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दोस्त की बहन की चुत चुदाई का मजा - Dost Ki Bahan Ki Chut Chudai Ka Maja

दोस्त की बहन की चुत चुदाई का मजा
दोस्त की बहन की चुत चुदाई का मजा

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Read: - इस सेक्सी टीन गर्ल की चुदाई स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने दोस्त की सेक्सी ममेरी बहन को चोदकर मजा लिया. मेरा दोस्त मुझे अपने मामा के घर शादी में ले गया था.

नमस्ते दोस्तो, कैसे हैं आप लोग? आशा करता हूं आप लोग ठीक ही होंगे.

मेरा नाम मयंक है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 19 साल है और मैं दिखने में भी ठीक ठाक हूं. इसके साथ ही मेरा 7 इंच का लंड किसी की भी चूत फाड़ सकता है.

ये सेक्सी टीन गर्ल की चुदाई स्टोरी 3 महीने पहले की उस समय की है जब मैं अपने एक दोस्त अब्दुल के साथ उसके गांव गया था.

अब्दुल मेरा बहुत अच्छा दोस्त है, हम दोनों बचपन से ही अच्छे दोस्त हैं.
उसके गांव में उसके मामा की लड़की की शादी थी तो उसे गांव जाना था और वो मेरा बिना कहीं भी बाहर नहीं जाता था.

उसने मुझे उसके साथ चलने के लिए बोला.
पहले तो मैंने मना कर दिया पर उसने मेरे घरवालों से मेरे उसके साथ चलने की बात कर ली थी तो मैं भी उसके साथ चलने के लिए राज़ी हो गया.
उसका गांव अलीगढ़ जिले में था.

जब हम उसके गांव पहुंचे तो मुझे थोड़ा अजीब लगा क्योंकि वहां सब उसके सम्प्रदाय के थे … बस मैं ही एक अलग था.

तभी अब्दुल के मामा वहां आए.
अब्दुल ने उन्हें मेरे बारे में बताया तो उन्होंने मुझे प्यार से गले लगाया.

उस समय तक तो वहां सिर्फ मर्द ही थे, एक भी औरत मुझे वहां नहीं दिखी.
मैं सोचने लगा कि ये किस तरह की शादी वाला घर है, यहां कोई महिला ही नहीं है.

तभी अब्दुल ने मुझसे कहा- चल!
मैंने कहा- अब कहां चलना है?

वो बोला- अरे मामा जी के घर चल न … ये तो उनका फार्म हाउस है.
मैंने बात समझते हुए कहा- ओके ठीक है.

जब मैं उनके घर पहुंचा तो दिल बाग़ बाग़ हो गया.
मुझे ऐसा लगा मानो मैं जन्नत में आ गया हूं. वहां इतनी सारी खूबसूरत औरतें थीं कि क्या बोलूं.

मुझे बुर्के वाली औरतें बहुत सेक्सी लगती हैं और बुरके में से ही उनकी मटकती गांड बड़ी मस्त माल लगती है.

जब हम दोनों घर के अन्दर गए तो उसकी मामा की छोटी बेटी मुझे इतनी सेक्सी लगी कि मैं तो बयान ही नहीं कर सकता हूँ.

उसके रसीले होंठ, मोटे मोटे चूचे और भरी हुई गांड देख कर मेरा मन तो कर रहा था कि इसे यहीं पर चोद दूँ.
पर मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया.

उसका नाम अक्शा था.
अब्दुल ने मेरी उससे बात करवाई थी.
पहले तो हम थोड़ी ही बात करते रहे.

फिर वो बोली- मैं नहाने जा रही हूँ भाईजान … बस अभी आती हूँ फिर आपसे ढेर सारी बातें करूंगी.

मैं उसे नहाने जाते हुए उसके बाथरूम में देखता रहा.
वो अपनी गांड मटकाती हुई अपने बाथरूम में घुस गई.
उसके जाते समय न जाने क्यों मुझे लग रहा था कि ये कुछ ज्यादा ही अपनी गांड मटका रही है.

जब वो नहा कर निकली तो मैं बाथरूम में चला गया.
मैंने देखा कि वहां पर उसकी काले रंग की चड्डी टंगी हुई थी, जिसे उसने नहाने से पहले उतारा था.

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मैंने उसकी चड्डी को उठाया और सूंघने और चाटने लगा.

तभी वो वापस बाथरूम की तरफ आयी और वो बिना दरवाजा खटखटाए बाथरूम में घुस आई.

उस समय मैं भी मदहोश होकर अपने लंड की मुठ मार रहा था और उसकी चड्डी को सूंघ रहा था.
मेरी आंखें वासना के कारण बंद थीं.
मुझे उसके अन्दर आने का अहसास ही नहीं हुआ.
मैं तो बस अपने मन में अक्शा की चूत को याद करते हुए उसकी चड्डी चाट और सूंघ रहा था और अपना लंड हिला रहा था.

उसने मुझे उसकी चड्डी को सूंघते हुए और मुठ मारते देख लिया तो वो वहां से हंसती हुई भाग गई.

उसकी हंसने और खिलखिलाने की आवाज सुनकर मेरा ध्यान भंग हुआ और मैं सकपका गया.

मेरी आंख खुली और मैंने उसे बाहर जाते देखा, तो मेरी तो समझो गांड फट गई थी.

अब मुझे इसी बात का डर था कि वो इस बात को किसी को बता ना दे.

फिर तीन घंटे बाद मुझे वो रसोई में अकेली मिली.
उस वक्त घर के सभी लोग बाहर शॉपिंग करने गए हुए थे.
बस हम दोनों ही अकेले थे.

मैं मौका देख कर उसके पास गया और उससे बात करने लगा.
अक्शा से बात करते हुए मैं कुछ डर रहा था.

उसने मुझसे पूछा- तुम सुबह बाथरूम में क्या कर रहे थे?

ये बात सुन कर मेरी हालत खराब होने लगी थी कि उसे मैं क्या जवाब दूँ.

मैंने उससे माफी मांगी तो उसने मुझे माफ कर दिया.
मुझे इसी वजह से वो लड़कियां ज्यादा अच्छी लगती हैं जो लड़कों की गलतियों को हंस कर माफ़ कर देती हैं.

उसने मुझसे पूछा- क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?
मैंने कहा- जी नहीं, अभी तक तो नहीं.

उसने आंखें मटकाते हुए कहा- क्यों … तुम्हें कोई मिली नहीं या पसंद नहीं आई?
मैंने बोला- हां मुझे कोई पसंद नहीं आई … क्यूंकि मुझे तुम जैसी कोई मिली ही नहीं.

उसने बोला- अच्छा बच्चू … ये बात है.
अब मैंने उससे खुल कर बोला- यार तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो … क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी.

मेरी बात पर वो शर्मा गई.

मैंने उससे प्यार से फिर बोला तो उसने होंठ दबा कर हां बोल दी.
उसकी हां सुनते ही ऐसा लगा कि मेरी तो मानो लाटरी लग गई हो.

मैंने उसे उसी वक्त जोर से पकड़ा और किस करने लगा. वो भी मुझे जोर जोर से किस कर रही थी.

अब हम दोनों को खूब मजा आ रहा था.
हम दोनों एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे, थूक पी रहे थे.

मैंने उसके चूचे दबाना चालू कर दिए. वाह … क्या रसभरे चूचे थे उसके!

फिर मैं उसको किस करते हुए बेडरूम में ले गया.
वहां जाकर हम दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए और एक दूसरे को किस करने लगे.

मैं उसके चूचे चूसने लगा.
उसे बहुत मज़ा आ रहा था; वो जोर जोर से सिसकारियां ले रही थी.

नीचे होकर मैंने देखा तो उसकी चूत एकदम लाल थी मानो एक मीठी सी गुदगुदी सी स्ट्रॉबेरी चिपकी हो.

मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया.
मैं किसी प्यासे कुत्ते की तरह उसकी चूत चूस रहा था.
उसकी चूत इतनी मज़ेदार लग रही थी कि क्या बताऊं.

कुछ ही देर में अक्शा का बदन ऐंठने लगा था.
मैं समझ गया था कि ये अब जाने वाली है.
उस समय उसका हाथ मेरे सर पर जमा हुआ था और वो मुझे अपनी चुत पर दबाए जा रही थी.

बस अगले ही पल वो आंह आंह करती हुई झड़ने लगी और उसकी चुत की मलाई मेरे मुँह में आने लगी.
मैं उसकी चूत का सारा रस पी गया.

झड़ने के बाद वो कुछ ज्यादा ही जंगली हो गई थी क्योंकि मैं उसकी चूत का रस चाटने के बाद भी चूत चाटता रहा था.
इससे वो फिर से गर्मा गई थी.

मैंने उसकी चूत से मुँह हटा कर उसकी तरफ देखा तो उसकी आंखें वासना से लाल हो रखी थीं और वो मुझे प्यासी नजरों से देख रही थी.

उसने मुझसे कहा- अब हटो … मुझे सूसू करने जाना है.
मैंने ना में सर हिलाया और फिर से चूत चाटने लगा.

वो बोली- मैं मूत दूंगी.
मैंने कहा- हां मूत दे … मैं तेरा सारा मूत पी जाऊंगा.

मैं उसका मूत पीने के लिए राजी हूँ ये जानकर वो खुश हो गई.

वो बोली- तो अपना मुँह खोल मेरी जान!
मैं झट से राजी हो गया.

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मैंने आ किया और उसने मूत की धार सीधे मेरे मुँह में मारी.
मैं उसका नमकीन मूत पीता चला गया.

फिर वो उठ कर मेरे मुँह को चाटने लगी और मेरे मुँह से अपने मूत का स्वाद लेने लगी.

एक मिनट बाद वो मुझसे बोली- जानू अब मुझसे रहा नहीं जाता. जल्दी से डाल दो अपना लंड मेरी चूत में!

मैंने उसे फिर से चित लिटाया और अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रखकर रगड़ना शुरू कर दिया.
वो मस्त होकर अपनी गांड उठाने लगी और लंड चूत में खाने की कोशिश करने लगी.

उसी पल मैंने एक जोर से झटका मारा और पूरा लंड उसकी टाईट चूत में समाता चला गया.

मुझे तो इतनी टाईट चूत पाकर मानो जन्नत नसीब हो गई थी.
मगर वो मेरे मोटे लंड का इतना तेज प्रहार सहन नहीं कर पाई और कराहने लगी.

मैंने रुक कर उसे सहलाया और दूध चूसे तो वो सामान्य हो गई.

तब मैंने उससे पूछा- अब कैसा लग रहा है? क्या ज्यादा दर्द हो रहा है?

वो अपने चेहरे पर पीड़ा और मुस्कान दोनों के मिश्रित भाव लाती हुई बोली- इतना मोटा लंड चूत में जाएगा तो क्या दर्द नहीं होगा. फिर मैं कोई शादीशुदा थोड़ी ही हूँ, जो मुझे रोज रोज लंड लेने की आदत हो.

मैंने मस्ती करते हुए कहा- अच्छा मतलब तुम्हें अभी तक इतना मोटा लंड नहीं मिला था.
वो आंख दबाती हुई बोली- सही पकड़े हो मेरी जान!

मैंने फिर से मजाक किया- तो बेगम अभी तक कितने लंड ले चुकी हो?

वो बिंदास बोली- मैं अभी तक सिर्फ दो मर्दों के ही लंड लिए हैं.
मैंने पूछा- किस किस के लंड का स्वाद चखा है?

वो बोली- ये मेरा सीक्रेट है.
मैंने कहा- तुम मुझे अपना सीक्रेट बता सकती हो … मैं किसी को नहीं बताऊंगा.

वो मुस्कुरा कर बोली- एक तो तुम्हारे दोस्त और मेरे भाईजान का और एक मेरे रिश्तेदारी में है, उसको तुम नहीं जानते हो.
मैंने हैरानी से कहा- अरे वाह … मतलब तुम मेरे दोस्त का लंड भी ले चुकी हो … उसका लंड तो मुझसे छोटा है.

वो हंस कर बोली- हां अब्दुल भाईजान ने ही मुझे बताया था कि मेरे दोस्त का लंड काफी मोटा और लम्बा है. बस तभी से मैं तुम्हारा लंड अपनी चूत में लेने का मन बनाए हुई थी.
मैंने उससे पूछा कि क्या ये बात अब्दुल को मालूम है?

वो आंखें नचा कर बोली- कौन सी बात?
मैंने कहा- यही कि मैं तुम्हें चोद रहा हूँ.

वो बोली- तुम चुदाई तो पूरी करो … अब्दुल भाईजान भी शाबाशी देने आएंगे.
मैं ये सुनकर एकदम बिंदास हो गया और अक्शा को ताबड़तोड़ चोदने में लग गया.

मैंने उसे अलग अलग पोजिशन में पूरे 20 मिनट तक चोदा.
इस दौरान वो 2 बार झड़ चुकी थी.

अब मेरा भी माल निकलने वाला था.
मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.
वो मुझसे चुद कर बहुत खुश थी.

फिर उसने मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
हम दोनों फिर से चुदाई के मूड में थे.

तभी हमें बाहर से आवाजें आने लगीं, हमें समझ आ गया कि सब लोग वापस आ गए हैं.

अब हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहने और बाहर चले आए.

शाम को अब्दुल ने मेरी तरफ देख आंख मारी और पूछा- अक्शा कैसी लगी?
मैंने कहा- बड़ी मीठी कटारी है यार … साली को चोद कर मजा आ गया.

वो बोला- अभी शादी का मौका है … नहीं तो उसे अपन मिल कर बजाते.
मैं हंस दिया.

उसके बाद मैं जब तक वहां रहा, मैंने अक्शा को खूब चोदा.

फिर हम अपने घर आ गए.

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