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लॉकडाउन में मिला शानदार चुदाई का मजा- 1 - Lockdown Mein Mila Shandar Chudai Ka Maja - 1

लॉकडाउन में मिला शानदार चुदाई का मजा- 1
लॉकडाउन में मिला शानदार चुदाई का मजा- 1

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Read: - Xxx कपल सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे पड़ोस में आये एक पति पत्नी ने मुझे अपने साथ वासना और चुदाई के खेल में शामिल कर लिया.

दोस्तो, मैं अंजलि फिर से एक नया किस्सा लेकर उपस्थित हूं।

होली की अन्तिम मस्ती

यह Xxx कपल सेक्स कहानी पिछले साल 10 अप्रैल से शुरू हुई थी। उस समय लॉकडाउन चल रहा था।

उस समय घर में हम सब पांचों बोर हो रहे थे।
तभी बेल बजी।
मॉम ने कहा- मैं देखती हूं।

दरवाजे पर एक मेरी हमउम्र लड़की थी।
उसने मम्मी से कहा- आंटी, हम आपके पड़ोसी हैं और लॉकडाउन से पहले ही शिफ्ट हुए हैं. हमारे फ्लोर पर सिर्फ दो ही फ्लैट हैं. तो मुझे थोड़ी सी हेल्प चाहिये।

मम्मी ने कहा- कोई बात नहीं, बताओ क्या हेल्प चाहिये?
तब उसने कहा- आंटी एक कटोरी चीनी मिलेगी?
तब मम्मी हंसने लगी और उससे कहा- अंदर आओ और बैठो।

वो अंदर आई और उसने हम सबको हाय कहा।
वह हमारे पास बैठ गयी।

उसने अपना नाम निधि बताया।
हम सबने भी अपना परिचय दे दिया और उससे बातें करने लगे।

उसने बताया कि वो शादीशुदा है और उसके पति का नाम तपिश है। वो नीविया के कॉस्मेटिक्स डिपार्टमेंट में मार्केटिंग हेड है और तपिश माइक्रोसॉफ्ट में प्रोजेक्ट मैनेजर हैं।
मैंने उससे कहा- यार मैंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग की है. तपिश से कह कर मेरी जॉब माइक्रोसॉफ्ट में लगवा दे।

तब उसने कहा- तुम्हें इसके लिए तपिश से खुद बात करके मनाना पड़ेगा। वो मेरी नहीं मानता है।
तो मैंने कहा- ठीक है, कल शनिवार है तो मैं उससे मिलने आती हूं।
उसने ठीक कहा और चीनी लेकर चली गई।

मैंने मम्मी से पूछा तो उन्होंने कहा- अब तुम बड़ी हो गई हो तो अपना फ्यूचर के बारे में सोचो।
तब मैंने कहा- ठीक है। मैं कल इनके घर जाती हूँ।

अगले दिन मैं लंच करने के बाद साथ वाले फ्लैट पर गई और बेल बजाई।
निधि ने दरवाजा खोला, उसने कहा- हाय अंजलि!
तब मैंने भी हाय निधि कहा।

उसने अंदर बुलाया। मैं अंदर गई तो देखा सारा घर फैला था।
तब उसने कहा- यार शिफ्ट करने के बाद सेट ही नहीं कर पाये और लॉकडाउन हो गया।

उसने कहा- तुम ड्रॉइंग रूम में बैठो. और तपिश भी वहीं है। मैं थोड़ा सा किचन का काम करके आती हूं।

मैं ड्रॉइंग रूम में आई और देखा ड्रॉइंग रूम पूरी तरह फैला था।
एक 3 सीटर सोफ़े पर तपिश बैठा था और एक 1 सीटर खाली था तो मैं उस पर बैठ गयी।

तपिश को मैंने हाय कहा तब उसने रूखा सा हाय बोला।

मैंने देखा दीवार पर एक 70 इंच का टीवी था और वो उस पर 50 शैड ऑफ ग्रे देख रहा था।
उसने सिर्फ एक वेस्ट और शॉर्ट्स पहनी थी।

उसकी बॉडी बड़ी स्ट्रॉन्ग लग रही थी। मुझे लगा कि वो शायद 6 फीट से बड़ा ही होगा।

तभी निधि आ गई और तब मैंने नोटिस किया कि वो एक घुटनों तक की टी शर्ट में थी।
मैंने सफेद टीशर्ट और निक्कर पहनी थी सभी अंडर गारमेंट्स के साथ।

निधि तपिश के चिपक कर बैठ गयी और तपिश से बोली- ये अंजलि है, पड़ोस वाले फ्लैट में रहती है। ये कम्प्यूटर इंजीनियर है और चाहती है कि तुम इसकी जॉब माइक्रोसॉफ्ट में लगवा दो।
तब तपिश ने बड़े खराब तरीके से कहा- यार, अभी तो जान पहचान भी ढंग से नहीं हुई. अभी कैसे जॉब दिलवा दूँ … वो भी माइक्रोसॉफ्ट में!

मुझे बुरा तो लगा पर चुपचाप बैठी रही।
तब निधि और मैंने इधर उधर की बात शुरू कर दी।

मैंने देखा तपिश अपना एक हाथ निधि के कंधे पर रखकर उसके चूचे दबाने लगा।
निधि ने कोई ऐतराज नहीं किया।

तब तपिश ने टीशर्ट के गले में हाथ डालकर निधि के चूचे पकड़ लिए।
ये सब मैं देख रही थी।

अब निधि ने भी तपिश की शॉर्ट्स के ऊपर से उसका लंड सहलाना शुरू कर दिया।
वो मुझसे भी लगातार बात कर रही थी।

मैंने देखा कि टीवी में सेक्स सीन चल रहा था।
अब निधि ने भी तपिश की शॉर्ट्स में हाथ डालकर उसका लंड पकड़ लिया।

तभी तपिश ने उसकी चूचे बहुत तेज दबा दिए.
तब निधि ने कहा- अरे यार आराम से, कहीं भागी तो नहीं जा रही हूं।

तपिश ने उसके होंठों को चूमा और काट लिया।
तब मैंने निधि से कहा- अभी मैं चलती हूं। तुम दोनों बिजी हो तो मैं कल आऊंगी।
निधि ने हाँ में सिर हिलाया तो मैं वहाँ से घर आ गई।

अगले दिन इतवार को मैं फिर लंच के बाद निधि के घर पहुंच गई।

आज मैंने कुछ ढीले ढाले कपड़े पहने थे।
एक काली लंबी टीशर्ट घुटनों तक की और ब्रा नहीं पहनी लेकिन पेंटी पहनी थी।

निधि ने दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि उसने एक छोटी सी शर्ट पहनी थी और नीचे सिर्फ पैन्टी थी।
उसने कहा- तुम बैठो, मैं आती हूं।
मुझे लगा कि वो शायद कपड़े चेंज करने गई है।

मैं ड्रॉइंग रूम में आई तो देखा कि तपिश टीवी पर मूवी देख रहा था और उसने सिर्फ बॉक्सर पहना था और कुछ नहीं।

मैंने उसे देखा और हाय कहा।
उसने भी मुस्करा कर हाय कहा।

मुझे लगा कि चलो फर्स्ट स्टेप तो आज ठीक है।
मैंने देखा कि आज 1 सीटर सोफ़े पर कुछ रखा था।

तब तपिश ने कहा- यहीं बैठ जाओ.
और वो एक साइड हो गया।
मैं चुपचाप दूसरे कोने में बैठ गयी।

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तभी निधि आ गई। उसने कपड़े चेंज नहीं करे थे और वो हम दोनों के बीच में बैठ गयी।

तब उसने मुझसे पूछा- और जान कैसी हो?
मैंने हैरानी से उसे देखा तो उसने कहा- यार, हम दोनों हमउम्र हैं तो फार्मेलिटी कैसी?

तब मैंने भी कहा- जान, मैं तो ठीक हूं, तेरा क्या हाल है? कल खुजली मिटी थी या नहीं?
ये सुनकर वो हंसने लगी।

तब तपिश बोला- अरे इसकी खुजली तो मिट गई पर मेरी नहीं मिटी।
ये कहकर वो निधि के होंठों को चूमने लगा।
वे दोनों पैशनेटली किस करने लगे।

तपिश का हाथ निधि की शर्ट के नीचे से निधि के चूचे दबाने लगा।

मैंने कहा- तुम फिर शुरू हो गए. मैं जा रही हूं.
और मैं उठने लगी।

तब निधि ने मेरा हाथ पकड़कर वापिस नीचे बिठा दिया- क्या यार, तुम इतना शर्माती हो।
और तब उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और वो मेरे होंठ चूसने लगी।

धीरे धीरे मैंने भी उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए।
तब निधि मेरे चूचे दबाने लग गई।

उधर तपिश ने निधि की शर्ट ऊपर कर दी और उसके निप्पल खींचने लगा।
मैंने भी निधि की पैन्टी के ऊपर से उसकी चूत दबा दी।

तब निधि ने मुझे छोड़ दिया और अपने दोनों हाथ सिर के ऊपर करके बैठ गयी।
तपिश उसके चूचे बहुत जोर से दबा रहा था।
उसके चूचे मेरे चूचों से छोटे थे।

तब मैंने कहा- अच्छा मैं जा रही हूं, तुम लोग लगे रहो।
तो तपिश ने कहा- यार रुक जाओ। जब हमें कोई सेक्स करते देखता है तो हमें और जोश आता है। इसलिए हम कई बार बालकनी में सेक्स करते हैं और सोचते हैं कि कोई देख रहा है। और अगर तुम रहोगी तो हमारी जान पहचान भी बढ़ेगी तो तुम्हें जॉब दिलवाने में मुझे आसानी होगी।

मैंने सोचा यार जॉब जरूरी है और देखने में क्या हर्ज है।
ये सोचकर मैं वहीं रुक गयी।

तब तपिश ने निधि को खड़ा किया और उसकी शर्ट और पैन्टी निकाल दी।
अब निधि पूरी तरह नंगी थी।

तब तपिश ने बैठे बैठे ही उसके निप्पल मुँह में ले लिये और अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी।
अब निधि ने उसके बॉक्सर में हाथ डालकर उसका लंड पकड़ लिया।

तब तपिश ने अपना बॉक्सर उतार दिया।
उसका लंड अभी पूरा खड़ा नहीं था, फिर भी 6-7 इंच लंबा था और 2-3 इंच मोटा था।

मुझे आदिल के लंड की याद आ गयी।

तब निधि ने सोफ़े पर चढकर तपिश का लंड अपने मुँह में ले लिया।
निधि की गांड मेरी तरफ थी।
बिल्कुल चिकनी गांड और चूत थी; एक भी बाल नहीं था।

मैंने उसकी चूत को जरा सा सहलाया, बिल्कुल सॉफ्ट थी।

जैसे ही मैंने उसकी चूत को सहलाया वैसे ही वो तपिश का लंड जोर से चूसने लगी।
मैंने अपना हाथ हटा लिया तब वो स्लो हो गई।

तब तपिश बोला- यार अंजलि, इसकी चूत सहला! जैसे ही तू इसकी चूत सहलाती है इसको जोश आ जाता है और ये मेरा लोड़ा जोर से चूसने लगती है।
मैंने कहा- ठीक है।

मैं निधि की चूत सहलाने लगी और वो जोर जोर से तपिश का लंड चूसने लगी।

थोड़ी देर में तपिश ने अपना पानी निधि के मुँह में छोड़ दिया पर फिर भी निधि चूसती रही।

फिर निधि तपिश का लंड छोड़कर मेरी तरफ घूम गई और अपनी चूत तपिश की तरफ़ कर दी।
अब तपिश उसकी चूत चाटने लगा।

तभी निधि मुझे होंठों पर किस करने लगी।
मैंने भी उसका साथ देना शुरु कर दिया। तब उसने मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल दी। मैंने भी उसकी जीभ को चूसना शुरु कर दिया।

तभी उसने अपने गले से तपिश का पानी मेरे मुंह में डाल दिया।
बड़ा गाढ़ा पानी था।

मुझे भी बुरा नहीं लगा तो अब हम दोनों एक दूसरे के मुँह में तपिश का पानी डाल डालकर एक दूसरे को चूम रहे थे।

तब निधि का एक हाथ मेरे बूब्स दबा रहा था।
मैंने भी उसके बूब्स दबाने और खींचने शुरू कर दिए।

ये देखकर उसने अपना हाथ मेरी टी शर्ट में डाल दिया और निप्पल खींचने शुरू कर दिए।
मेरे निप्पल एकदम सख्त हो गए।

तब उसने धीरे धीरे मेरी टीशर्ट ऊपर उठानी शुरू कर दी।
मैं गर्म थी तो मैंने भी कोई परवाह नहीं की।

उधर तपिश कभी निधि की चूत चाटता और कभी उसकी गांड।
निधि बहुत उत्तेजित हो गई और उसने मेरी टी शर्ट बूब्स के ऊपर कर दी।
मेरे 36 साईज के बूब्स और सख्त निप्पल देखकर वो और एक्साइट हो गई और उसने मेरा एक निप्पल अपने मुंह में ले लिया।

तपिश निधि की चूत और गांड चाटे जा रहा था.
तभी निधि ने अपना पानी छोड़ दिया। कुछ पानी सोफ़े पर गिरा और बाकी सारा तपिश पी गया।

उधर निधि मेरे निप्पल चूसे जा रही थी और उसका एक हाथ मेरी मेरी पैन्टी में था, वो मेरी चूत में उंगली कर रही थी।

मैं सोफ़े पर कमर टिकाकर आराम से आँखें बंद करके मजे ले रही थी।
तभी मुझे लगा कोई मेरी पैन्टी नीचे खींच रहा है.

तब मैंने भी अपने चूतड़ उठा दिये और पैन्टी उतरने दी।
तभी मुझे लगा निधि मेरी टीशर्ट उतार रही है.
मैंने आंख खोलकर देखा कि निधि मेरी टी शर्ट निकालने की कोशिश कर रही थी।
तो मैंने अपने आप टीशर्ट सिर के ऊपर से उतार दी।

अब मैं भी पूरी तरह नंगी थी।

तब मैंने देखा तपिश नीचे मेरे पैरों के पास बैठा था और उसने मेरे घुटने पकड़कर दोनों पैर खोल दिये।
मेरी लाल चूत उसके सामने थी।

उसने अपना मुंह मेरी चूत में घुसा दिया और उसे चाटने लगा।
इधर निधि ने मेरे निप्पल चूसने शुरु कर दिये।

तब तपिश ने अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में डाल दी और उन्हें आगे पीछे करने लगा.
वह अपने मुँह से मेरी चूत के होंठ कभी चूसता और कभी हल्का सा काटता।

मैं अपने चूतड़ उछालने लगी.
और तब मैंने एक जोर की हुंकार के साथ अपना पानी छोड़ दिया।
तब निधि मेरे निप्पल छोड़ के मेरी चूत चाटने लगी। तपिश और निधि ने मेरी चूत चाट के पूरी साफ़ कर दी।

अब तपिश बोला- चलो, अब जान पहचान को आगे बढ़ाते हैं!
और मुझे बोला- आओ मेरी तोप को चूस कर खड़ा करो ताकि ये तुम दोनों के छेद में गोला दाग सके।

यह सुन कर हम दोनों हंस पड़ी।
तब मैंने सोचा कि जब इतना हो ही गया है तो बाकी भी पूरा कर लेती हूं।

यह सोचकर मैं तपिश के लंड के सामने घुटनों पर बैठ गयी और उसके लोड़े को हाथ में लेकर सहलाने लगी।
उसका लोड़ा सख्त होने लगा।

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तब मैंने उसके लंड की आगे की खाल पीछे करी और उसके लाल सुपारे पर अपनी जीभ फिराई।
उसके मुँह से उफ्फ की आवाज निकली।

तब मैंने उसका लोड़ा अपने मुँह में लिया और चूसने लगी।
उसका लोड़ा बड़ा हो गया।

तब मैंने हिम्मत करके उसका पूरा लोड़ा मुँह में ले लिया और लोड़ा मेरे गले के अंदर टकराने लगा।
तपिश बोला- यार अंजलि, तू तो चूसने में पूरी एक्सपर्ट है थोड़ा निधि को भी सिखाना।

तभी निधि ने पीछे से आकर मेरे दोनों बूब्स पकड़ लिये।
तपिश ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाल कर मेरे बूब्स के बीच में रख दिया।

निधि ने मेरे दोनों बूब्स से उसके लोड़े को जोर से पकड़ लिया।
अब तपिश मेरे बूब्स को चोदने लगा।

2 मिनट मेरे बूब्स चोदने के बाद उसने मुझे छोड़ दिया।
तब निधि ने मुझे जमीन पर लिटा दिया और 69 की पोजीशन में अपनी चूत मेरे मुँह पर रखी और मेरी चूत चाटने लगी।

तपिश ने निधि के पीछे जाकर अपना लोड़ा उसकी चूत में ठूंस दिया और उसे चोदने लगा।
कभी वो अपना लोड़ा निधि की चूत में डालता और कभी मेरे मुँह में।

5 मिनट में निधि ने अपना पानी छोड़ दिया और सारा पानी मेरे मुँह पर गिरा दिया.
वो अपनी चूत मेरे मुँह पर रगड़ने लगी तो मैंने भी उसकी चूत खूब चूस ली।

अब तपिश निधि के मुँह की तरफ़ गया और मेरी दोनों टांगें चौड़ी करके ऊपर को उठा दी।

मेरी पूरी चूत खुलकर सामने आ गई।
तपिश बोला- क्या लाल चूत है तेरी!
और उसने उसने अपना लोड़ा उसमें घुसा दिया.

उसका लोड़ा सीधा मेरी बच्चेदानी से टकराया।
फिर मुझे वो पूरे जोश से चोदने लगा.

उधर निधि मेरी चूत को चाट रही थी। मैं पूरे सातवें आसमान पर थी।
अब कभी तपिश अपना लंड मेरी चूत में डालता और कभी निधि के मुँह में!

तभी तपिश ने थोड़ी देर में अपना गर्म गर्म पानी मेरी चूत में छोड़ दिया.
पर अभी मेरा नहीं हुआ था तो मैंने तपिश को लोड़ा निकालने नहीं दिया और अपनी चूत से उसका लोड़ा कस कर पकड़ लिया और अपने चूतड उछाल उछाल कर उसके लोड़े को चोदने लगी।

थोड़ी देर में मैंने भी अपना पानी छोड़ दिया.
तब तपिश ने मेरी चूत में से अपना लंड निकाला और सोफ़े पर बैठ गया।
निधि मेरे पैरों के बीच में बैठ गयी और अपनी दो उंगलिया मेरी चूत में डाल दी और मेरा और तपिश का पानी मेरी चूत से निकालकर पीने लगी।
थोड़ा सा पानी उसने अपने बूब्स पर रब किया।

ये देखकर मैंने उसे धक्का दे कर जमीन पर लिटा दिया और अपनी चूत खोलकर उसके मुँह पर बैठ गई।
उसने अपनी जीभ मेरी चूत में डालकर सारा पानी चाट लिया।

फिर हम दोनों भी उठकर सोफ़े पर बैठ गई।

तब उसने कहा- मैं तुम्हें गोली देती हूं वर्ना तुम प्रेगनेंट हो जाओगी।
मैंने कहा- तुम चिंता मत करो, मेरा सेफ टाईम है।
तब वो बैठ गयी।

अब मैंने उससे पूछा- यार तुम अपने पति को शेयर कर रही हो. जलन नहीं हो रही?
तब उसने कहा- यार, हम दोनों की सोच है कि हम दोनों सेक्स के लिए किसी को बांधेंगे नहीं। वो जिससे सेक्स करना चाहेगा वो करेगा और मैं जिससे सेक्स करना चाहूंगी मैं करूंगी. और कभी-कभी एक साथ भी करेंगे दूसरों के साथ! हम सेक्स की वजह से कभी अलग नहीं होंगे। हम एक दूसरे की फ्रीडम में कभी कोई रुकावट नहीं बनेंगे। इसी थिंकिंग से हम खुश रहेंगे। हम फ्री सेक्स में विश्वास करते हैं।

मैंने सोचा ऐसे भी मॉडर्न इंडियन हैं।

तभी तपिश बोला- यार, आज थोड़ी जान पहचान बढ़ी है. अब कुछ दिनों में पूरी बढ़ेगी तब मैं तुम्हें अपनी कंपनी में जॉब दिला दूँगा।
मुझे उसका इशारा समझ आ गया।
मैंने कहा- ठीक है।

तब उसने कहा- अब मेरी एक शर्त है, तुम्हें ठीक लगे तो ठीक वर्ना जान पहचान ख़त्म!
मैंने पूछा- वो क्या शर्त है?
तब उसने कहा- जब भी हम तीनों इस घर में होंगे तो कोई भी कपड़े नहीं पहनेंगे।

मैंने सोचा कि अब देखने को बचा क्या है तो हाँ कह देती हूं।
तब मैंने हाँ कह दिया।

निधि ने कहा- अब हम लोग अगले शनिवार मिलते हैं। अभी पांच दिन तो घर से ऑफिस का काम करना है। बहुत बिजी दिन होते हैं।
तब तपिश ने कहा- एक चैट ग्रुप बनाते हैं. रोज रात को बात करेंगे।

इसके बाद मैंने अपनी टीशर्ट और पैन्टी पहनी और उनको बाई कहा और वहाँ से अपने घर आ गई।

रात को एक ग्रुप बना जिसमें हम तीनों थे और निधि ने हाय भेजा।

अगले शनिवार और रविवार को क्या हुआ, अगली बार बताऊंगी।


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