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भीगी सफ़ेद साड़ी - Bhigi Safed Saree

भीगी सफ़ेद साड़ी
भीगी सफ़ेद साड़ी

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Read:- नमस्कार दोस्तो, जिंदगी काफी व्यस्त थी इसीलिए आप लोगों से कॉफी समय बाद मुलाक़ात हुई। बीच बीच में मैं अन्तर्वासना पर प्रकाशित होने वाली कहानियाँ पढता रहता था। थोड़ा आश्चर्य हुआ कि काफी सारी कहानियों में लोग़ सारे के सारे पतियों को नामर्द बना देते हैं, ऐसा लगा जैसे कि दुनिया के सारे पति नामर्द हो गये हैँ और इस दुनिया में सेक्स सिर्फ अवैध सम्बन्धों में रह गया है, जबकि ऐसा नहीं है।

आज मेरी एक दोस्त की कहानी सुना रहा हूँ जो उसने खुद बताई मुझे और इसमें एक पति ओर पत्नी के बीच के घमासान सेक्स की कहानी है।
तो कहानी का मज़ा लीजिये।
मेरी दोस्त का नाम रीमा है अयर यह कहानी उन्हीं क़ी जुबानी।
दोस्तो, मेरा नाम रीमा है, मैँ चण्डीगढ़ से हूँ। मैं एक शादीशुदा महिला हूँ, मेरी उम्र लगभग 24 साल है। मैं अपनी ज़िन्दगी के कुछ सबसे अच्छे पलों में से एक पल आप लोगों क़े साथ शेयर कर रही हूँ।

मुझे अपने पति को seduce करना यानि संभोग के लिए आकर्षित करना बहुत अच्छा लगता है इसीलिए मैं अक्सर कुछ ऐसी चीजें करती हूँ कि वो बस मुझे देखकर इतना ज्यादा उत्तेजित हो जाएँ कि उनका सिर्फ मुझे छूते ही खड़ा हो जाए।
वैसे मेरे पति का लंड 7″ का है और काफी मोटा है जिसकी वजह से मुझे उसे बहुत अंदर लेने में बहुत दर्द भी होता है।
एक दिन हम मूवी देखने गए थे तो उसमें हीरोइन ने सफ़ेद रंग की साड़ी पहनी थी और वो भीग गई थी पानी से पूरी, तो इनके मुँह से आह्ह निकल गया और मैं तो बस जल कर ख़ाक हो गई।

वैसे मैं भी काफी सेक्सी दिखती हूँ क्यूँकि मेरी पति मुझे एक मिनट के लिए भी छोड नहीं सकते। अगर मैं सामने हूँ तो बस मुझे चाटते ही रहें ! बड़ी मुश्किल से उन्हें सम्भालना पड़ता है।
ये हमेशा मेरे नंगे शरीर को देख कर बोलते भी हैं कि कोई औरत इतनी सेक्सी कैसे हो सकती है।
वो घण्टों तक मुझे नंगी करके देखते ही रहते हैं।

खैर वापस अपनी कहानी पर आते हैं। जब मैं इर्ष्या की अग्नि में जल गई उस हीरोइन से तो मैंने भी सोच लिया कि अगर इनकी आअह्हह को आआअह्ह ह्ह्ह्ह्ह में ना बदला तो मेरा भी नाम रीमा नहीं।
हम घर वापस आये, रात काफी हो चुकी थी, हमने खाना खाया और फिर हम सोने के लिए बैडरूम में आ गए।
हमने कपड़े बदले और सोने की तैयारी करने लगे।
उस रात मैंने जानबूझ कर सफ़ेद रंग की पारदर्शी सी नाइटी पहनी और अंदर गुलाबी रंग की ब्रा पहनी जो साफ़ नज़र आ रही थी।

फिर मैंने पूरी नाइटी गीली क़र ली ताकि नाइटी मेरे बदन से पूरी चिपक जाए और उसमें से पानी की बूँदे टपक रही थी।
मैं जब बाथरूम से बाहर आई तो मेरे पति मुझे देखते ही रह गए और उनका मुँह खुला का खुला रह गया, वो बोले- फ़क मैन… हाउ सेक्सी… तुम तो उस हेरोइन से कहीं ज्यादा सेक्सी लग रही हो यार। इस पूरी दुनिया में तुमसे ज़्यादा सेक्सी कोई हो ही नहीं सकती। यह मेरा लक है कि यह सेक्सी हीरा मेरे पास है।
मैं मुस्कुराई और वापस बाथरुम में जाने लगी औऱ ये मेरे पीछे भागे मुझे पकड़ने के लिए।

मैं बाथरूम में घुस गई और अन्दर से लॉक कर लिया। ये बाहर से चिल्ला रहे थे- रीमा दरवाज़ा खोलो… मेरे सामने आ जाओ वरना मैं पागल हो जाऊँगा। मुझे तुम्हें अच्छे से देखना है।
मैंने दरवाज़ा खोला और बाहर आ गई और इनकी आँखें मानो बाहऱ ही आ गई थी क्यूँकि इस बार मैंने सिर्फ नायटी पहनी थी। अंदर ब्रा और पैंटी कुछ भी नहीं थी, और नाइटी गीली और पारदर्शी थी।
अब अंदर से मेरे वक्ष के उभारों के निप्पल साफ़ नज़र आ रहे थे भूरे गुलाबी, दोनों के दोनों खड़े हुए और पीछे और आगे दोनों तरफ से नाइटी एकदम मुझसे चिपकी हुई थी।

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मेरे पति तो जैसे देखते ही पागल हो गये।
इन्होंने मेरे दोनों हाथ दीवार से लगा दिये और मुझे कस कर जकड़ लिया और मेरे होटों को बुरी तरह चूमने लगे।
ऐसा लग रहा था कि आज तो ये मुझे खा ही जाएँगे।
मेरे सीने को अपने सीने से लगा कर महसूस करने लगे और मुझे उठा कर बेड पर पटक दिया।
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वो इस हद तक उत्तेजित हो चुके थे कि मेरी नाइटी भी उतार नहीं पा रहे थे इसीलिए मेरी नाइटी फ़ाड़ डाली और मुझे घूर घूर कर देखने लगे मानो कोई शेर अपने शिकार को देख रहा हो।
मैं नीचे थी और ये ऊपर !
अब मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा और उनको अपने नीचे क़र दिया।

अब मैं उनके ऊपर बैठी हुई थी और उन्हें किस करने लगी जानवरों की तरह और धीरे धीरे उनके कपड़े उतारने लगी।
फिर नीचे आकर मैंने उनका लंड अपने मुँह में ले लिया। पहले तो सिर्फ लण्ड की टोपी पर जुबान फ़िराई, उसके बाद उनके लंड की दरार को अपने जीभ की नोक से चाटने लगी और फिर उनकी दोनों गोलियों को बारी बारी मुख में लेकर चूसने लगी।
वो इतने ज्यादा उत्तेजित हो चुके थे कि वो अपने हाथ बढ़ा कर बार बार मेरे उरोजों को पकड़ कर उन्हें मसलने की कोशिश कर रहे थे और मेरे निप्पल को दबाने की ताकि मुझे दर्द हो और मैं चीखूँ।

मैं बिल्कुल ऐसा ही कर रही थी और साथ ही उन्हें ब्लो जॉब दे रही थी। गोलियाँ चूसने के बाद मैंने उनका लन्ड पूरा मुँह के अंदर ले लिया और जोर से मुँह से हिलाने लगी अंदर-बाहर।
मेरे मुँह के गरम रस से ज़ैसे वो पिघलते ही जा रहे थे।
15-20 मिनट तक जब मैं नहीं रुकी तो उन्होंने मुझे उल्टा कर अपने नीचे कर लिया और मुझे किस करने लगे और दोनों हाथों से मेरे दूध निचोड़ते रहे, फिर मेरे दूध पीने लगे, ऐसा लगा कि वो पूरा खा ही जाएँगे।

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मेरे निप्पलों को कभी अपनी उंगलियों से मसलते तो कभी जुबान से सहलाते, चूस चूस कर पूरा लाल कर दिया, मेरे दोनों दूध बुरी तरह लाल हो चुके थे क्यूँकि इन्होंने इतने ज्यादा चूसा था क़ि ऐसे लग़ा क़ि दूध बाहर ही निकल आएगा पर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मुझे उस दर्द से भी आनन्द मिल रहा था।

अब वो नीचे आ गये मेरी चूत के पास जो पहले ही बहुत गीली हो चुकी थी और अब और भी मज़ा पाने वाली थी।
मेरे पति शेर की तरह उस पर टूट पडे और मेरी चूत चाटने लगे। पहले मेरी चूत की दोनों पलकों को चाट चाट कर अलग कर दिया और फिर छेद पर जुबान लगाई और पूरी जुबान अंदर डाल दी।
मेरी आआअह्ह्ह्ह्ह निकल गई।

फिर एक उंगली अंदर घुसेड़ दी और ऊपर आकर मेरे चुचूक चूसने लगे, फिर वो मुझसे बोले- अब नहीं रहा जा रहा है रीमा, अब मैं डाल रहा हूँ। तुम दोनों टाँगें ऊपर कर लो।
मैंने अपनी टाँगें उठा कर उनके कंधों पर रख दी।

उन्होंने मेरी चूत को फाड़ कर देखा, उंगली घुसा कर छेद खोजा, दोनों हाथों से फैला दिया और अपने फनफनाते लण्ड को घप्प से घुसेड़ दिया।
एक बार मैं दर्द के मारे चीख पड़ी तो इन्होंने अपना हाथ मेरे मुंह में डाल दिया। दर्द होने की वजह से मैंने उनके हाथ पर ज़ोर से काटा लेकिन ये अब रुकने वाले नहीं थे।

अब तो शेर को शिकार मिल चुका था, अब तो वो खा कर ही मानेगा।
चप-चप की आवाज़ें पूरे कमरे में गूंज रही थी और ये तो बस मेरी चूत मारे ही जा रहे थे।
आधे घंटे तक मेरी चुदाई करने के बाद ये झड़े और हम दोनों ही थक कर चिपक कर सो गए।
तो दोस्तो, यह था एक पति पत्नी के बीच का प्यार सेक्स के रूप में।

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