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आंटी मेरी जान-1 - Aunty Meri Jan - 1

आंटी मेरी जान-1
आंटी मेरी जान-1

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Read:- नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम गौरव है (नाम बदला है) मैं दिल्ली से हूँ। दिल्ली में ही अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूँ।

मैं अन्तर्वासना को 5-6 साल से पढ़ रहा हूँ।
यह मेरी एक सच्ची कहानी है, जिसमें मैंने अपनी पड़ोस की आंटी को चोदा था।

बात तब की है, जब मैं 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा था। मैं दिखने में सुंदर हूँ, जिम जाने से शरीर काफ़ी बढ़िया है और ऊपर से रईस घर से हूँ। मेरा लण्ड 7 इंच लम्बा व 2.5 इंच मोटा है, जो मेरी गर्लफ्रेंड और आंटी को काफी पसंद है।

अब आपको आंटी के बारे में बता दूँ, उनका नाम सपना, उमर लगभग 27-28 की और 2 उनके दो बच्चे हैं।

उनका फिगर 34-30-36 हैम दिखने में काफी सुंदर हैं।

उसके पति सरकारी कर्मचारी हैं। कई सालों से वो हमारे घर के पड़ोस में रह रही हैं, तो हमारे और उनके रिश्ते काफी अच्छे हैं।

अब मैं कहानी बताता हूँ।

मुझे मोबाइल में फेसबुक का बहुत शौक है और मैं फ्री टाइम में उसे उपयोग करता हूँ। आंटी भी फेसबुक चलाती थीं, तो एक दिन रात के उनके घर पर बैठा था और फ़ोन उपयोग कर रहा था।

तभी आंटी ऩे मुझसे पूछा- क्या सारा दिन फोन में ही लगे रहते हो..!

तो मैंने बोला- फेसबुक ही चलाता हूँ।

मैंने अपनी फेसबुक पर बहुत से सेक्स पेज लाइक किये हुए हैं।

तो सारा दिन उनमें फोटो देखता रहता था। उस रात भी मैं वही देख रहा था।

मैंने आंटी को भी वो सब दिखा दिया। वो उन फोटो को काफी गौर से देख रही थीं। इसी बीच मैंने उनके मम्मे को मसल दिया। तभी वो हँस पड़ीं और मेरा हाथ हटा दिया। हम बेड पर बैठे बातें कर रहे थे और वो साथ में अपने बच्चे को पढ़ा भी रही थीं।

मुझे उनके मम्मे दिख रहे थे। तो मैंने उन्हें निकाल कर दिखाने को कहा, तो उन्होंने मना कर दिया। तब हम सेक्स के टॉपिक पर बात करने लगे।

तभी आंटी बोलीं- मुझे तो सेक्सी वीडियो पसंद हैं, मुझे तेरे अंकल बहुत लाकर दिखाते हैं, पर अब कई दिनों से नहीं देखी।

तभी मैंने बोला- चलो, मैं दिखा दूँगा।

अगले दिन हम घर में अकेले थे, तो मैंने उनको कुछ फिल्म दिखाईं, जिसे देख कर वो बहुत खुश हुईं।

मैंने उन्हें अपनी चूत दिखाने के लिए बोला पहले तो काफी नखरे करने के बाद मान गईं और बोलीं- दूर से देख लेना..!

मेरी तो जैसे किस्मत खुल गई। पहली बार किसी आंटी की चूत देखने को मिल रही थी।

तभी उन्होंने अपनी सलवार खोली और अपनी पैन्टी नीचे की, बोलीं- देख लो…!

जैसे ही मुझे उनकी चूत दिखी, मैंने झट से उनकी सलवार उतार दी और उनकी चूत को गौर से देखने लगा। उनकी आँखों में नशा सा देखते हुए मैंने अपनी एक ऊँगली से चूत को स्पर्श किया तो उनकी सिसकारी निकल गई मगर उन्होंने मुझे रोका नहीं।

मुझे समझ में आ गया था कि ये अब कुछ और भी चाहती हैं, मैंने झुक कर अपनी जीभ उनकी चूत पर लगा दी।

आंटी के मुँह से अजीब सी आवाज़ निकलने लगीं। थोड़ी देर चूसने के बाद उन्होंने मेरा मुँह अपनी चूत पर दबाया, मुझे कुछ नमकीन सा स्वाद आया।
मुझे समझ में आ गया कि आंटी झड़ गई हैं।

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उसके बाद मैंने उनके अपना लंड निकाल कर दिखाया, पहले तो वो चौंक उठीं, शायद उनको यह विश्वास ही नहीं था कि मेरा लौड़ा इतना बड़ा होगा।
वो बोलीं- तेरा लण्ड रो मेरे इनके लण्ड से बड़ा है।

और अपने हाथ में लेकर हिलाने लगीं। मैं तो जैसे जन्नत में था। पहली बार कोई आंटी मेरे लंड को हिला रही थी। मेरा बहुत मन था कि ये मेरा हथियार मुँह से चूसे, पर साली ने आखिरी तक मेरा लण्ड नहीं चूसा और हिला हिला कर सारा माल निकाल दिया।

कुछ दिनों तक मैं यूँ ही उनको चोदने इंतज़ार करता रहा, पर मौका नहीं मिल रहा था। बस कभी-कभी उनकी चूत में उंगली डाल कर उनका पानी निकाल दिया करता था।

तभी एक दिन उसके पति को काम के सिलसिले से बाहर जाना पड़ा तो आंटी ने मम्मी को बोलकर मुझे घर सुलाने के लिए मना लिया।

मैं तो जिसे खुशी के मारे पागल हो गया क्योंकि पहली बार मैं कोई चूत चोदने वाला था। बस मैं तो रात का इंतज़ार कर रहा था और रात के 8 बजे मैं उनके घर गया और कुछ सेक्सी वीडियो डाउनलोड करके ले गया, जो आंटी को काफी पसंद थे।

मैं आंटी और उसके बच्चे 10 बजे तक टीवी देखते रहे। उसके बाद मैं कमरे में सोने चला गया। आंटी ने पहले से ही मेरे लिए अपने बेड के पास बिस्तर लगा दिया था। तभी आंटी और उसके बच्चे सोने के लिए आ गए।

आंटी ने मुझे बोला- मुझे छेड़ना मत नहीं तो मुझे सारी रात नींद नहीं आएगी।

मैंने उनको एक स्माइल दी और बोला- लाइट तो बंद करो..!

आंटी अपने बच्चों के साथ बेड पर सो रही थीं। बेड के साथ ही मेरी चारपाई लगी थी। थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उनके मम्मों पर रख दिया और दबाने लगा और बेड पर उनके पास चला गया।

मैंने अपने होंठ उनके होंठ पर रख लिए, वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं।

मैं उनके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लग गया और उनकी सलवार और ब्रा उतार दी। अब मैं उनके मम्मों को मुँह में लेकर चूसने लगा। आंटी धीरे-धीरे सीत्कार निकाल रही थीं, क्योंकि बच्चे पास ही सो रहे थे।

मैं उनके होंठों को चूस रहा था और मेरा एक हाथ उनकी चूत पर था। जैसे ही एक ऊँगली उनकी चूत में डाली, आंटी ने मेरे होंठों पर काट लिया। मैं उंगली से उनकी चूत चोदने लगा और उनके मम्मे चूस रहा था। आंटी मेरे कच्छे में हाथ डाल कर मेरे लंड को दबा रही थीं।

फिर आंटी झड़ गईं और अब हम दोनों ने अपने सारे कपड़े उतार दिए। वासना में अंधे होकर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए। मैं आंटी की चूत चूस रहा था और वो मेरा लंड हाथ से सहला रही थीं, क्योंकि उसे लंड चूसना अच्छा नहीं लगता था। मैं कभी उनकी चूत में उंगली डालता, तो कभी जीभ से चोदता।

तभी आंटी ने मेरा सर अपनी चूत पर दबा दिया और झड़ गईं। मैंने उनकी चूत का रस चाट कर साफ कर दिया।

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मेरा लंड फटने को था, मैं आंटी के ऊपर आ गया और लंड उनकी चूत में डालने लगा, अँधेरा होने के कारण मुझे कुछ दिख नहीं रहा था।

तीन-चार बार की कोशिश के बाद आंटी बोलीं- रुको..!

उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और बोलीं- अब पेलो..!

जैसे ही मैंने जोर लगाया, मेरा लंड आंटी की चूत में चला गया। आंटी के मुँह से चीख निकली और मैंने उनके होंठ दबा दिए।

दर्द तो मुझे भी हो रहा था, क्योंकि आंटी की चूत बहुत टाइट थी, फिर मैं धक्के पर धक्के लगा रहा था। वो भी अपनी गाण्ड उछाल-उछाल कर मेरा साथ दे रही थी। पहली बार होने के कारण मैं थोड़ी ही देर में ही उनकी चूत में झड़ गया।

मैंने आंटी से पूछा- आपका तो हुआ नहीं?

आंटी बोलीं- मेरी जान पहली बार कर रहे हो, तभी ऐसा हो रहा है।

थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और इसमें दर्द भी हो रहा था। फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाला और तेजी से उनको चोदने लगा।
इसी बीच मैंने उनको घोड़ी बना कर पीछे से उनकी चूत मारी और उनकी चूत में ही झड़ गया और फिर आंटी चूत धोने के लिए बाथरूम गईं।

मैं भी उनके साथ गया धोकर आने के बाद हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे के ऊपर सो गए।

फिर जब सुबह मेरी आँख खुली तो 5 बज रहे थे। आंटी भी सो रही थीं।

आगे क्या हुआ, मैं जरूर लिखूँगा पर थोड़ा इंतज़ार कीजिए।

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