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फटाफट फ़ुद्दी चुदाई - Fatafat Fuddi Chudai

फटाफट फ़ुद्दी चुदाई
फटाफट फ़ुद्दी चुदाई

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Read:- दोस्तो, लीजिये सुनिए आज एक नई कहानी !

यह वास्तव में मेरे एक दोस्त के साथ घटी थी। उसी के शब्दों में !
मेरा नाम आशुतोष है, 38 साल का हूँ, दिल्ली में रहता हूँ। मैं शादीशुदा हूँ पर पत्नी सुंदर नहीं है, इसलिए हमेशा सुंदर औरतों की तलाश मे रहता हूँ और अगर मौका मिल जाए तो ठोकने में देर नहीं लगाता।

ऐसे ही एक दिन दिल्ली के कनॉट प्लेस में बस स्टाप के पास खड़ा था तो सामने एक बस आकर रुकी, बस में पीछे एक खूबसूरत नौजवान शादीशुदा लड़की खड़ी थी।

बस वैसे ही हम दोनों की नज़रें मिली, ऐसे लगा जैसे उसने आँखों आँखों में मुझे कोई निमंत्रण भेजा हो।
मुझे जाना तो कहीं और था पर मैं उसी बस में भाग कर चढ़ गया और उस युवती के बिल्कुल पीछे जाकर खड़ा हो गया।

बस में भीड़ होने के वजह से मैं उसके एकदम साथ चिपक कर खड़ा था।
मैंने अपनी कमर उसकी कमर से लगाई कि ‘चलो देखते हैं, क्या कहती है। अगर मानती है तो कहीं ले जाऊँगा, नहीं तो दो चार घस्से मार कर उतर जाऊँगा।’

मगर जब मैंने अपना पैंट में छुपा लण्ड उसकी गाण्ड से लगाया तो वो खुद ही थोड़ा और पीछे को हो गई जैसे वो खुद ही ये सब चाहती थी।

मैंने थोड़ा और ज़ोर से लण्ड उसके पीछे रगड़ा तो उसने भी अपने चूतड़ हिला कर मेरे लण्ड को अपने चूतड़ों की दरार में एडजस्ट कर लिया, अपनी पीठ मेरे सीने से लगा दी और अपना पूरा वज़न मेरे ऊपर ही डाल दिया।

मुझे भी मज़ा आने लगा, मेरा लण्ड तनने लगा, मैंने थोड़ा और टेस्ट करने के लिए उसकी जांघ पर हाथ लगाया, उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की। मैंने हाथ आगे बढ़ा कर उसके कमीज के ऊपर से ही उसके पेट को छूकर देखा।

उसने अपना सर घूमा कर मेरी तरफ देखा, उसकी आँखों में शरारत थी।
मैंने उसे स्माइल दी तो उसने मुझे पलट कर स्माइल दी।
मतलब साफ था, हम दोनों की एक ही मर्ज़ी थी।

मैंने उसके कान में पूछा- कहाँ जा रही हैं आप?
वो बोली- रोहिणी, और आप’
‘कहीं नहीं, बस आपके पीछे पीछे !’
‘तो कहाँ तक पीछा करेंगे?’
‘बस अगले स्टॉप तक, वहाँ से पास ही एक बहुत अच्छा होटल है, वहाँ कॉफी बहुत अच्छी बनाते हैं।’
‘अच्छा, हमने तो कभी पी नहीं !’
‘तो आज पी लो, तो अगले स्टॉप पे उतरें फिर?’
उसने हाँ में सर हिलाया।

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अगले स्टॉप पर हम उतर गए, वहाँ से पैदल ही चल कर पास के रेस्तरां में गए और कॉफी आडर की।
कॉफी के साथ बहुत सी बातें भी हुई, उसका नाम आमना जमाल था। पिछले साल पहले शादी हुई थी पर पति से खुश नहीं थी, सो अपने बॉयफ्रेंड से मिलने गई थी, पर वो भी नहीं मिला तो प्यासी वापिस जा रही थी।

कॉफी पीने के बाद मैंने उसी रेस्तरां के पास के एक होटल में एक रूम बुक करवाया और आकर वहाँ से आमना को ले गया।
दोनों होटल के रूम में पहुंचे। मैंने कोई जल्दी नहीं की।

‘कुछ खाओगी?’
‘नहीं’
‘कुछ पियोगी?’
‘क्या पिलाओगे?’
‘जो तुम कहो?’
‘तो एक एक ठंडी बीअर हो जाए?’

‘गुड आइडिया…’ मैंने रूम सर्विस से दो चिल्ड बीयर और चिल्ली चिकन का ऑर्डर किया, जब तक बीयर आई तब तक हम दोनों बेड पर एक दूसरे की बाहों में लेटे चूमा-चाटी करते रहे।
बीयर आई, पर पीने का मन दोनों में से किसी का न था, हमें तो आग लगी थी, सो एक बीयर पी के जब थोड़ा सुरूर सा हुआ, तो हम तो एक दूसरे को चिपट गए।

मैंने अपने कपड़े पहले उतारे, लण्ड पूरा तना हुआ था, वो बेड पर बैठी थी, मैं उसके सामने जाकर खड़ा हो गया और अपना लण्ड बिल्कुल उसके चेहरे के सामने कर दिया।
उसने प्यार से पकड़ा, चूमा और फिर मुँह में लेकर चूसने लगी।
मैंने उसका सर पकड़ लिया और कमर आगे पीछे चला कर उसका मुँह चोदने लगा।

थोड़ी देर बाद मैंने लण्ड उसके मुँह से निकाला, उसे उठाया और सबसे पहले उसकी कमीज़ उतारी, नीचे उसने सुर्ख लाल रंग की ब्रा पहनी थी जो उसके गोरे बदन पर बहुत जंच रही थी।
ब्रा के अंदर उसके दो बहुत ही सुंदर मम्मे क़ैद थे।
फिर मैंने उसकी सलवार उतारी, नीचे से वो बिल्कुल नंगी थी, पैंटी नहीं पहने थी।

चूत एकदम शेव की हुई, कोई बाल नहीं, खुशबूदार पाउडर लगा हुआ, मैं उसकी प्यारी सी छोटी सी चूत देखने नीचे बैठा तो उसने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत से लगा दिया और बोली- खा जाओ इसे !
मैंने उसकी सारी चूत अपने मुँह में पकड़ ली और अपने दोनों हाथों से उसके दोनों चूतड़ पकड़ लिए, जब मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ चलाई तो वो तड़प उठी।

उसने मुझे बेड पे लिटाया और मेरे मुँह के ऊपर बैठ गई।
मैं नीचे से अपनी जीभ चला रहा था तो वो ऊपर से कमर चला रही थी। उसकी चूत से छूट रहा पानी सीधा मेरे मुँह में जा रहा था और मैं उसे पी रहा था।

थोड़ी देर बाद वो पलटी और मेरे बदन के ऊपर ही उल्टी लेट गई अब मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरा लण्ड चूस रही थी।
मैंने उससे पूछा- क्या बस यही करती रहोगी?
वो बोली- नहीं और भी बहुत कुछ है करने को, वो सब भी करूंगी।

मैंने मुस्कुरा कर उसे उठाया और सीधी करके लिटाया और उसके ऊपर आ गया- ले अब इसे अपनी चूत पे रख।
‘छी… ऐसे नहीं बोलते !’
‘तो कैसे बोलते हैं?’
‘कहते हैं, अपने प्रेमी को अपनी प्रेमिका से मिलाओ।’
‘चल वही सही, मिला तो सही दोनों को !’
उसने मेरा लण्ड पकड़ा और अपनी चूत पे रख लिया।
‘अब डालूँ बीच में या इसे भी कुछ और कहते हैं?’
‘नहीं इसे ऐसे ही कहते हैं, घुसा दो लौड़ा चूत में !’
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

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कह कर वो बहुत खिलखिला कर हंसी।
मैंने भी हँसते हँसते थोड़ा ज़ोर से धक्का मारा तो जैसे ही लण्ड उसकी चूत में घुसा तो उसकी तो चीख ही निकल गई- आह… मारोगे क्या? धीरे करो !

‘ओके ओके, अब आराम से ले !’
फिर मैंने धीरे धीरे से करना शुरू किया, जब पूरा लण्ड अंदर बाहर जाने लगा तो उसने भी मज़े लेने शुरू कर दिया और अपनी कमर नीचे ले हिलाने लगी।
जैसे जैसे मैं स्पीड बढ़ाता गया और वो भी नीचे से उछलने लगी, अगर मैं जोरदार था तो वो भी कम जोरदार नहीं थी।

ताबड़तोड़ चुदाई चल रही थी, मैं तो यही सोच रहा था कि मैं ही बहुत बड़ा चोदू हूँ, पर वो तो मुझसे भी बड़ी चुदक्कड़ निकली, हर घस्से के साथ वो सिसकारी पे सिसकारी मार रही थी।
मुझे तो ऐसे लग रहा था कि मैं उसे नहीं चोद रहा बल्कि वो मुझे चोदने के लिए मजबूर कर रही थी।
चुदते चुदते वो बोली- नीचे आ, मैं ऊपर आऊँगी।
मैं नीचे लेटा तो वो झट से ऊपर आ गई, खुद ही लण्ड पकड़ा, चूत में लेकर बैठ गई और फिर खुद ही उछल उछल कर लण्ड अंदर बाहर करने लगी।

मुझे तो मानो स्वर्ग का नज़ारा आ गया।
बस दो मिनट में हो वो पसीना पसीना हो गई, उसके सिसकारियाँ अब हल्की चीख़ों में बदल गई थी।फिर तो जैसे उसने अपनी पूरी जान ही लगा दी। जोरदार चुदाई करते करते वो वो एकदम से मुझ पर झुकी और मेरे होंठ अपने होंठों में पकड़ लिए।

मैंने समझ गया कि उसका हो गया।
जब वो झड़ चुकी तो उसने हिलना बंद कर दिया।
मैं फिर से ऊपर आ गया- अब मैं भी अपना छुड़वा लूँ क्या?
‘हाँ, मेरे सनम, अब तुम भी निपटा लो!’

‘मैं चाहता हूँ कि मैं अपना वीर्य तुम्हारे जिस्म के अंदर छुड़वाऊँ, क्या तुम अपने अंदर लोगी?’
‘देखो मैं प्रेग्नेंट नहीं होना चाहती, हाँ अगर तुम चाहो तो मेरे मुँह में छुड़वा सकते हो, मैं अपने हसबेंड का वीर्य पी लेती हूँ, तुम्हारा भी पी लूँगी।’

मेरी तो जैसे मन की मुराद पूरी हो गई। मैंने उसे खूब ज़ोर लगा के चोदा, जब झड़ने लगा तो झट से चूत से लण्ड निकाला, कण्डोम उतारा और लण्ड उसके मुँह में दे दिया।

उसने भी भुक्खड़ों की तरह लण्ड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया, बस एक मिनट भी नहीं लगा और मेरा सारा वीर्य उसके मुँह में झड़ गया, बेशक उसने बहुत सा पी लिया पर बहुत सारा बाहर भी बह गया।
लण्ड झड़ने के बाद मैं भी बिस्तर पर गिर गया।

जब थोड़ा शांत हुआ तो दोनों उठ कर बाथरूम में गए, दोनों साथ साथ नहाये, कमरे में आकर कपड़े पहने। फिर से तैयार होकर एक दूसरे के फोन नंबर लिए और फिर मिलने का वादा करके होटल से बाहर आ गए।

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