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एक दूसरे की मॉम की चुदाई - Ek Dusre Ki Mom Ki Chudai

एक दूसरे की मॉम की चुदाई
एक दूसरे की मॉम की चुदाई

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Read: - हॉट मॉम सेक्स कहानी में पढ़ें कि हम दोनों दोस्तों ने एक दूसरे की मॉम की चुदाई का प्लान बनाया। उसने मेरे सामने मेरी मॉम को चोदा, फिर उसने अपनी मॉम को मुझसे चुदवाया.

दोस्तो, मैं अंकित अपनी मॉम की चुदाई की कहानी आपको बता रहा था।
मेरी पिछली कहानी

मेरी चालू मॉम की चुदाई

में मैंने आपको बताया था कि कैसे मेरे दोस्त अनिल ने नदी के घाट पर मेरी मॉम की चुदाई की।

अब आगे हॉट मॉम सेक्स कहानी:

अनिल मेरी मॉम को मेरे सामने चोदना चाहता था। वह बार बार कह रहा था कि अपनी मॉम को अपने सामने मुझसे चुदवाओ।
वैसे आप लोग मेरे दोस्त अनिल के बारे में जानते ही होंगें। अगर नहीं जानते हैं तो इस कहानी का पिछला भाग पढ़ लें।

मैंने मॉम से कहा- मॉम, एक बार मेरे सामने अनिल तुम्हारे ऊपर चढ़ना चाहता है। चुदवा लो न?

तब मॉम बोली- तुम भी क्या मुझे अनिल से चुदते हुए देखना चाहते हो?
तब मैं बोला- हाँ शालिनी डार्लिंग … जो तुम्हारी चूत है न … इसमें मैं मोटा लन्ड जाता देखना चाहता हूँ।
तो मॉम ने हाँ कर दी.

मैंने बाहर आकर अनिल को फोन पर बता दिया कि मॉम मान गयी है।

तब अनिल बोला- तुम मेरी मॉम को जब चाहो घर पर आकर पेल सकते हो।

दोस्तो, मेरे और अनिल के बीच में बात हुई थी कि हम दोनों एक दूसरे की मॉम को पेलेंगे।

फिर हम लोग गांव गए।

हम लोग शाम को गांव पहुंच गए।
घर पहुंचते ही चाची के होंठों का रसपान किया।
चाची भी प्रेग्नेंट थीं।

अगली सुबह मैं बस चाचा का इंतजार कर रहा था कि कब वो घर से कुछ घण्टों के लिए बाहर जाए, उसी समय मॉम को चुदवा लूंगा।

जब चाचा मार्केट गए तब अनिल को मैंने फोन करके घर बुलाया।
पहले से ही मैंने चाची को सारी बातें बता दी थी।

मॉम अपने रूम में थीं; मॉम से मैंने कहा- थोड़ा सज-संवर लो दुल्हन की तरह … जब अनिल देखे तो तुम्हारे ऊपर टूट पड़े।

तो मॉम सज-संवर कर बैठी।
अनिल को मैं उसी रूम में ले गया।

मैंने इशारा किया तो फिर अनिल मॉम के ऊपर चढ़ गया और मॉम के प्यारे होंठों को चूसने लगा।
तब मैंने अनिल से कहा- आराम आराम से करो।

अनिल ने कहा- मैं इसको गाली देकर चोदना चाहता हूं।
मैंने कहा- हां, क्यों नहीं, चोदो।
अनिल- चल बुरचुदी, जल्दी से अपने कपड़े निकाल। आज तेरी जवानी का रस पीना है।

मैं बगल में कुर्सी पर बैठ गया और मॉम ने पूरे कपड़े निकाल दिए।
फिर अनिल मॉम की चूचियों को आटे की तरह गूँथने लगा।

मॉम अपनी चूचियों की मालिश बड़े आराम से करवा रही थी।

फिर अनिल ने मॉम की टाँगों को फैलाकर अपना मोटा लन्ड मॉम की चूत में एकाएक डाल दिया जिससे मॉम की चीख निकल गई।
ये चीख सुनकर अनिल जोश में आकर मॉम को दनादन चोदने लगा।

मैं सामने बैठा देख रहा था.

जब अनिल का मोटा लन्ड मेरी रण्डी मॉम भी झेल नहीं पा रही थी तो लगातार मुंह से चीखें निकाल रही थी।

कुछ मिनट बाद मॉम भी एकदम शान्त होकर चुदाई का मजा लेने लगी।
अनिल मस्ती में मॉम को पेल रहा था।
तब अनिल बोला- आंटी, मजा आ रहा है न?
मॉम ने भी सिर हिला दिया।

उसके कुछ देर तक अनिल ने मॉम को मस्त पेला और चोद चोदकर अपना माल मॉम की चूत में ही गिरा दिया।
फिर अपना मोटा लन्ड निकाल कर वो मॉम के ऊपर ही लेट गया।

मेरी मॉम की गदराई जवानी का मजा लेकर कुछ देर लेटा रहने के बाद वो कपड़े पहनकर चला गया।

जाने से पहले अनिल मॉम के होंठों को चूसकर और चूचियां मसलकर गया।

मेरी मॉम नंगी ही बेड पर पड़ी थी; उनकी चूत से अभी भी उनकी चूत का रस और अनिल के लंड का मिलकर बाहर निकल रहा था।

उनकी चूत की ये हालत देखकर मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था।
मैं मॉम की चुदाई करना चाह रहा था।

मैंने उनकी चूत को पौंछने के बाद उनके बालों को खोल लिया और उनसे खेलने लगा।
उनकी चूचियों को दबाने लगा, फिर मॉम की चूत को सहलाने लगा।

वो बोली- तू भी अभी चोदेगा क्या?
मैं बोला- हां मॉम, तुम्हारी चूत की ये हालत देखकर मेरा लंड पागल हो चुका है मगर मैं पहले तुम्हारी गांड चुदाई करूंगा।

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वो बोली- ठीक है, जैसे मर्जी कर ले।
उसके बाद मैंने मॉम को पलटा कर पेट के बल लिटा दिया और उसकी गांड में लंड को लगा दिया।

मैंने धीरे धीरे गांड में लंड अंदर डाल दिया और मॉम की गांड को चोदने लगा।
वो आराम से मेरे लंड से चुदने लगी।

मुझे मॉम की गांड चुदाई में गजब का मजा आ रहा था।
मॉम भी आह्ह आह्ह … करते हुए मस्त चुदवा रही थी।

उनकी चूचियां पूरी आगे पीछे हिल रही थीं।

कुछ देर तक मॉम की गांड चोदने के बाद मेरा माल उनकी गांड में ही निकल गया।
उसके बाद मैं बाहर चला गया।
मॉम भी कपड़े पहनकर बाहर आ गयी।

फिर मैं बाहर मार्केट में चला गया।
रात में ही मैं घर पहुंचा।

मैंने देखा कि चाची अपने रूम में थीं, मॉम बर्तन साफ कर रही थीं।

मैं अपने रूम में चला गया।

कुछ समय बाद मॉम खाना लेकर आईं और मैं खाना खाकर आराम करने लगा।

थके होने के कारण कब नींद आ गयी मुझे पता नहीं चला।

सुबह के तीन बजे मेरी आंख खुली।
मैंने देखा तो मॉम मेरे पास ब्लाउज पहने हुए सो रही थी।

मैं डोरी को खींचकर नीचे करने लगा तो मॉम ने भी कमर उठा कर साया नीचे कर दिया।
वो हल्की नींद में थी। वो अपनी बुर पर झांट नहीं रखती थी।

फिर मैं उनकी बुर में अपनी 2 उंगली डालकर चोदने लगा।
10 मिनट तक तो उंगली से ही बुर को चोदा।
जब पानी निकल आया तो बुर को फ़ैलाकर जीभ से चाटने लगा।

मॉम की सिसकारियां निकल रही थीं।

जब मैंने पूरा रस चाट लिया तो मॉम भी मेरे मुंह को चाटने लगी।

उसके बाद वो भी मेरे लंड को चूसने लगी और चूस चूसकर मेरे लंड का पानी निकाल कर पी गयी।

उसके बाद मैं थक गया और मॉम से लिपट कर सो गया।
सुबह 7 बजे मैं उठा और फ्रेश होकर नाश्ता किया।

उसके बाद दोपहर में मेरे पास अनिल का फोन आया।
उसने मुझे बुलाया और मैं उसकी मॉम की चुदाई करने के लिए उसके घर पहुंच गया।

मैं पहले थोड़ा उसकी मॉम के बारे में बता दूं।
उसकी मॉम की उम्र लगभग 45 साल के आसपास होगी।

वह मोटी चूची और चौड़ी गांड की मालकिन थी।
रंग से काफी गोरी थी।

घर में अनिल की सिर्फ एक छोटी बहन थी। उसके परिवार में सिर्फ 3 लोग हैं। उसकी मॉम, बहन और अनिल।

जब मैं अनिल के घर पहुंचा तो उसकी मॉम सज-संवरकर अपने बेडरूम में थीं।
अनिल बोला- चाहे जितना समय लो और चाहे जैसे करो।

मुझे भी उसकी मॉम की गदराई जवानी का मजा लेना था।
मैं तुरन्त उसकी मॉम के पास पहुंचा और अनिल बाहर चला गया।

मैं अनिल की मां के पास जाकर बैठ गया।
वो थोड़ा शर्मा रही थी।
मैं बोला- आँटी शर्माइये मत।

तब वो बोली- मेरा आज तक केवल अनिल और उसके पिता के साथ ही हुआ है। आज मैं केवल अनिल की वजह से तैयार हुई।
फिर मैं तुरन्त कपड़े निकाल कर अंडरवियर में हो गया।

मैं उनको बेड पर लिटाकर खुद भी उनके ऊपर लेट गया।
फिर मैं बोला- आँटी बुरा मत मानना। मैं कुछ गन्दे शब्दों का प्रयोग करूँगा।

तब आँटी बोली- कोई बात नहीं है।
फिर मैंने उनके पतले रसीले होंठों को चूसना शुरू किया।

दस मिनट तक चूसने के बाद मैंने ब्लाउज के ऊपर से ही उनकी गोलाइयों से खेलना शुरू कर दिया।

उसके बाद मैंने आँटी की साड़ी का ब्लाउज और ब्रा तक को निकालकर फेंक दिया।
अब सिर्फ वो पैंटी में थी, वो अपनी आंखें बंद किए हुए थी।

उनकी चूची बड़ी लाजवाब थी।
एक चूची मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।

फिर मैंने आँटी को गले लगाया।
गांड सहलाते हुए तब मैंने पूछा- मेरी जान … अनिल तुन्हें कब से चोद रहा है?

आंटी बोली- अनिल के पापा की मृत्यु हो जाने के एक साल बाद से ही वो अपनी छोटी बहन को चोदना चाहता था। वो बहुत छोटी थी। तो मैं ही उसकी हरकतों को देखकर चुद गयी।

इधर मेरा भी काम चालू था।

उसके बाद बेड पर लिटाकर मैंने उनको चूसना शुरू कर दिया।
फिर बारी बारी से मैंने दोनों मोटी चूचियों का रस चखा।

मैं उनकी चूचियों को आटे की तरह गूंथने लगा।

फिर मैंने अपना लन्ड आँटी के मुंह में डाल दिया और बोला- मेरी प्यारी जान … इसका भी स्वाद ले लो।

वो भी एक रण्डी की तरह लन्ड को चूसने लगी।
आंटी तब तक चूसती रही जब तक कि मेरा पानी नहीं निकल गया।
मैंने भी उनको पूरा पानी पिला दिया।

मैं बोला- मेरी प्यारी बुरचोदी डार्लिंग … अब इसे चूस चूसकर खड़ा करो।

फिर से मेरे लन्ड की चुसाई शुरू हो गयी और 10 मिनट में ही फिर से मेरा लन्ड अपने मौसम में आ गया।

फिर मैंने आंटी की पैंटी को भी निकाल दिया।

मैंने भी देखा कि बुर भी बहुत ही चौड़ी और मोटी हो गई थी। मगर झांट के बाल नहीं थे।

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तब आँटी बोली- मेरी बुर का भी रस चख लो।
मैंने बुर को फैलाकर जिसमें से पहले से पानी भरा था, उसमें अपनी जीभ डालकर उसे चूसना शुरू कर दिया।

इतने में ही आँटी के मुँह से आवाजें आनी शुरू हो गयीं।
आवाजें सुनकर मैं और जोश में आ गया।

फिर मैंने अपना लन्ड बुर में एक ही धक्के में डाल दिया।

मैंने आंटी को पेलना शुरू कर दिया।
अब आँटी भी चुदाई का मजा लेने लगी।

मैंने जब अनिल की बहन की फ़ोटो को देखा तो वो भी गदराई जवानी की मालकिन थीं।

मैं आहिस्ता आहिस्ता आँटी को पेल रहा था और आँटी भी पिलवा रही थी।
उनकी बुर में आसानी से लन्ड आ और जा रहा था।

तब आँटी बोली- फाड़ दो मेरी बुर को, तुम तो मस्त चोदते हो। अनिल की तरह मजा दे रहे हो।

इतना सुनकर मेरी स्पीड बढ़ गयी।
मैंने भी कुछ समय में अपना पानी उनकी बुर में गिरा दिया और आँटी के ऊपर सो गया।

मैं आँटी के मुलायम शरीर का आनंद लेने लगा।

फिर कुछ समय बाद मैंने अपना लन्ड ऑन्टी के मुंह में डाल दिया।
आंटी ने भी रण्डी की तरह चूस चूसकर उसे खड़ा किया।

फिर मेरा लन्ड एक बार जोश में आ गया।
मैं आंटी की दूध जैसी सफेद गांड को सहलाने लगा।
तब आंटी बोली- गांड मारनी है क्या?

तब मैं बोला- सुमन डार्लिंग, इतनी चिकनी गांड को तो चोदना ही पड़ेगा।
मैंने ऑन्टी से बोला- सुमन डार्लिंग, कुतिया बनकर अपनी गांड मेरे लन्ड के लिए इधर करो।

आंटी ने भी कुतिया बनकर अपनी गांड मुझे मारने के लिए सौंप दी।
मैंने अपना लन्ड गांड के छेद में रखकर हल्का सा धक्का मारकर अपने लन्ड का टोपा अंदर घुसा दिया।

आंटी के मुंह से हल्की से चीख निकल पड़ी।
फिर मैंने गांड को चोदना शुरू कर दिया।

आंटी बोली- आराम आराम से इसी तरह से मेरी गांड मारो। बहुत मजा आ रहा है क्योंकि मुझे भी गांड मरवाने में बहुत मजा आता है।

मैं लगातार धक्के पर धक्के लगाकर आपनी सुमन डार्लिंग की गांड को चोद रहा था।

तभी मैं बोला- सुमन डार्लिंग, एक बात पूछूं?
आँटी बोली- हां पूछो।

तब मैं बोला- आपकी बेटी बहुत मस्त दिखती है।
आँटी हंसते हुए बोली- क्यों, उसकी भी लेनी है?

मैंने भी हां में जवाब दिया।
तब आंटी बोली- अभी उसकी मॉम को चोदो, बेटी की बाद में लेना।
मैं भी बोला- ठीक है।

इसी तरह गांड मारते मारते मैं अपनी चरमसीमा पर आ गया और अपना पानी गांड में ही गिरा दिया।
तब आंटी बोली- मुझे चोदने में मजा आया न?

तब मैं बोला- इतनी चिकनी गांड और बुर को चोदने में किसे मजा नहीं आएगा?
तब आंटी मेरे होंठों को चूसते हुए बोली- जब मन करे आ जाना क्योंकि तुम अच्छी तरीके से चोदते हो।

मैं बोला- इतनी मस्त माल कौन नहीं चोदना चाहेगा?
आंटी बोली- अनिल जानवरों की तरह चूत में डालकर चोदता है। बस उसको अपनी फिक्र रहती है। दूसरे की नहीं। अब से मैं तुमसे ही चुदवाया करूंगी।

फिर मैंने अपने कपड़े पहने और सीधा घर आ गया।

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