Stories Uploading Time

7:00 am, 7:30 am, 8:00 am, 8:30 am, 9:00 am, 7:00 pm, 7:30 pm, 8:00 pm, 8:30 pm, 9:00 pm Daily 10 Stories Upload

बदलते रिश्ते-8 - Badalte Rishte - 8

बदलते रिश्ते-8
बदलते रिश्ते-8

Support Us Link:- Click Here

For Audio: - Click Here

Read:- Previous Part: - बदलते रिश्ते-7

रात के करीब दो बजे सुनीता का हाथ रामलाल के लिंग को टटोलने लगा। वह उसके लिंग को धीरे-धीरे पुन: सहलाने लगी। बल्ब की तेज रोशनी में उसने सोते हुए रामलाल के लिंग को गौर से देखा और फिर उसे अपनी उँगलियों में कस कर सहलाना शुरू कर दिया था।


रामलाल और अनीता दोनों ही जाग रहे थे। उसकी इस हरकत पर दोनों खिलखिलाकर हंस पड़े।
अनीता ने कहा- देख ले अपने मौसा जी के लिंग को, है न उतना ही मोटा, लम्बा जितना कि मैंने तुझे बताया था।
वह शरमा कर मुस्कुराई।
रामलाल भी हँसते हुए पूछा- क्यों मेरी जान, मज़ा आया कुछ?
सुनीता ने शरमाकर रामलाल के सीने में अपना मुँह छिपाते हुए कहा- हाँ मौसा जी, मुझे मेरी आशा से कहीं अधिक मज़ा आया आपके साथ। मालूम है, मैंने आपके साथ यह पहला शारीरिक सम्बन्ध बनाया है।
रामलाल बोला- सुनीता रानी, अब से मुझसे मौसा जी मत कहना। मुझसे शारीरिक सम्बन्ध बनाकर तूने मुझे अपना क्या बना लिया है?
सुनीता चुप रही।
रामलाल बोला- अब तूने मुझे अपना खसम बना लिया है। मैं अब तुम दोनों बहनों का खसम हूँ। आई कुछ बात समझ में?
सुनीता बोली- ठीक है खसम जी, पर सबके आगे तो मैं आपको मौसा जी ही कहूँगी।
रामलाल ने सुनीता की योनि में उंगली घुसेड़ कर उसे अन्दर-बाहर करते हुए कहा- चलो सबके आगे तुम्हारा मौसा ही बना रहूँगा।
सुनीता ने रामलाल के एक हाथ से अपनी छातियाँ मसलवाते हुए कहा- हमारा आपसे मिलन भी अनीता दीदी के सहयोग से ही हुआ है। अगर आज दीदी मुझे वह ब्लू-फिल्म नहीं दिखाती तो मैं कभी भी आपके इस मोटे हथियार से अपनी योनि फड़वाने का इतना आनन्द कभी नहीं ले पाती। मेरे खसम, अब तो अपना ये डंडा एक बार और मेरी योनि में घुसेड़ कर उसे फाड़ डालने की कृपा कर दो। इस बार मेरी सुरंग फाड़ कर रख दोगे तब भी मैं अपने मुँह से उफ़ तक न करूंगी।
रामलाल बोला- क्यों अपनी चूत को चित्तोड़-गढ़ बनवाना चाह रही है। मैं तो बना डालूँगा, कुछ धक्को में तेरी योनि की वो दशा कर दूंगा कि किसी को दिखाने के काबिल नहीं रह जाएगी। चल हो जा तैयार…
ऐसा कहकर राम लाल ने अपने मजबूत लिंग पर हाथ फिराया।
इसी बीच अनीता बोली- क्यों जी, आज में एक बात पूछना चाहती हूँ मुझे यह समझाओ कि योनि को लोग और किस-किस नामों से पुकारते हैं?’
अनीता की बात पर सुनीता और रामलाल दोनों खिलखिलाकर हंस पड़े।

AUDIO SEX STORIES HINDI


रामलाल बोला- मेरी रानी, किसी भी चढ़ती जवानी की लड़की की योनि को चूत कहते हैं। इसके दो नाम हैं- एक चूत, दूसरा नाम है इसका ‘बुर’ चूत सदैव बिना बालों वाली होती है जबकि ‘बुर’ के ऊपर घने काले बाल होते हैं। अब नंबर आता है, भोसड़ी का। मेरी दोनों रानियों ध्यान से सुनना, जब औरत की योनि से एक बच्चा बाहर आ जाता है, तो उसे भोसड़ी कहते है और जब उससे 4-5 बच्चे बाहर आ जाते हैं तो वह भोसड़ा बन जाता है।
सुनीता ने चहक कर पूछा- और अगर किसी औरत योनि से दस-बारह बच्चे निकल चुके हों तो उसकी क्या कहलाएगी?
रामलाल बोला- यह प्रश्न तुमने अच्छा किया। ऐसी औरत की योनि को चूत या भोसड़ी का दर्ज़ा देना गलत होगा। ऐसी योनि बम-भोसड़ा कही जाने के योग्य होगी। तीनों लोग जोरों से हंस पड़े।
सुनीता ने पूछा- राजा जी, इसी प्रकार लिंगों के भी कई नाम होते होंगे?
‘हाँ, होते हैं। आमतौर पर गवांरू भाषा में इसे ‘लंड’ कहते है। परन्तु लड़ते वक्त या गालियाँ देते वक्त लोग इसे ‘लौड़ा’ कहकर संबोधित करते हैं। ये सारे शब्द मुझे कतई पसंद नहीं हैं, क्योंकि मैंने बीसियों रातें तुम्हारी दीदी के संग गुजारी हैं। तुम इनसे ही पूछ लो अगर मैंने कभी इन गंदे शब्दों का प्रयोग किया हो। हाँ, मेरी जिन्दगी में कुछ ऐसी औरतें भी आई हैं, जो अधिक उत्तेजित अवस्था में चीखने लगती हैं ..’फाड़ डालो मेरी चूत’ …’मेरी चूत चोद-चोद कर इसका चबूतरा बना डालो’ …मेरी चूत को इतना चोदो कि इसका भोसड़ा बन जाए’ बगैरा, बगैरा। एक काम-क्रीड़ा होती है- गुदा-मैथुन। इसमें पुरुष स्त्री की योनि न मार कर उसकी गुदा मारता है। मेरे अपने विचार से तो गुदा-मैथुन सबसे गन्दी, अप्राकृतिक एवं भयंकर काम-क्रीड़ा है। इससे एड्स जैसी ला-इलाज़ बीमारियाँ होने का खतरा रहता है।’
अनीता ने पूछा- राजा जी, यह चोदना कौन सी बला है। मैंने कितने ही लोगो को कहते सुना है ‘तेरी माँ चोद दूंगा साले’
रामलाल ने बताया कि स्त्री की योनि में लिंग डालकर धक्के मारने की क्रिया को ‘चोदना’ कहते हैं।
मैंने तुम दोनों बहनों के साथ सम्भोग किया है, चोदा नहीं है तुम्हें।’
सुनीता बोली- मेरे खसम महाराज, एक बार और जोरों से चोदो न मुझे !
रामलाल बोला- चलो, तुम्हारी यह इच्छा भी आज पूरी किये देता हूँ। अनीता रानी, पहले एक-एक पैग और बनाओ, हम तीनों के लिए।
तीनों शराब गले से उतारने के बाद और भी ज्यादा उत्तेजित हो गए। इस बार तीनों लोग एक साथ मिलकर काम-क्रीड़ा कर रहे थे।
रामलाल के एक ओर सुनीता और दूसरी ओर अनीता लेटी और उन दोनों की बीच में रामलाल लेटे-लेटे दोनों के नग्न शरीर पर हाथ फेर रहे थे।
रामलाल कभी सुनीता की योनि लेता तो कभी अनीता की चूचियों से खेलता।
रात के दस बजे से लेकर सुबह के पांच बज गए। तब तक तीनों लोग शरीर की नुमाइश और काम-क्रीड़ा में व्यस्त रहे।
इस प्रकार रामलाल ने दोनों बहनों की रात भर बजाई। उस रात दोनों बहनें इतनी अधिक तृप्त हो गईं कि दूसरे दिन दस बजे तक सोती रहीं।
पूरे सप्ताह रामलाल ने सुनीता को इतना छकाया था कि जिसकी याद वह जीवन भर नहीं भूल पाएगी।
सुनीता तो अपने घर वापस जाना ही नहीं चाहती थी। जाते वक्त सुनीता रामलाल से एकांत में चिपट कर खूब ही रोई।
उसका लिंग पायजामे के ऊपर से ही सहलाते हुए बोली- जानू अपने इस डंडे का ख़याल रखना। मुझे शादी के बाद भी इसकी जरूरत पड़ सकती है। क्या पता मेरा पति भी जीजू के जैसा ही निकला तो…?
सुनीता भारी मन से न चाहते हुए भी अपने घर चली तो गई पर जाते-जाते रामलाल के लिए एक प्रश्न छोड़ गई… कि कहीं उसका पति भी जीजू जैसा ही निकला तो??
कहानी जारी रहेगी।


Next Part: - बदलते रिश्ते-9

Post a Comment

Previous Post Next Post