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मेघा आंटी की चूत तो चुदी ही नहीं थी-2 - Megha Aunty Ki Chut To Chudi Hi Nahi Thi Part - 2

मेघा आंटी की चूत तो चुदी ही नहीं थी-2
मेघा आंटी की चूत तो चुदी ही नहीं थी-2

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आंटी भी खड़ी-खड़ी भीग चुकी थीं, बहुत सेक्सी लग रही थीं, उन्होंने सफेद रंग का सूट पहना था जो भीगने के कारण आंटी के शरीर से चिपका हुआ था। उनका 34 साइज़ का सीना मेरे सामने चमक रहा था। उनकी ब्रा सफेद सूट में से नजर आ रही थी और उनका पेट तो बहुत ज्यादा कामुकता बिखेर रहा था।

मैं उनको देखने में ही खोया था, तभी एकदम से आंटी ने कहा- लव.. लव.. क्या हुआ, कहाँ खो गए?

तो मैं एकदम से जैसे जगा और बोला- नहीं.. नहीं.. कुछ नहीं आंटी.. वो मैं सोच रहा था कि मैं भी भीग गया हूँ और आप भी.. तो हम कैसे अपने-अपने ऑफिस जाएँगे?

तो आंटी ने कहा- तुम सही कह रहे हो.. चलो मेरे घर चलते हैं.. वहाँ तुम भी अपने ऑफिस फोन कर देना और मैं भी कर दूँगी, फिर बारिश कम होने पर हम ऑफिस चलेंगे।

मैंने भी यही ठीक समझा और उनको बाइक पर बिठा कर उनके घर चल दिया।

वहाँ तक आंटी मुझ से चिपकी रहीं शायद ठण्ड के कारण..
पर अब मेरा मन उनके लिए बदल गया था।
वो मेरे साथ चिपकी थीं।

जब वो उतरीं तो उनका गीला सूट मेरी गीली कमीज के साथ चिपका हुआ था।

फिर हम अन्दर गए, दोनों अभी भीगे ही हुए थे।

मैंने देखा कि सूट में उनकी सफेद ब्रा साफ़ दिख रही थी।

मैं उनकी खूबसूरती में ही खोया था, तभी उन्होंने मुझसे कहा- अपने ऑफिस फ़ोन करके छुट्टी ले लो क्योंकि अब नहीं लगता कि आज बारिश रुकेगी।

तो मैंने वैसे ही किया।
उन्होंने मुझे एक पजामा और टी-शर्ट पहनने को दिया और बाथरूम में जाकर कपड़े बदलने को कहा।

मैं गया और कपड़े बदलने लगा। तब मेघा आंटी भी कपड़े बदलने अपने कमरे में चली गईं।

मैंने देखा कि मेरा अंडरवियर भी गीला हो चुका था, तो मैंने खुद को तौलिए से सुखा कर सिर्फ पजामा और टी-शर्ट पहन लिया।

फिर मैं बाहर आया तो आंटी नहीं थीं।

तो मैंने उनको आवाज लगाई, उन्होंने कहा- मैं आ रही हूँ.. बैठो।

फिर आंटी आईं तो मैं उनको देखता ही रह गया, पहली बार वो मैक्सी में मेरे सामने थीं उनके बाल खुले हुए थे।

उनका 34-30-36 जिस्मानी नाप उनकी मैक्सी से उभर कर बाहर आ रहा था। मेरा खुद पर काबू नहीं रहा, मेरा लंड खड़ा होने लगा।

तभी आंटी ने कहा- तुमको कपड़े तो सही आए हैं ना?
तो मैंने कहा- हाँ…जी पूरे सही हैं।

फिर मैं और आंटी चाय पीने लगे और हमारी बातें शुरू हुईं।

मैं- आंटी आपकी शादी को कितना समय हो गया।
आंटी- 5 साल हो चुके हैं.. पर तुम क्यों पूछ रहे हो?

मैं- वैसे ही… क्योंकि मैंने अभी तक आपके घर में कोई बच्चा नहीं देखा.. ना आपने कभी बताया।

आंटी- अरे मेरा कोई बच्चा नहीं है अभी तक..
मैं- ओह.. लेकिन शादी के इतने साल बाद भी?
आंटी दु:खी हो कर बोलीं- कुछ और बात करें लव?

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तो मैंने कहा- ठीक है अगर आप अपने दोस्त के साथ शेयर नहीं करना चाहती हैं तो हम कुछ और ही बात करते हैं।
आंटी ने कहा- ऐसी कोई बात नहीं.. बस वैसे ही थोड़ा सा उदास सा हो गई थी।

मैंने पूछा- अगर आप मुझे अपना दोस्त मानती हो तो मुझे अपनी उदासी का कारण बता सकती हो।
तो उन्होंने कहा- हाँ लव.. तुम मेरे दोस्त हो, पर एक लड़के हो तो कैसे तुमको सब बताऊँ।

मैं बोला- देखो.. आप मुझको बताओ शायद कोई मदद कर सकूँ।
तो उन्होंने बताना शुरू किया और बोलीं- मेरे पति में कमजोरी है।

तो मैंने पूछा- मतलब?

आंटी- वो मुझ से 9 साल बड़े हैं मतलब वो 42 साल के हैं और उनको गुर्दे में दिक्कत है, इसलिए वो ‘कुछ’ नहीं कर पाते।

मैंने फिर कहा- आप सही से बताओ क्या नहीं कर पाते।

तो वो बोलीं- सेक्स नहीं कर पाते क्योंकि उनका खड़ा नहीं होता और होता है तो उनका पेशाब निकल जाता है।

इतना कहने की देर थी कि मैंने आंटी की जांघ पर हाथ रख दिया और कहा- मैं सब समझ गया यानि कि वो आपके साथ रात में कुछ कर नहीं पाते हैं।

तो उनकी आँखों मे आँसू थे और उन्होंने ‘हाँ’ में सर हिलाया।

मैंने आंटी के आँसू पोंछते हुए पूछा- उनको कब से ये बीमारी है और कोई डॉक्टरी जाँच करवाई?

तो उन्होंने कहा- शुरू से ही उनको यह समस्या है।

तो मैंने ज्यादा सवाल करना बंद किए और आंटी की जांघ पर हाथ फेरना शुरू किया और कहा- आप चिंता ना करो सब ठीक हो जाएगा।

तो आंटी बोलीं- कुछ सही नहीं होगा.. मेरी किस्मत ऐसी ही रहेगी।

मैं आगे बढ़ा और अपना चेहरा आंटी के चेहरे के पास ले गया और कहा- आंटी आप चाहो तो मैं आपकी किस्मत बदल सकता हूँ।

आंटी- पर ये सब गलत है, मैं अपने पति को धोखा नहीं देना चाहती।

मैं- पर आंटी ये धोखा नहीं.. आपकी जरूरत है।

फिर आंटी मेरे चेहरे के पास आ गईं उनके होंठ मेरे होंठों के पास थे।

आंटी की आँखें बंद थीं और वो बोलीं- लव मुझे लव करो.. मेरी जरूरत मेरा पति नहीं समझ सका.. पर तुम समझ गए, कर दो मेरी हर जरूरत को पूरी.. मुझे आज सब दे दो.. जो शादी की पहली रात मुझे मिल जाना चाहिए था।

मुझे आंटी के इतनी जल्दी पिघलने की उम्मीद नहीं थी, पर उनका ऐसा करना बनता था, क्योंकि उन्हें शादी के बाद कभी सम्भोग नसीब नहीं हुआ था।

वो अपना चेहरा मेरे पास किए हुई थीं, उनकी आँखें बंद थीं और लग रहा था जैसे न जाने कितनी प्यासी हों।

मुझे उस समय उन पर तरस आ गया और मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए जैसे ही उनको मेरे होंठों का एहसास हुआ उन्होंने अपनी आँखें पूरी खोल लीं और मुझ से पहले उन्होंने अपने होंठों को मेरे होंठों पर चलाना शुरू कर दिया।

तभी मैंने भी उनके होंठों को चूमना और चूसना शुरू कर दिया और आंटी तो जैसे खुश हो गईं और उन्होंने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया और वो एकदम से मुझ पर अपना वजन डालने लगीं और मुझे चुम्बन करती रहीं।

मैंने उनकी कमर पर हाथ रखा तो उनके बदन में एक झुरझुरी सी हुई, मैंने उनकी पीठ पर हाथ फेरना जारी रखा और हम दोनों एक-दूसरे को बुरी तरह चूम रहे थे।

तभी आंटी मुझसे अलग हुईं फिर उन्होंने कहा- लव ये सब हमारे बीच में ही रहनी चाहिए.. पता नहीं ये सब सही भी है कि नहीं क्योंकि तुम मुझ से छोटे हो।

मैंने उनको कहा- मैं आपसे छोटा हूँ पर मैं बच्चा नहीं हूँ.. और आप कुछ भी गलत नहीं कर रही हो, मैं आपसे वो प्यार करना चाहता हूँ जिसके लिए आप बहुत प्यासी हो।

तो उनकी आँखों में आँसू आ गए, उन्होंने मुझे प्यार से गले लगा लिया और मेरे गाल पर चूमते हुए कहा- आई लव यू..

तो मैंने भी कहा- आई लव यू टू.. आंटी जी।

फिर उन्होंने कहा- लव.. मुझे तुम मेघा बुला सकते हो।
तो मैंने उनके होंठों पर चुम्बन करते हुए कहा- मेघा आज मुझ पर छा जाओ।

मेघा हँस पड़ी.. पहली बार उनको हँसते हुए देख रहा था, बहुत अच्छा लगा। फिर वो मुझे अपने कमरे में ले गईं।
कहानी जारी रहेगी।


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