Stories Uploading Time

7:00 am, 7:30 am, 8:00 am, 8:30 am, 9:00 am, 7:00 pm, 7:30 pm, 8:00 pm, 8:30 pm, 9:00 pm Daily 10 Stories Upload

पड़ोसन भाभी की अतृप्त अन्तर्वासना-1 - Padosan Bhabhi Ki Atript Antarvasna - 1

पड़ोसन भाभी की अतृप्त अन्तर्वासना-1
पड़ोसन भाभी की अतृप्त अन्तर्वासना-1

Support Us Link:- Click Here

For Audio: - Click Here

Read:- मेरा नाम हरमन है। मेरी उमर 24 साल है और मैं पंजाब का रहने वाला हूँ। मेरा कद 6 फुट के करीब है।

मैं अन्तर्वासना से 2 महीने पहले ही परिचित हुआ हूँ और तभी से अन्तर्वासना से जुड़ा हुआ हूँ।

मेरी कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है, जो 4 महीने पहले ही घटी थी।
मैं घर पर ही रहता था।

हमारे घर पर एक नए किराएदार के रूप में एक भाभी रहने की लिए आई थीं। वह बहुत सुंदर थीं उनके चूतड़ और मम्मे बहुत सुंदर थे। उनकी उम्र 30 की थी और उनका पति देखने में दुबला-पतला था, पति किसी कंपनी में काम करता था और कभी-कभी बाहर जाता था। उनके 2 बच्चे थे।
पहले मेरे मन में उनके बारे में कोई गन्दा ख्याल नहीं था।

उनके और मेरे रूम के बीच सिर्फ एक दीवार थी तो रात की सारी हलचल मुझे सुनाई देती थीं। मैंने काफी बार भाभी को अपने पति को गालियाँ देते सुना था।

उनका पति भाभी को संतुष्ट नहीं कर पाता था, वह अक्सर चिल्लाती थी- साले… तेरा काम तो हो गया, दो मिनट मे ही झड़ जाता है और मुझे प्यासी छोड़ देता है।

उनकी इन आवाजों को सुन कर मैं सोचता था कि कैसे भाभी को कैसे चोदा जाए। जब भी भाभी मेरे पास आतीं, मैं हमेशा उनके चूतड़ देखता। यह बात भाभी को भी समझ में आ चुकी थी।

एक दिन वह समय भी आ गया। मैं और भाभी घर पर अकेले थे, मैं उनके रूम में गया, भाभी कंघी कर रही थीं, कुछ कह तो नहीं पाया लेकिन उनकी कमर में हाथ डाल दिया। इतने में ही भाभी मुझ पर गुस्से से बरसने लगीं।

मैंने बड़ी मुश्किल से भाभी को समझाया, उन्हें शांत किया और उनसे माफ़ी मांगी, तब जाकर मेरी जान में जान आई।

मैंने उनसे यह बात मेरे मम्मी पापा को न बताने के लिए कहा, तो वो बड़ी मुश्किल से मानी।

फिर मैं उदास रहने लगा और जॉब ज्वाइन कर ली और भाभी पर ज्यादा ध्यान न देता।

फिर अचानक मैं बीमार पड़ गया और काफी दिन घर पर ही रहा।

चार दिन बाद मैं अच्छा महसूस कर रहा था, तभी मम्मी ने मुझसे कहा- कल हम सब शादी में जाएँगे।

मैंने भी जाने के लिए कहा, तो मम्मी ने मना कर दिया- तुम्हारी तबियत फिर खराब हो जाएगी, तुम घर पर ही रहो और भाभी तुम्हारा ध्यान रखेगी।

मैं भाभी के ध्यान रखने वाली बात पर भी ज्यादा खुश नहीं हुआ, क्योंकि सारा काम तो पहले ही बिगड़ चुका था।

एक बजे मम्मी-पापा और छोटा भाई सभी शादी में चले गए, फिर दो बजे भाभी के पति घर आए, उनके पति ने उनसे कहा- मैं पाँच दिनों के लिए गोवा जा रहा हूँ !

मैं सारी बातें सुन रहा था, पर मुझे फिर भी ज्यादा ख़ुशी नहीं हुई।

पहली रात तो मैं जल्दी सो गया, दूसरी रात भाभी ने बच्चों को जल्दी सुला दिया और मैं सोने की तैयारी कर रहा था।

रात के 11 बज चुके थे, अचानक भाभी ने मेरे कमरे का दरवाज़ा खटखटाया, जब मैंने दरवाज़ा खोला तो वे सामने खड़ी थीं।

मैंने उनसे पूछा- क्या हुआ?
तो वो कहने लगी- मुझे डर लग रहा है, नींद नहीं आ.. रही है !
मैंने उन्हें मम्मी के कमरे में सोने को कहा तो वह मना करने लगी।

मेरे मन में फिर एक बार ख्याल आया कि आज शायद काम बन जाए। मेरे रूम में एक ही बेड था, फिर भी मैंने उन्हें अपने कमरे में सोने को कहा तो वह मान गईं।

मैं बहुत खुश हुआ। मैं और भाभी एक ही बेड पर लेट गए। उन्होंने सिर्फ पजामा और टी-शर्ट पहनी थी।

AUDIO SEX STORIES HINDI


भाभी के चूतड़ मेरी तरफ थे, मैं उनके उठे हुए चूतड़ देख रहा था, मुझे नींद नहीं आ रही थी।

अचानक भाभी थोड़ा पीछे हो गईं, उनकी गाण्ड मेरे लण्ड के साथ चिपक गई। इससे मेरा लण्ड कड़क हो गया और उनकी गाण्ड में जगह बनाने लगा।

मैं अपना आपा खो बैठा। मैंने भाभी का पजामा सरका दिया, उनकी गाण्ड देखते ही मैं पागल हो गया।

क्या चिकनी और गोरी गाण्ड थी !

भाभी अभी भी सो रही थीं, मैं उनकी टी-शर्ट खोलने की कोशिश करने लगा, तो भाभी जाग गई, बोली- यह क्या कर रहे हो तुम.. यह ठीक नहीं है ! मैं शादीशुदा हूँ !

मैंने उनकी एक भी नहीं सुनी और उनकी टी-शर्ट उतार दी। उनके मम्मे ब्रा के ऊपर से ही चूसने-मसलने लगा। वह लगातार मना करती रहीं, पर मैंने उनकी एक न सुनी और उनकी ब्रा फाड़ दी।

अब उनका विरोध कम हो गया और वो सिसकारियाँ लेने लगीं।

मैंने अपने सारे कपड़े खोल दिए, सिर्फ अंडरवियर में था और भाभी की पैन्टी खींच कर जिस्म से अलग कर दी, अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थी।

मैंने जल्दी से लाइट ऑन कर दी और भाभी अपने आप को कम्बल ओड़ कर छुपाने लगीं।

मैंने कम्बल अलग किया और टाँगें फैला करके चूत में अपनी जीभ अन्दर-बाहर करने लगा।

भाभी ‘आह.. आह.. आह..’ की आवाजें करने लगीं, उन्होंने मेरा सर अपनी चूत पर जोर से दबाना शुरू कर दिया और कहने लगी- अब रहा नहीं जाता… जल्दी से मेरी प्यास बुझा दो !

मैं तेजी से जीभ अन्दर-बाहर करने लगा और 5 मिनट बाद ही उनका शरीर अकड़ने लगा, उन्होंने पानी छोड़ दिया, मैं उनका सारा पी गया।

मैंने जल्दी से अंडरवियर खोला और तन्नाया हुआ लौड़ा उनके हाथ में थमा दिया। वह मेरा 7 इंच लम्बा लौड़ा देख कर डर गईं और कहने लगीं- मैं इसे अपने अन्दर नहीं ले सकती, यह बहुत मोटा और लम्बा है, इससे मेरी फट जाएगी !

उनके मुँह में मैंने अपना हथियार डाल दिया पर मेरा लण्ड ज्यादा मोटा और लम्बा होने की वजह से उनके मुँह में आधा ही घुस पाया।

मैंने एक जोर का झटका दिया और लण्ड उनके गले से जा टकराया, भाभी को खांसी आ गई, उनकी आँखों से पानी टपकने लगा।

पूरा लण्ड मैंने बाहर निकाला और फिर दुबारा मुँह में पेल दिया और अब मैंने एक ऊँगली उनकी चूत में डाल कर अन्दर-बाहर करने लगा, वे मेरा केला धीरे-धीरे चूसने लगीं।

मेरा लण्ड काफ़ी कड़ा हो गया था, वो फिर गर्म हो गईं और कहने लगीं- अब मेरी चूत को जल्दी से शांत कर दो !

मैंने उनकी टाँगें फैला कर लण्ड का सुपारा चूत पर सैट किया और एक जोरदार झटका दिया और अभी सिर्फ सुपारा ही गया था, भाभी चिल्लाने लगीं, मुझे धक्के देने लगीं।

मैंने उनके हाथ पकड़े और जोर के दो टापें मारीं और पूरा लण्ड चूत में उतार दिया। भाभी मेरे नीचे दबी बेबस थी, उनकी दर्द भरी सिसकारी मेरी अन्तर्वासना को और बढ़ा रही थी, मैं उग्र होकर उन्हें चूमने लगा।

करीब 5 मिनट बाद भाभी ने नीचे से चूत हिलाई, मैं भी धीरे-धीरे लण्ड अन्दर-बाहर करने लगा।

भाभी नीचे से जोर-जोर से चूत हिलाने लगीं- आह..आह..आह..ओह माय गॉड.. जोर से चोद…फाड़ दे.. मेरी चूत को.. मेरा पति तो मादरचोद कुछ कर नहीं पाता… लूट ले आज मेरी जवानी. !

मैंने भी तेजी से चोदना चालू कर दिया और दस मिनट बाद उनका शरीर अकड़ने लगा और वह झड़ गईं।

मैंने भाभी से पूछा- मैं झड़ने वाला हूँ… कहाँ निकालूँ?

तो उन्होंने कहा- मेरी चूत में ही झड़ जा.. मेरी प्यास बुझा दे!

मैंने तेजी से दस-बारह झटके दिए और उनकी चूत को वीर्य से भर दिया। मैं दो मिनट तक भाभी के ऊपर ही लेटा रहा और भाभी से पूछा- आपकी चूत दो बच्चों की माँ होते हुए भी इतनी टाइट क्यों है?

तो उन्होंने कहा- दोनों बच्चे ऑपरेशन से हुए हैं और मेरे पति का लण्ड सिर्फ 4 इंच लम्बा है।

कुछ देर रुकने के बाद मैंने फिर भाभी को चूमना-चाटना शुरु कर दिया। उधर भाभी ने फिर मेरा लण्ड चूस-चूस कर खड़ा कर दिया।

चुदाई जारी है, चूत में ऊँगली डाले रहें और लौड़ा थामे रहिए।


Next Part: - पड़ोसन भाभी की अतृप्त अन्तर्वासना-2

Post a Comment

Previous Post Next Post