गया। वहाँ चचेरी बहन छोड़ने के लिए आई थी।

हमारी मैसेज-चैट होती रहती थी। बाद में उसके घर जाकर तीन बार चुदाई की वह कहानी फिर कभी लिखूँगा।

Post a Comment

Previous Post Next Post