दोस्त की बीवी की चूत में की वीर्य वर्षा |
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Read: - माय फ्रेंड वाइफ हॉट कहानी में पढ़ें कि मेरे एक सीनियर से मेरी दोस्ती हुई। एक दिन मुझे उसकी बीवी की चूत मारने का मौका मिल गया। कैसे?
दोस्तो, मेरा नाम रोनित है और मैं राजस्थान के जयपुर शहर का रहने वाला हूं।
आज मैं आपको अपने साथ घटी एक खूबसूरत घटना माय फ्रेंड वाइफ हॉट कहानी के रूप में बताना चाहता हूं।
कॉलेज खत्म होने के बाद मेरी नौकरी एक कंपनी में लग गई।
मैं बहुत खुश था और रोज़ काम पर जाने लगा था।
मुझे काम पर जाते हुए लगभग 3 महीने हो चुके थे।
इन दिनों में मेरी दोस्ती मेरे सीनियर राहुल के साथ हो गई।
हम दोनों काफी अच्छे दोस्त बन गए थे और मैं और राहुल जॉब में लगभग हर समय साथ साथ रहते थे।
मैं उसके घर भी आने जाने लगा था।
राहुल अपनी बीवी वर्षा के साथ रहता था।
मेरी और वर्षा की भी ठीक-ठाक बातें होती थीं।
फिर जो एक दिन हुआ वो मैंने कभी सोचा नहीं था।
एक दिन रविवार को वो और मैं बाहर घूम रहे थे।
उसने बताया कि उसको एक समस्या है और उसको इसमें मेरी मदद चाहिए।
मैंने सोचा कि शायद उसको पैसे वगैरह की जरूरत होगी।
लेकिन उसने कुछ और ही समस्या बताई।
वो बोला कि उसको शुगर की समस्या है।
मैंने उससे कहा कि किसी अच्छे डॉक्टर को दिखा ले।
वो बोला- वो बात नहीं है यार! शुगर के कारण मुझे दूसरी दिक्कत होती है। मैं वर्षा के साथ अच्छे से सेक्स नहीं कर पाता हूं। मैं उसको खुश नहीं कर पा रहा हूं और वो परेशान रहती है। मैं उसको खोना नहीं चाहता और मुझे तेरी मदद चाहिए है।
मैंने कहा- मैं क्या मदद कर सकता हूं इसमें?
वो बोला- यार, मैंने एक दो बार वॉशरूम में तेरा लौड़ा देखा है। तेरा लंड बहुत मोटा है। अगर तू वर्षा को चोद दे तो वो खुश हो जाएगी। उसकी जरूरत पूरी हो जाएगी और वो मुझे छोड़कर भी नहीं जाएगी.
फिर मैं बोला- लेकिन यार ये कैसे हो सकता है? वर्षा ऐसा क्यों करेगी?
उसने कहा- ऐसा नहीं है, वर्षा ने खुद ही मुझे बोला है कि अगर तुम मुझे नहीं चोद पा रहे हो तो कोई और ढूंढ दो मेरे लिए।
मैं उसकी बात सुनकर हैरान था।
फिर वो आगे बोला- यार … देख मैं बहुत परेशान हूं। मेरे लिए यह बहुत शर्म की बात है कि मैं अपनी बीवी को नहीं खुश कर पा रहा हूं। ऐसे हालात रहे तो वो चली जाएगी। प्लीज मेरी हेल्प कर दे … मैं जानता हूं कि तू मेरा विश्वास नहीं तोड़ेगा। ये बात हम तीनों के बीच में ही रहेगी।
ये कहते हुए राहुल की आंखें नम हो गईं।
अब मैं भी सोच में पड़ गया।
वैसे मुझे तो फ्री में चूत चोदने को मिल रही थी तो मैं भला मना तो कैसे करता।
मैंने हां कर दी।
वो खुश हो गया।
उसके बाद हम दोनों वहां से आ गए।
घर जाने के कुछ देर बाद राहुल का मैसेज आया कि वर्षा चुदने के लिए मान गई है और वो एक बार मेरा लंड देखना चाहती है।
मैंने बोला- ठीक है।
फिर उसने मुझे वीडियो कॉल किया और वर्षा सामने थी।
फिर राहुल बाहर चला गया और वर्षा बोली- दिखाओ अपना हथियार!
मैंने अपनी पैंट उतारी और फिर शर्ट … अब मैं केवल अंडरवियर में था।
वर्षा मेरे अंडरवियर में उभरे लंड को देख पा रही थी।
उसकी आंखों में प्यास नजर आ रही थी।
न जाने कितने दिनों की भूखी थी बेचारी।
धीरे धीरे मैंने अपने अंडरियर को नीचे खींचा और मेरा 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा हथियार उसके सामने था।
ये देख वर्षा ने अपनी जीभ को होंठों पर फिरा दिया।
मैं समझ गया कि मेरे लंड को देखकर उसके मुंह में पानी आ गया है; मेरा लंड उसकी प्यास बुझाएगा।
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फिर उसने कॉल को काट दिया।
एक घंटे बाद फिर राहुल का कॉल आया और वो बोला- मैं अपने गांव जा रहा हूं। कल सुबह वापस आऊंगा। वर्षा अकेली है, तू उसका ध्यान रखना।
मैं बोला- ठीक है।
और मैं जल्दी से तैयार होकर उसके घर पहुंच गया और बेल बजायी।
सामने वर्षा खड़ी थी और वो लाल रंग की साड़ी में थी।
ब्लाउज में से उसकी ब्रा की पट्टी बाहर निकली हुई थी जो काले रंग की थी।
उससे पता चल गया कि अंदर का सारा सामान काले रंग से ढका है उसके काले बाल और होंठों पर लाल लिपस्टिक।
पूरी सेक्स की मूरत थी वो! उसको देखकर मेरा लंड तो वहीं पर तन गया था।
जब तक मैं उसके घर के अंदर पहुंचा तो लंड पैंट में से तना हुआ दिखने लगा था।
उसने मेरे लंड को देखा और हंसकर बोली- तुम बैठ जाओ, मैं चाय लेकर आती हूं।
मैं सोफे पर बैठ गया।
जब वो रसोई में गई तो उसकी मटकाती गांड देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया।
कुछ देर बाद वो आयी और मेरे पास बैठी।
उसने चाय टेबल पर रख दी।
मुझसे तो रुका नहीं जा रहा था।
जब तक वो चाय रखकर बैठती, मैंने उसको अपनी ओर खींचा और अपनी गोद में लेकर उसके गालों को चूमने लगा।
वो मेरी आंखों में हवस भरी नजरों से देखने लगी और हम दोनों एक दूसरे के होंठों पर टूट पड़े।
हम स्मूच करने लगे। दोनों की जीभ एक दूसरे के मुंह में जा रही थी।
हमारी ये किस लगभग पांच मिनट तक चली।
मैं तो उसके होंठों को छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं था।
फिर हम अलग हुए तो जोर जोर से हांफ रहे थे।
मेरे लंड ने झटके दे देकर अपनी उत्तेजना की छाप मेरी पैंट तक छोड़ दी थी।
धीरे धीरे चूमते हुए मैं नीचे की तरफ आने लगा और अब मैं उसको गले पर चूम रहा था।
वो आंखे बंद करके मदहोश होकर मज़े ले रही थी।
उसने अपने जिस्म को मेरी बांहों में ढीला छोड़ दिया था।
उसकी चूचियों की घाटी मेरे नाक की सीध में थी। उसकी चूचियों का उभार उसके बदन को इतना कामुक बना रहा था कि कोई भी मर्द उसको चोदने के लिए तड़प उठे।
अब मैं पीछे से उसके ब्लाउज और ब्रा के हुक खोलने लगा।
मैंने उसके ब्लाउज को निकाला और उसकी ब्रा के दोनों हुक खोल दिए।
उसकी ब्रा को भी मैंने निकलवा दिया।
अब उसकी नंगी और गोरी गोरी चूचियां मेरे हाथों में थी।
वो ऊपर से पूरी से नंगी थी और नीचे से उसके पेट पर साड़ी लिपटी हुई थी।
उसके बाल उसकी चूचियों पर दोनों ओर बिखरे हुए थे।
इस रूप में वो किसी काम की देवी से कम नहीं लग रही थी।
उसका फिगर 36-28-34 था।
मैंने उसकी चूचियों को कई मिनट तक भींचा और उनका जीभरकर दीदार किया और फिर चूसा भी।
चूसने के कारण उसके बूब्स के निप्पल पूरी तरह से तनकर खड़े हो गए।
मेरे मुंह की लार से उसकी चूचियों के निप्पल पूरी तरह से चिकने हो गए थे।
अब मेरा हाथ धीरे-धीरे नीचे पहुंचा और पहले उसकी साड़ी को उसके शरीर से अलग किया।
फिर मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और धीरे-धीरे पैरों से उसे उतारने लगा।
मैंने उसका पेटीकोट उतार दिया।
वो अब पूरी नंगी थी। उसके बदन पर केवल एक काले रंग की जालीदार पैंटी थी जो उस जन्नत के छेद को छुपाए हुए थी।
उसकी चूत पर पैंटी के ऊपर से ही मैंने हाथ फेरा तो वो मेरे होंठों को चूसने लगी।
मैंने होंठ चूसते हुए ही उसकी पैंटी में हाथ दे दिया और उसकी चूत को मसलने लगा।
उसकी प्यास और ज्यादा बढ़ गई।
फिर मैंने उसकी पैंटी को भी निकलवा दिया।
अब वो पूरी तरह नंगी थी और मैं उसकी चूत की तरफ बढ़ा और देखा कि उसकी पाव जैसी चूत पर एक भी बाल नहीं था।
शायद उसने कुछ देर पहले ही अपनी चूत को चिकनी किया था।
अब मेरे होंठ उसकी चूत पर लगने के लिए फड़फड़ा रहे थे।
बिना सोचे समझे मैंने सीधे उसकी चूत पर होंठ रख दिए।
उसकी चूत की खूशबू बहुत मस्त थी, उसकी चूत को खाने का मन कर रहा था।
मैंने उसकी चूत को चूमना शुरू किया। अब मैं उसकी चूत पर धीरे धीरे अपनी जीभ फेर रहा था।
दोस्त की बीवी की सेक्सी चूत को चाटते हुए अब मेरी उत्तेजना बहुत ज्यादा बढ़ गई।
मैं उसकी चूत को जोर जोर से चाटते हुए जैसे खाने लगा।
वो भी जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी थी- आह्ह … रोनित … फक … आह्ह … अम्म … आह्ह … ओह्ह … चाटो … और जोर से चाटो।
वो अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को अपनी चूत में धकेल रही थी मानो उसे जन्नत मिल गई।
मगर सच में असली जन्नत का अहसास तो मुझे हो रहा था।
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उसके हाथों की पकड़ अब और तेज हो गई।
अब वो मेरे सिर को चूत पर दबाते हुए अपनी गांड को भी नीचे से उठाने लगी।
एकदम से उसकी आह्ह … करके जोर की चीख निकली और उसकी चूत ने खूब सारा पानी मेरे मुंह पर छोड़ दिया।
मैंने उसकी चूत का वो पानी एक बूंद भी नीचे नहीं जाने दिया और सारा का सारा चाट गया।
अब मैंने उसे खड़ी किया और उसकी जांघों को अपने हाथों से पकड़ते हुए उछालकर उठा लिया।
उसके बड़े बड़े मम्में मेरे मुंह में थे।
वो मेरी गोद में थी और मैं उसकी चूचियों को पीते हुए उसको उठाकर बेडरूम में ले गया, ले जाकर मैंने उसे पलंग पर पटक दिया।
मैंने जल्दी से अपने कपड़े खोलना शुरू किए।
मैं दो मिनट के अंदर उसके सामने नंगा था। मेरा लंड फनफना रहा था।
उसे पता था कि उसको क्या करना है। उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और एक बार उसको आगे पीछे करके देखा।
फिर उसने प्यासी नजरों से मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया और उसको चूसने लगी।
चूसते हुए वो मेरे गोटे सहला रही थी।
मैं जैसे मदहोश होने लगा। उसने दो मिनट तक चूसकर लंड को मुंह से निकाला और फिर लंड पर जीभ फिराते हुए नीचे तक ले गई और मेरे गोटे मुंह में ले लिए और उनको चूसने लगी।
मुझे आनंद का ऐसा अहसास हो रहा था जिसको मैं बता नहीं सकता।
फिर वो मेरे गोटों को जीभ से सहलाने लगी।
मुझे ऐसे आंनद का इससे पहले कभी अनुभव नहीं हुआ था।
अब वो जीभ से मेरे लन्ड के नीचे के हिस्से को चाट रही थी और फिर से उसने मेरे लन्ड को चूसना शुरू किया।
इतना मज़ा आ रहा था कि क्या कहूं।
जब औरत लंड अच्छे से चूसती है तो उसका सुख अलग ही होता है।
कुछ देर बाद मैंने वर्षा को वापस बेड पर धकेला और लंड को उसकी चूत के पास ले गया और और उसकी चूत को अपने लन्ड से सहलाने लगा।
वो सिसकारियां ले रही थी और मेरे लन्ड को मज़ा आ रहा था।
मौका देख मैंने अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया।
वो जोर से चिल्लाई- आआ …
और इतनी ही देर में मेरे पूरा हथियार उसकी चूत में था।
शायद ये सबसे मोटा लन्ड था जो उसकी चूत में गया था।
मैं उसे चोदने लगा।
वो जोर जोर से आहें भर रही थी और साथ ही मैं उसके मम्में चूस रहा था।
अब उसकी चूत मेरे लंड को आराम से अंदर बाहर करवा रही थी।
5 मिनट बाद मैंने उसे डॉगी बनाया।
तब तक वो एक बार झड़ चुकी थी।
मैंने अपना लन्ड पीछे से उसकी चूत में डाला।
पीछे से लंड डालते वक्त एक बार फिर से उसकी आह्ह … करके सिसकारी निकली।
मैंने पूरा लंड धकेल दिया और फिर से मेरे लंड को उसकी चूत की गर्मी मिलने लगी।
मैं फिर से उसे चोदने लगा।
पीछे से उसकी चूत में धक्के देते हुए चुदाई में पट-पट की आवाज हो रही थी।
लगभग 10 मिनट तक मैंने उसको घोड़ी बनाकर चोदा।
फिर मैं भी झड़ने को हो गया।
अब मैंने अपने धक्कों की स्पीड पूरी तेज कर दी।
वो चुदाई के दर्द में कराहने लगी।
मैं धक्के देते हुए उसकी चूत में झड़ने वाला ही था कि उसने मुझे रोक दिया।
वो बोली- मुझे तुम्हारा माल मुंह में पीना है।
मैंने लंड को बाहर निकाल दिया और फिर से उसके मुंह को चोदने लगा।
फिर मैं उसके मुंह में ही झड़ गया और वो मेरे माल को पी गई।
ये हमारा पहला राउंड हुआ था।
उसके बाद हमने आराम किया और खाना खाया।
फिर वर्षा की चूत की चुदाई का सिलसिला रातभर चला।
मैंने उसकी चूत में अपने वीर्य की खूब वर्षा की।
उसके बाद हम सो गये.
सुबह को राहुल आ गया. राहुल को भी अच्छा लगा कि उसकी बीवी बहुत खुश थी.
और तब से अब तक वो अपनी बीवी की चूत मुझसे ही मरवाता है।
वर्षा भी मेरे साथ बहुत खुश है और चुदाई में पूरा मजा देती है।