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प्रीति से लगाई प्रीत- 2 - Preeti Se Lagai Prit - 2

प्रीति से लगाई प्रीत- 2
प्रीति से लगाई प्रीत- 2

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Read:- न्यूड गर्ल सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी सेक्सी साली मेरे साथ अकेली थी और कामवासना से तप रही थी. लेकिन हमारे पास समय कम था. फिर भी मैंने उसे नंगी कर लिया.

कहानी के पहले भाग

खूबसूरत साली पे दिल आ गया

में आपने पढ़ा कि कैसे मैं ससुराल गया तो वहां फुफेरी साली से मेरी सेटिंग हो गयी.

अब आगे न्यूड गर्ल सेक्स कहानी:

स्टोररूम में जाने से पहले हमने साथ वाले घर में नीचे देखा तो सब लोग स्नैक्स खाने में बिजी थे.
मतलब अभी डिनर शुरू होने में वक़्त था. अब हम दोनों को तसल्ली हो गयी और हम स्टोर रूम में आ गए.

मैंने लाइट जलाई तो देखा वहां एक बड़ा मेज और कुछ घर का फालतू सामान और एक दरी पड़ी थी.
तभी मैंने देखा प्रीति घबराहट से जोर जोर से सांस ले रही थी जिससे उसके चूचे ऊपर नीचे हो रहे थे.

हम दोनों की नजरें मिली तो प्रीति थोड़ा सामान्य हुई.
मैं आगे बढ़ कर उसके होंठ चूमने के लिए उसका चेहरा अपने हाथों में लेने लगा तो उसने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए और हंसते हुए बोली- हां जी, बोलिये आपने मुझे क्या करने के लिए बुलाया यहाँ?

तो मैंने बिना कुछ बोले फिर से उसे पकड़ा और उसके होंठ चूमते हुए उसके टॉप के ऊपर से उसके चूचे दबाने लगा.
प्रीति भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

कुछ देर बाद वो मुझसे अलग हुई और बोली- जीजू, क्या ऐसे ही खड़े खड़े सब करोगे? और जो करना है जल्दी करो, मामा जी भी आने वाले होंगे.

मैंने पहले मेज पर दरी को फोल्ड करके बिछाया, फिर प्रीति के पास जा कर उसका टॉप निकाल दिया.
आह उसके मस्त बड़े चूचे नीले रंग की ब्रा में कैद थे.

मैंने झठ से उसकी ब्रा भी निकाल दी.
बिल्कुल दूध की तरह सफेद गोरे चूचे देखकर मैं पागल हो गया.
उसके गुलाबी निप्पल बिल्कुल तन चुके थे और यही हाल मेरे लन्ड का भी था. वो भी अब तन कर मूसल हो चुका था.

मैं उसके चूचों को मसल मसल कर चूसने लगा.
प्रीति मस्ती में ‘आह आह सिसस्स ओह ओह …’ करने लगी और मेरे लोअर के ऊपर से मेरे लन्ड को मसलने लगी.

फिर मैंने कुछ देर उसके होंठ चूसे.
प्रीति बिल्कुल गर्म हो गयी थी. वो मेरे बालों में अपनी पतली उंगलियाँ फेरकर मेरा साथ देने लगी.

मैंने अभी तक उसका लोअर नहीं निकाला था.
उसे पीठ के बल मैंने मेज पर लिटाया और धीरे धीरे उसका लोअर निकालने लगा.

अभी मैंने उसका लोअर जांघों तक ही उतारा था तो मैंने देखा उसकी चूत पानी छोड़ चुकी थी जिससे उसकी आसमानी रंग की कच्छी गीली हो चुकी थी.

फिर मैंने उसका लोअर उसकी टांगों से अलग कर के जमीन पर फेंक दिया.
अब प्रीति मेरे सामने सिर्फ एक कच्छी में मेज पर लेटी थी.

मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ अंडरवियर में हो गया.
मेरा लन्ड इतना तन चुका था कि प्रीति मेरे लन्ड के उभार को देख कर मुस्कुराने लगी और शरमा कर उसने अपने दोनों हाथों से अपनी आंखें बंद कर ली.

फिर मैंने अपना अंडरवियर भी उतार दिया.
मेरे लन्ड ने आज़ाद होते ही जैसे चैन की सांस ली.

मैं प्रीति के पास गया और उसके हाथ उसकी आंखों से हटा कर उसके एक हाथ में अपना लन्ड पकड़ा दिया.
प्रीति ने अभी भी अपनी आंखें बंद की हुई थी.

जब उसने अपने हाथों में मेरा कड़क लन्ड महसूस किया तो उसने आँखें खोली.
मेरा लन्ड देख कर वो घबरा गई और बोली- ऊई मम्मी … जीजू आपका डिक (लन्ड) तो बहुत बड़ा और मोटा है, मुझे तो बहुत दर्द होगा.

मैं बोला- प्रीति डार्लिंग, तुम्हें जो दर्द पहुँचाना था, वो तुम्हारे बीएफ ने पहुँचा दिया, अब तो मैं तुम्हें सिर्फ मजा दूंगा.
वो बोली- अरे नहीं जीजू, उसके साथ किये हुए तो मुझे दो साल से भी ऊपर हो गये. उसके बाद मैंने किसी के साथ भी ऐसा कुछ नहीं किया.

यह बात सुनकर मेरा लन्ड और कड़क हो गया, मेरी तो बांछें खिल गयी.
मैं बोला- कोई बात नहीं प्रीति, तुम डरो मत. मैं तुम्हें बिल्कुल तकलीफ नहीं होने दूंगा. मैं तुम्हारी बड़े आराम से चुदाई करूँगा.

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“छी जीजू … आप कितनी गन्दी लैंग्वेज यूज़ कर रहे हो!” ये बोल कर उसने अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया.

पर उसने मेरा लन्ड अभी भी नहीं छोड़ा था बल्कि अब वो उसे धीरे धीरे सहला रही थी.

मैंने उसके हाथ चेहरे से हटाए और उसके होंठों को चूमने लगा; साथ साथ उसके चूचे दबाने लगा.

प्रीति फिर से गर्म होने लगी और मस्ती से सिसकारियां भरने लगी.

मैं बोला- प्रीति मेरी जान, चुदाई में जितनी गन्दी लैंग्वेज यूज़ करो, उतना ज्यादा मजा आता है.
यह बोल कर मैं उसके पैरों की तरफ गया और उसकी नंगी टाँगों और जाँघों पर हाथ फेरने लगा- आह प्रीति, क्या शरीर है तुम्हारा! मन करता है तुम्हें पूरी नंगी करके घण्टों तुम्हारे शरीर को चाटता रहूं और फिर तुम्हारी चुदाई करूं!

मैं फिर से उसके पैरों की तरफ गया और उसके पांव के एक अंगूठे पर हल्का सा काट लिया.
मेरे ऐसा करने से प्रीति मचल उठी- उफ्फ जीजू … जल्दी करो. मेरे नीचे आग लग रही है. प्लीज जल्दी से कर दो! मामा जी भी आते होंगे.

इन सब में मैं भूल ही गया था कि मेरे ससुर कभी भी आ सकते हैं.
इसलिए मैंने देर करना अब सही नहीं समझा और मैं उसके पेट पर झुक गया.
उफ्फ … क्या पेट था उसका … बिल्कुल गोरा और सपाट!
जैसे किसी बर्फ की सिल्ली पर किसी ने छेद किया हो … ऐसी लग रही थी उसकी नाभि!

मैं एक हाथ से उसके चूचों को मसलता हुआ उसकी नाभि को अपनी जीभ से कुरेदने लगा.
“आह जीजू … बस करो … ओह उफ़ जिजुऊ … जल्दी करो न … मैं मर जाऊंगी!”
उसने अपने एक हाथ से मेरे मुंह को अपनी नाभि से हटा दिया.

दोस्तो, आप लोग भी सोच रहे होंगे कि मैंने आप लोगो को अभी तक प्रीति की चूत का दीदार नहीं करवाया.
तो दिल थाम लो दोस्तो … अब इंतज़ार की घड़ियां खत्म हुई.

अब मैंने अपने होंठ उसकी चूत के नीचे उसकी जाँघों पर रख दिये और उसे वहां एक लव बाईट दी.
फिर मैंने उसकी तरफ देखा तो वो आंखें बंद किये अपने चूचों को दबा रही थी और अपने नीचे के होंठ को साइड से चबा रही थी.

मैं हटा और देखा कि उसकी कच्छी बिल्कुल गीली हो चुकी थी. शायद वो एक बार झड़ चुकी थी.

मैं उसकी कमर से उसकी कच्छी की इलास्टिक में अपनी दोनों हाथों की उंगलियां डाल कर नीचे खींचने लगा.
प्रीति तो मानो इसी पल का इंतज़ार कर रही थी, उसने भी झठ से अपनी गांड उठायी और कच्छी उतारने में मेरी मदद करने लगी.

जैसे ही मुझे साली की चूत का दीदार हुआ, आह … मेरे मुंह में पानी आ गया!
दोस्तो … क्या चूत थी उसकी!
बिल्कुल चिकनी और रेशम सी मुलायम!

मैंने उसके घुटनों को मोड़ा और उसकी चूत को खोल कर चूम लिया.
प्रीति आह करके रह गयी.

फिर मैं उसकी चूत पर उंगलियां फेरते हुए होंठों को चूमने लगा.
प्रीति भी इसमें मेरा पूरा साथ देने लगी, हम दोनों की जीभ आपस में लड़ने लगी.

कुछ देर इसी तरह चूमा चटाई के बाद मैंने अपना मुंह फिर से उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत चाटने लगा.
‘आह आह आह’ करके के प्रीति मचलने लगी.

कुछ देर बाद मैंने प्रीति को मेज के कोने में बिठा दिया और खुद नीचे बैठ कर उसकी टांगें खोली और फिर से उसकी चूत चाटने लगा.
प्रीति भी अपनी गांड उठा उठा कर अपनी चूत मेरे मुंह पर दबाने लगी.

कुछ देर बाद प्रीति फिर से झड़ने को हुई और उसने मेरे सिर को पकड़ कर मेरा मुंह अपनी चूत पर दबा दिया.
“उफ़्फ़ जीजू … ये क्या कर दिया! आह ओह्ह … सिसस्स हाय … उफ!” बोल कर मेरे मुंह में अपना सारा पानी निकाल दिया.

फिर मैं भी खड़ा हुआ तो मैंने देखा प्रीति तेज तेज सांसें ले रही थी जिससे उसके गोरे मस्त सुडौल चूचे ऊपर नीचे हो रहे थे.
और उसकी टांगें ऐसे ही खुली हुई थी और उसकी चूत से कुछ पानी अभी भी बह रहा था.

उसने अपनी दोनों बाहें फैलाकर मुझे अपने पास बुलाया और मुझे अपनी बांहों में लेकर बेहताशा चूमने लगी- हाय जीजू, कितना मजा दिया आपने!
तो मैं बोला- अभी तो असली मजा आना है जानेमन! जब ये लन्ड तुम्हारी चूत में जायेगा तब देखना तुम्हें कितना मजा आएगा!
वो बोली- फिर जल्दी से डालो ना … क्यों देर कर रहे हो?

“ठीक है जानेमन, पहले तुम मेरे लन्ड को तो प्यार करो! यह कब से तुम्हारे होंठों को छूने के लिए तड़प रहा है!”
प्रीति बोली- हाय जीजू, प्लीज … मुझसे नहीं होगा!

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“प्रीति मेरी जान, सिर्फ शुरू में तुम्हें थोड़ा अजीब लगेगा. फिर तुम खुद मेरा लन्ड चूसने को तड़पोगी!” बोलकर मैंने अपना लन्ड उसके मुंह के सामने कर दिया.
मैं उससे बोला- पहले इसे अपनी जीभ से चाटो.

प्रीति बेमन से मेरे लन्ड को चाटने लगी.
जैसे ही उसकी गुलाबी जीभ मेरे लन्ड के सुपारे पर लगी, मेरे पूरे शरीर में एक करंट से दौड़ पड़ा.
मैंने उसका सिर पकड़ कर अपने लन्ड पर दबा दिया और मेरा लन्ड उसके मुंह में घुस गया.

अब वो धीरे धीरे मेरे लन्ड को चूसने लगी.

तकरीबन दो मिनट बाद उसने लन्ड को मुंह से निकाला और उसे चूमने लगी.
मैं समझ गया कि अब प्रीति को भी लन्ड चूसना अच्छा लग रहा है.

वो फिर से मेरे लन्ड को चूसने लगी.

क्योंकि अब देर हो रही थी तो मैंने 69 पोजीशन करना ठीक नहीं समझा.
प्रीति बोली- जीजू, एक बार फिर से मेरी चूत को चाट कर उसमें अपना लन्ड डाल दो, अब रहा नहीं जा रहा!

मैंने प्रीति की हालत समझकर उसकी चूत चाटने को उसके पैरों की तरफ गया.
लेकिन तभी डोर बेल बज उठी.

जिसे सुनकर प्रीति घबरा गई, बोली- हाय लगता है कि मामा जी आ गए!
इतना बोलकर प्रीति जल्दी से उठी और अपने कपड़े पहनने लगी.

मैंने भी अपने कपड़े पहने और प्रीति से कहा- तुम आराम से कपड़े पहनो, मैं नीचे जाता हूं.

एक बार फिर से डोरबेल बजी.
मैं जल्दी से नीचे गया और दरवाजा खोला.

सामने ससुर जी हाथ में सामान लिए खड़े थे.
वे मुझे हंसकर बोले- आज बड़ी मुश्किल से तुम्हारी पसन्द की फिश मिली!
मैं भी हंसने लगा.

फिर हम अंदर आये और मेरे ससुर जी प्रीति के बारे पूछने लगे.
तो मैं बोला- पता नहीं? यहीं थी. मैं तो ऊपर था. शायद वो वाशरूम में हो!

ससुर जी ने फिश किचन में रखी. इतने में प्रीति भी आ गयी तो ससुर जी ने उसे कुछ नहीं पूछा और प्रीति को फिश धोने के लिए बोल कर मेरे पास आकर बैठ गए.

कुछ देर बाद प्रीति भी वहां आ गयी और मेरे ससुर से बोली- मामा जी, क्या मैं ही कर दूं फिश फ्राई?
तो मैं बोला- हाँ प्रीति, आज तुम्हारे ही हाथ की फिश फ्राई खाते हैं.

यह बोलकर मैं अपने रूम में स्कॉच की बोतल लेने चला गया.

प्रीति भी वहां आ गयी और धीरे से मुझ से पूछा- मामा जी को शक तो नहीं हुआ?
मैंने उसकी गांड दबाते हुए उसके होंठों को चूमा और उसे कहा- कुछ नहीं हुआ, तुम फिक्र मत करो.

यह सुनकर वो खुश हुई और मेरा लन्ड दबा कर बोली- पर तुम्हारा ये तो आज प्यासा रह गया!
पर मेरे कुछ बोलने से पहले वो चली गयी.

उसके बाद मैं बोतल लेकर ड्राइंग रूम में आया और मेरे ससुर जी गिलास और पानी वगैरा ले कर आ गए.
उन्होंने प्रीति को कुछ रोस्टेड ड्राई फ्रूट लाने को बोला.

हम पेग लगाने लगे.
तब ससुर जी ने बताया कि प्रीति को देखने लड़के वाले आ रहे हैं.
यही बताने लाज (मेरी बुआ सास) आयी हैं और परसों वापिस जाएगी.

हम यही बातें कर रहे थे कि तभी प्रीति फिश ले कर आ गयी.
मैंने प्रीति को मजाक करते हुए कहा- काँग्रेट्स प्रीति … तुमने बताया नहीं कि तुम्हारी शादी होने जा रही है.

यह सुनकर प्रीति शरमा कर दूसरे रूम में भाग गई.

अरे अरे दोस्तो, क्या सोचने लगे कि क्या मैंने प्रीति को फिर नहीं चोदा?
दोस्तो, ऐसा कभी हो सकता है कि कोई लड़की मेरे नीचे आयी हो और मैं उसको चोदूँ न!

प्यारे दोस्तो, मैंने प्रीति की चुदाई की … और बेहद घमासान चुदाई की.
उसकी चुदाई कब कैसे और कहां की … यह सब मैं आपको कहानी के अगले भाग में बताऊंगा.


कहानी का अगला भाग: - प्रीति से लगाई प्रीत- 3

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