बिजनेस वुमैन की प्यासी चुदासी चूत -2 |
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अब तक आपने पढ़ा..
वो मेरे सामने गिड़गिड़ाने लगी- प्लीज़ मना मत करो.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी।
मैं उसकी बातें सुन ही रहा था कि उसने फिर से गिड़गिड़ाते हुए कहा- तुम्हारा क्या जाएगा.. और मेरा भला हो जाएगा.. और मुझे जीने का मकसद मिल जाएगा.. मेरी सूखी जिन्दगी में बहार आ जाएगी।
मैं कुछ बोलता.. इससे पहले वो मुझसे कसकर लिपट गई और मेरे होंठों को बेतहाशा चूसने लगी।
पहले पहल तो मेरी बुद्धि भक्क से उड़ गई.. मैं सोच रहा था कि इसको कैसे पटाऊँ और ये तो पटा-पटाया माल निकला।
अब आगे..
मैंने भी यह सोचते हुए कि वास्तव में मेरा क्या जाएगा.. मुझे तो एक सेक्सी औरत के मजे लेने को मिल जाएंगे। मैं तो पहले ही दिन से यह सपना देख रहा था.. और बस मैंने उसका साथ देना शुरू कर दिया।
वो मेरे होंठों को ऐसे चूम रही थी.. मानो बरसों से प्यासी हो। वो पागलों की तरह मुझे चूमे जा रही थी.. पहले-पहल तो मुझे अजीब सा लगा.. पर बाद में मुझे मजा आने लगा।
वो मुझसे कहने लगी- अखिल.. मैं बहुत प्यासी हूँ.. मेरी प्यास बुझा दो.. वो मेरे पति तो मुझे प्यासी ही छोड़ देता है.. वो अपना काम करके सो जाता है और मैं प्यासी ही रह जाती हूँ।
इतना सुनते ही मैंने भी भाभी को कस कर पकड़ लिया और उसके होंठों को चूसना चालू कर दिया। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। उसका हाथ मेरी पैन्ट के ऊपर आ गया.. मेरा लण्ड तो पहले से ही खड़ा था.. उसने मेरी पैन्ट को खोल दिया और मेरा लण्ड बाहर निकाल लिया।
‘वाह कितना बड़ा और मोटा है.. लगता है.. आज यह मेरी मचलती चूत की प्यास बुझा ही देगा।’
और यह कहते हुए उसने मेरा लण्ड चूसना चालू कर दिया।
वो बहुत अनुभवी औरत थी.. वो बहुत अच्छी तरह लण्ड को चूस रही थी.. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
मैंने उसे अपने से अलग किया और.. अपनी पूरी ताकत से उनके दोनों बोबों को मसल दिया.. तो वो मस्त हो उठी ‘उह्ह.. उह्ह.. ऊह्ह.. आह्ह.. आह्ह.. आह्ह.. और जोर से.. और जोर से.. आह्ह.. क्या अखिल कहाँ थे इतने दिन से.. आज मेरी प्यास बुझा दो आह्ह.. आह्ह..’
वो मस्ती में ऐसा बोल रही थी।
मैं उसका टॉप निकालने लगा.. तो उसने बड़े आराम से अपने हाथ ऊपर करके मेरी मदद की।
दोस्तो क्या बताऊँ.. मैं तो बस एकदम मदहोश हो गया.. उसने सफेद रंग की नेट वाली ब्रा पहनी हुई थी और उसके बड़े-बड़े मम्मे गज़ब लग रहे थे।
मैंने बिना वक्त बरबाद करते हुए.. उसकी बगलों से अपना हाथ पीछे ले जाकर.. उसकी ब्रा के हुक खोल दिए। जैसे ही उसने अपनी ब्रा साइड में फेंकी.. मैं उसके बड़ी-बड़ी चूचियों पर टूट पड़ा और उनको अपने हाथों में ले कर ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा।
वो भी मादकता से कहने लगी- अखिल मेरी चूत और दूध को चूस-चूस कर.. आज इनका सारा रस निकाल दो ना..
मैं अपने दोनों हाथों से उसके मम्मों को दबा रहा था, वो ‘आहें’ भर रही थी ‘आआह्ह्ह.. ओफ़्फ़्फ़.. ह्म्म्म.. ऊऊ ह्म्म्म्म..’
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अब मैंने नीचे बैठ कर उसकी कमर के इर्द-गिर्द अपने होंठों और जीभ से चूमा और चाटा.. मारे गुदगुदी के वो तड़प गई.. मना करने लगी- नहीं ऐसे मत करो.. मुझे बहुत गुदगुदी होती है।
मगर मैं नहीं माना और उसके सपाट चिकने पेट को जी भर के चूमने के बाद मैं उसके मम्मों तक आ गया। उसके दोनों तने हुए मम्मों को बारी-बारी से ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा और साथ ही उसके निपल्स को दाँतों से काटने लगा.. ताकि वो और तड़प जाए।
फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी केप्री.. लाल चड्डी समेत उसके बदन से उतार दिया।
उसने भी अपने कूल्हे उठाकर मेरा साथ दिया।
मैंने देखा कि उसकी चूत पर बहुत सारी बड़ी-बड़ी काली-काली झांटें थीं और उसकी चूत झांटों के झुरमुट से भरी हुई थी।
मैं उसकी चूत के बालों को हाथ से सहलाने लगा और मैंने महसूस किया कि उसकी गाण्ड में भी बहुत बाल है।
मैंने पूछा- चूत के बाल साफ नहीं करती क्या?
वो बोली- मुझे अपने गुप्तांगों और बगलों में बाल रखना बहुत पसंद हैं।
उसने अपने दोनों हाथ ऊपर करके अपनी बगलें मुझे दिखाईं.. और बोली- मैंने अपनी झांटें आज तक कभी नहीं काटी हैं.. बगल के बाल भी 3-4 महीने में ट्रिम करती हूँ।
दोस्तो.. मैं देखता रह गया.. उसके बगल में भी काफ़ी बाल थे.. पर चूत के मुक़ाबले में काफ़ी कम थे। मैंने आज तक इतने बालों वाली औरत नहीं देखी थी। मुझे यह तो पता है कि कई मर्द अपने बगल और झांट के बाल नहीं काटते हैं.. क्योंकि मैंने भी आज तक कभी भी अपने शरीर पर कैंची नहीं चलाई है और मेरी बगलों और झाँटों के बाल भी बहुत बड़े-बड़े हैं।
मुझे समझने में देर नहीं लगी कि यह औरत एक नेचुरलिस्ट और जंगली प्रवत्ति की औरत है। अब मैंने सोचा कि बहुत मज़ा आएगा.. जब हम दोनों बड़ी-बड़ी काली-काली झाँटों वाले नेचुरलिस्ट और जंगली एक-दूसरे से संभोग करेंगे.. क्योंकि मेरे लिए एक बड़ी-बड़ी झाँटों वाली जंगली औरत को चोदना..यह एक अनोखा अनुभव होने जा रहा था।
क्या बताऊँ मित्रो.. उसकी झाँटों वाली चूत में से पसीने.. पेशाब और चूत रस की अजीब सी तेज़ गंध आ रही थी.. जो मुझे मदहोश कर रही थी। मुझे पहले-पहल तो थोड़ा अजीब सा लगा.. वैसे मुझे चूत चाटना अच्छा लगता था और मैं अपनी पत्नी की भी चूत बहुत चाटता था.. किन्तु अपनी मस्त झाँटू भाभी को देख कर कुछ भी करने को तैयार था।
फिर मैंने उसकी चूत पर अपना मुँह रख दिया.. उसकी झाँटों ने चूत के आगे एक ढक्कन सा बना रखा था। मैंने अपनी उंगलियों से झाँटों को साइड में किया.. चूत को चौड़ी करके चूत के छल्लों को गोल-गोल घुमा कर जीभ से चाटने लगा।
जैसे-जैसे मेरी जीभ उसकी चूत के अन्दर गुलाबी वाले हिस्से में गई.. भाभी के मुँह से सिसकारियों का सैलाब फूट पड़ा उह्ह.. आह.. आह्ह.. ऊई.. उई.. ईई हुम्म्म अह्ह्ह्ह.. बस बस.. प्लीज़.. ओह.. ह ह्ह्ह्हह.. अब डाल दो न प्लीज़.. अखिल.. मर जाऊँगी.. ईई ईई म्म्मआह्ह.. ह्हआह आह्ह.. जल्दी करो..’
मैं मस्ती से चूत को चूस रहा था।
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वो कहने लगी- मेरे पति तो ऐसे कभी नहीं करते.. ऐसा मज़ा मुझे पहली बार आ रहा है..
और वो मात्र दो मिनट में ही झड़ गई।
फिर हम 69 की अवस्था में आ गए।
क्या बताऊँ साथियों.. आरती क्या मस्त लंड चूसती है.. आह्ह.. मैं तो कुछ ही देर में झड़ गया.. और वो भी अपनी चूत का रस छोड़ बैठी।
हम दोनों एक-दूसरे का रस पी गए।
भाभी सिसियाते हुए बोली- अब और ऐसे मत तड़पाओ न.. अपना लण्ड मेरी प्यासी चूत में डाल दो.. और बना लो मुझे अपनी.. आहह्ह्ह जान पेलो मुझे.. बुझा दो मेरी प्यास प्लीज़..
मैंने अपने लण्ड का सुपारा एक हल्के से झटके से भाभी की चूत में पेल दिया।
इतने में ही भाभी कराहने लगीं- आह.. ओहह.. ऊह.. ओऊ..
दूसरे झटके में मेरा पूरा का पूरा लण्ड चूत की गहराई नाप रहा था और भाभी जोर-जोर से सिसकियाँ लेने लगीं- उह्ह आह आह्हह्ह.. ऊई.. उई.. ईई.. हुम्म्म.. अह्ह्ह्ह.. बस बस.. प्लीज़.. आहह्ह्ह सीसी.. आहह्ह्ह उफ मारो मेरी चूत.. पूरा लंड मेरी चूत में डाल दो..
मैंने शॉट पर शॉट लगा कर पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल कर उसकी चूत चोदने लगा और चूचों के बटनों को भी मसल रहा था.. जिसके कारण वो अपने मुँह से तरह-तरह की सिसकारियाँ निकाल रही थी।
वो भी मेरे हर शॉट पर चूत उठाकर लण्ड लेते हुए चिल्लाने लगी- चोद और जोर-जोर से चोद.. आज छोड़ना नहीं मेरी चूत को.. अहह्ह्ह सी.. सी सी आहह्ह्ह.. मेरी जान.. तेरे लंड ने मेरी चूत को पसंद किया है.. चोऊऊ..चोद इसको आज.. इसकी गर्मी अपनी लंड से निकाल दो.. फाड़ दे मेरी चूत को.. हाह्हआआ..!
कुछ देर बाद भाभी का शरीर अकड़ने लगा। मैं समझ गया कि वो झड़ने वाली है।
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तभी मेरे लण्ड ने भाभी की चूत का बांध तोड़ दिया और वो झड़ गईं.. पर मेरी मंजिल अभी दूर थी। मैंने चुदाई चालू रखी और कुछ मिनट बाद मैं भी झड़ गया.. तब तक भाभी तीन बार झड़ चुकी थी।
‘आहह्ह्ह… सीसीई…’ कहते हुए हम दोनों चिपक कर आराम करने लगे।
वो उठ कर बाथरूम में गई.. मैं भी उसके पीछे बाथरूम में पहुँच गया। वो पेशाब कर रही थी.. मैं भी पेशाब करने लगा। मैंने पानी से उसकी चूत धोई और उसने मेरा लण्ड धोया।
फिर उसने एक गाऊन पहन लिया और मैंने एक लोअर और शर्ट। उसने फ़ोन से खाने आर्डर किया और हम टीवी देखने लगे।
वो मेरे कन्धे पर सर रख कर मुझसे कहने लगी- अखिल तुम बहुत अच्छा चोदते हो.. मुझे बहुत मज़ा आया.. मुझे जीवन में इतना सुख कभी नहीं मिला.. अब तो मेरी कई फ्रेंड्स मुझसे जलने लग जाएंगी.. जब उन्हें पता चलेगा कि मेरी प्यास बुझने वाला कोई मुझे मिल गया है.. थैंक्स अखिल.. मेरे पास शब्द नहीं है.. तुम्हें धन्यवाद करने के लिए.. मैंने उनके चेहरे पर संतुष्टि का भाव देखा।
उसने मेरा हाथ अपने हाथ में लेकर वादा करने को कहने लगी कि कहो मैं उसकी प्यास हमेशा बुझाता रहूँगा और उसकी सारी कल्पनाओं को पूरा करूँगा..
मैंने थोड़ा सा सोचा क्योंकि.. मजा तो मुझे भी बहुत आया और मेरे लिए भी यह एक नया अनुभव था.. लंबी-लंबी झाँटों वाली औरत के साथ चुदाई.. तो मैंने तुरन्त वादा करते हुए कहा- अगर यह बात हम दोनों के बीच रहे.. तो ये वादा रहा..
मैंने उससे पूछा- तुम बार-बार फैंटेसीज की बात करती हो.. आख़िर क्या हैं ये फैंटेसीज?
तो वो मुस्कुराने लगी और बोली- जब अगली बार मिलेंगे तो बताऊँगी।
लगभग 20 मिनट बाद दरवाजे पर दस्तक हुई.. वो खाने वाला था। आरती जाकर उससे खाना लेकर आई और हम दोनों ने बिस्तर पर बैठ कर खाना खाया.. और मैं अपने घर जाने के लिए उठ गया।
आरती ने मेरे पास आ कर ज़ोर से किस की.. मुझे और धन्यवाद दिया। और मेरे हाथ में एक लिफ़ाफ़ा थमा दिया.. मुझे कुछ अजीब सा लगा और मैंने पूछा- इसमें क्या है?
तो वो बोली- बाद में देखना।
पर मैं माना नहीं और देखने लगा.. तो उसमें 5000/- रु थे।
मैंने पूछा- ये क्या है.. मैं कोई पेशेवर नहीं हूँ..
वो मेरे से चिपक कर और मेरे लंड पर हाथ फेरते हुए बोली- इसकी मेहनत का नज़राना है..
मैंने तुरंत वो लिफ़ाफ़ा उसे वापस कर दिया.. पर वो नहीं मानी और उसने जबरदस्ती मेरे लैपटॉप के बैग में रख दिया.. और बोली- अपनी सेहत का ध्यान रखना.. क्योंकि आगे तुम्हें बहुत काम करने हैं.. और ये तो पहला नज़राना है.. आगे-आगे देखना.. होता है क्या..
दोस्तो.. यह थी मेरी आपबीती सच्ची कहानी.. मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि झाँटों से इतना मज़ा आता होगा.. क्योंकि सच कहूँ तो मुझे बहुत मज़ा आया लंबी-लंबी झाँटों वाली सेक्सी औरत से सेक्स करने में।
उसने मुझे थोड़े दिन पहले फोन किया और मुझसे आग्रह करने लगी कि उससे फिर मिलूँ और उसके साथ एक रात रहूँ.. क्योंकि वो अपनी एक फैंटेसी पूरी करना चाहती है।
आगे क्या हुआ.. ये मैं बाद में बताऊँगा।