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चचेरी भाभी का खूबसूरत भोसड़ा -1 - Chacheri Bhabhi Ka Khubsurat Bhosda- Part 1

चचेरी भाभी का खूबसूरत भोसड़ा -1
चचेरी भाभी का खूबसूरत भोसड़ा -1

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Read: - अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा कामवासना भरा नमस्कार।

दोस्तो, मेरा नाम जीतू है और मैं मेहसाणा (गुजरात) का रहने वाला हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ.. मुझे अन्तर्वासना की कहानियां बहुत पसंद हैं।

इस रसीली कहानी को सुनाने से पूर्व मैं आपको अपने बारे में बता दूँ। मेरी लम्बाई 5’7″ है और मैं एक औसत किस्म का लड़का हूँ.. मेरी उम्र 25 साल है। मेरे लण्ड की लम्बाई 7 इंच है और मोटाई 2 इंच है।
चूत चाटना मेरा सबसे बड़ा शौक है। मुझे लड़कियों और भाभियों की चूत की खुश्बू और उसका स्वाद बहुत पसंद है।

अब आपको ज्यादा इन्तजार न करवाते हुए.. सीधा कहानी पर आता हूँ, यह सत्य घटना है।

बात तकरीबन 6 महीने पहले की है, उस वक्त मेरी मेहसाणा में नई-नई नौकरी लगी थी। मेरा गाँव मेहसाणा से 50 किलोमीटर दूर था और मुझे वहाँ जाने के लिए दो बसें बदलनी पड़ती थीं और रात को घर लौटने में भी देरी हो जाती थी।

मेरा एक चचेरा भाई मेहसाणा में ही रहता था.. तो घर वालों ने मुझे वहीं उनके साथ रहने को भेज दिया।
उनके घर में मेरे अलावा भैया, भाभी अमिता और उनकी एक दस साल की बेटी थी।

भाभी की उम्र करीबन 33 साल की है और वो एक बहुत ही खूबसूरत और कमनीय शरीर की मालकिन है, उनके मम्मे 36 सी साइज के हैं और चूतड़ों का तो पूछो ही मत.. कमाल के गोलाकार और भरे हुए हैं.. जिसे देखते ही जी करता है कि जोर से काट लें।
कोई अगर एक बार उनको साटिन की नाईटवियर में देख ले.. तो मेरा दावा है कि मुठ्ठ मारे बिना नहीं रह सकता।

मैं हमेशा से अपने भाई को किस्मत वाला मानता हूँ कि उनको भगवान ने इतनी खूबसूरत बीवी दी है।

वैसे तो मैं एक शर्मीले किस्म का लड़का हूँ.. तो डर के मारे आज तक किसी भी लड़की को पटा नहीं पाया। उसी तरह मैंने कभी यह सोचा नहीं था कि मैं उनको कभी चोद पाऊँगा.. इसलिए मैं हमेशा की तरह उनके बारे में सोच कर मुठ्ठ मार कर ही काम चला लिया करता था।

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पर एक दिन की बात है.. घर में मैं और मेरी भाभी के अलावा कोई नहीं था, मैं वैसे ही पड़ा हुआ एक किताब पढ़ रहा था।
तभी मेरी भाभी मूतने के लिए टॉयलेट में गई और उसी वक्त मुझे भी प्यास लगी तो मैं पानी पीने के लिए खड़ा हुआ।
मेरा फोन टॉयलेट के आगे ही गिर गया।

जैसे ही मैं फ़ोन उठाने के लिए नीचे झुका.. तो मुझे जैसे खजाना दिख गया और वो थी.. मेरी भाभी की चूत।
झुकते ही मेरी नजर टॉयलेट दरवाजे के नीचे की दरार में पड़ी.. जहाँ से मुझे टॉयलेट के अन्दर का नज़ारा दिखाई दिया। मैंने देखा कि भाभी टॉयलेट में मूत रही थीं। मैं धीरे से टॉयलेट के और नजदीक गया और देखने लगा। वहाँ से उनकी चूत साफ़ दिखाई दे रही थी और उनके मूत की धार दिखाई दी जिसे देख कर मैं दंग रह गया।

दोस्तो.. उनकी चूत के बारे में क्या बताऊँ.. पाव रोटी की तरह मस्त फूली हुई और उस पर छोटे-छोटे बाल.. क्या कमाल के लग रहे थे। उनकी चूत के अन्दर के होंठ थोड़े बड़े और थोड़े से बाहर की तरफ को थे.. जो कि मुझे बहुत पसंद हैं। मैं हमेशा ब्लू-फ़िल्मों में ऐसे ही अदाकारा को पसंद करता हूँ.. जिसके अन्दर के होंठ थोड़े बड़े हों।

मेरी भाभी तो एकदम गोरी थीं.. मगर उनकी चूत काली नज़र आ रही थी.. और सच बताऊँ तो मुझे हमेशा से ही काली इंडियन लौंडियों के जैसी हब्सी किस्म की चूतें ही बहुत पसंद हैं।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

उनकी चूत देख कर मेरा दिल किया कि अभी जाकर उनकी चूत को मूत के साथ ही चाटने लगूं.. पर इससे पहले कि मैं और कुछ सोचता.. वो मूत कर उठ गईं. और मैं झट से अपनी जगह पर वापस आ कर पढ़ने लगा।
अब मुझे भाभी की चूत के दीदार करने का रास्ता मिल गया था.. तो मैं हमेशा इसी फ़िराक में रहता था कि कब भाभी टॉयलेट जाएं.. और मैं उनकी चूत के दीदार कर सकूँ।

यूं ही 2 से 3 महीने बीत गए।

लेकिन पिछले एक महीने से मैंने नोटिस किया था कि जब वो मूतने टॉयलेट जाती थीं तो मूतने के बाद अपनी चूत को सहलाती थीं और कभी-कभी उंगली भी करती थीं।

चूत को सहलाते हुए.. वो अपनी चूत को इस तरह चौड़ी करती थीं कि मुझे उनकी चूत के अन्दर की गली साफ दिखाई देती थी।
अब तो वो अपनी चूत की सफाई पर कुछ ज्यादा ही ध्यान देने लगी थीं, वो अपनी चूत को हमेशा चिकनी रखती थीं।
उनकी फूली हुई चूत को देख कर ऐसा लगता था कि जैसे वो रोज ही शेविंग करती हों।

मैंने मौका मिलने पर कई बार उनको नहाते वक्त बाथरूम में देखने की कोशिश की.. मगर ज्यादा कामयाबी नहीं मिली। उनकी चूत को देख कर मेरा जी करता था कि अभी दरवाजा तोड़ दूँ और उनकी चूत को खा जाऊँ और इतना चोदूँ कि मेरा लण्ड कभी चूत से बाहर ही ना निकालूँ।
लेकिन डर के मारे कभी हिम्मत नहीं कर पाया।

अब तो कभी-कभी वो टॉयलेट से बाहर आकार यूँ हीं मेरे सामने हँस दिया करती थीं। उनका ये व्यव्हार मेरी कुछ समझ में नहीं आता था और मैंने उस पर ज्यादा सोचा भी नहीं.. मैं तो उनकी चूत देख कर ही खुश था।

दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी कहानी.. मुझे मेल ज़रूर कीजिएगा..
कहानी जारी है।


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