Stories Uploading Time

7:00 am, 7:30 am, 8:00 am, 8:30 am, 9:00 am, 7:00 pm, 7:30 pm, 8:00 pm, 8:30 pm, 9:00 pm Daily 10 Stories Upload

मुंहफ़ट पड़ोसन कोमल की चूत चुदाई -2 - Munhfat Padosan Komal Ki Chut Chudai- Part 2

मुंहफ़ट पड़ोसन कोमल की चूत चुदाई -2
मुंहफ़ट पड़ोसन कोमल की चूत चुदाई -2

Support Us Link:- Click Here

For Audio: - Click Here

Audio: - 

Read: - Previous Part: - मुंहफ़ट पड़ोसन कोमल की चूत चुदाई -1

अब तक आपने पढ़ा..
मैंने कोमल को बिस्तर पर सीधा लिटाया और उसकी दोनों टाँगें चौड़ी करके जो चूत का नजारा देखा.. क्या मस्त लग रहा था.. जैसे किसी कुंवारी लड़की की चूत हो।


अब आगे..

मैंने उसकी चूत पर अपने होंठ रखे और चूत के ऊपरी हिस्से को चाटने लगा। कोमल मेरी जीभ को अपनी चूत से हटाने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन मैंने उसके हाथों को उसके चूतड़ों के पीछे से पकड़ रखा था। कोमल बार-बार सिस्कारियाँ ले रही थी ‘आह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह कभी उह्हं..’
कभी कहती- प्लीज अन्दर तक आह्ह्हह्ह..
कभी कहती- और.. हाँ.. धीरे-धीरे..

अब कोमल ने अपने चूतड़ों को उठा-उठा कर मेरी जीभ को अपनी चूत के अन्दर तक ले जाने की कोशिश शुरू कर दी थी ताकि उसकी चूत को अधिक से अधिक मजा मिल सके.. उसका सारा बदन कामुकता से भर चुका था.. रोयें खड़े हो रहे थे.. मेरे रोंगटे भी खड़े हो चुके थे।
उसकी गोरी-गोरी जांघें मेरे कानों से सट रही थीं.. जो बड़ी मुलायम लग रही थीं।

फिर मैं उसके पेट की नाभि को चूसते हुए उसकी चूचुकों की तरफ बढ़ा और कुछ ही पलों में मैं एक हाथ से उसकी एक चूची को मसल रहा था और दूसरी चूची को पी रहा था.. जिसमें से हल्का-हल्का दूध निकल रहा था।
कोमल ‘आह्ह्ह.. आह्ह्ह ह्ह.. आह्ह्ह.. आह्ह्ह..’ कर रही थी।

वो मुझे अपनी छाती में समाने को आतुर थी- आह्ह्ह सर आह्ह सर.. मजा आ रहा है आह्ह्ह्ह..

मेरा लण्ड मैंने उसके हाथों में पकड़ा दिया था और कोमल धीरे-धीरे उसे आगे-पीछे.. आगे-पीछे.. कर रही थी.. जिस कारण मेरा लण्ड भी हल्का-हल्का नम हो रहा था।
उसकी चूचियाँ इतनी नर्म थीं कि रुई भी ज्यादा सख्त हो सकती है।

फिर मैंने देखा कि उसकी चूत काफी गर्म हो गई थी, कोमल का शरीर इतना गर्म हो गया था कि पूछो मत.. लेकिन वो यह नहीं कह पा रही थी कि मेरी चूत में अपना लंड डाल दो।

मैंने उसकी चूत को चोदने के लिए उसकी दोनों टाँगें ऊपर उठा दीं और दोनों टांगों को फैला भी दिया.. जिससे उसकी चूत हल्की सी फ़ैल गई।
उसकी चूत बिल्कुल लाल-लाल और छोटे छेद वाली थी.. जैसे कमसिन लड़की की हो। वो किसी भी नजर से ऐसी लग ही नहीं रही थी कि ये चूत दो बच्चों की माँ है।

मैंने अपने लंड के अगले वाले हिस्से को पकड़ कर पीछे की तरफ करके उसकी चूत के मुँह पर रख कर एक झटके में आधा लंड उसकी चूत में घुसा दिया।
कोमल थोड़ा सा पीछे हटी लेकिन दूसरे झटके में मेरा लंड उसकी चिकनी चूत में पूरा चला गया।

कोमल के मुँह से निकला- ऊईईईई.. धीरे से.. सर.. हाय पैर नीचे कर दो प्लीज़ दर्द हो रह़ा है.. आहह.. हाय सर नीचे चूत दर्द कर रही है.. आह्ह..

मैंने पूरे जोश में उसकी चूत में धक्के मार रहा था और कोमल बच्चों के डर से ज्यादा चिल्ला भी नहीं पा रही थी।
वो अपने हाथों को आगे बढ़ा कर मुझे अपनी चूत से दूर पीछे करना चाह रही थी.. लेकिन मुझे उसके दर्द से मजा आ रहा था।

कोमल बार-बार ‘सर प्लीज.. दर्द हो रहा है..’ कह रही थी। मैं उसके दर्द की परवाह न करते हुए उसको चोदने में लगा हुआ था और उसकी चूत से आवाज आ रही थी।
‘फ्छ्ह्ह ह्हह्ह्ह फछ्ह्ह्ह फछ्ह्ह्हह..’

कोमल दर्द सहन करते हुए मुझसे बार बार रुकने की कह रही थी, उसकी आँखों में आँसू आ रहे थे.. लेकिन उस समय पता नहीं लग पाया कि दो बच्चों की माँ को इतना दर्द क्यों हो रहा था।

काफी देर तक चुदाई के बाद अब मेरा लंड भी उसकी चूत में अपना वीर्य भरने को तैयार हो चुका था और थोड़ी देर में लंड ने अपना कमाल कोमल को दिखा दिया था कि सर का लंड किस तरह से उसकी चूत का जीना हराम कर सकता है। मेरे लंड ने जोर पकड़ा और सारा वीर्य कोमल की चूत में भर दिया।

मैं कोमल के ऊपर ही लेट गया और कोमल मुश्किल से साँस ले पा रही थी, उसका सारा शरीर निढाल हो गया था।
मैं कोमल के कमरे में ही रहा क्योंकि अभी तो पूरा मजा लेना था।

लगभग एक घंटे के बाद मेरे लंड में करंट ने दौड़ना फिर से शुरू कर दिया।
मैंने कोमल से पूछा- तुम्हारी चूत में इतना दर्द क्यों होता है?
कोमल ने कहा- सर मैंने कोपर-टी लगवा रखी है।

मैंने पूछा- तुम्हारी चूत इतनी टाईट कैसे है?
तो कोमल ने कहा- मैं हर रोज अपनी चूत को देसी जड़ी बूटी से धोती हूँ। सर अब तो आपकी इच्छा पूरी हो गई.. अब अपने कमरे में चले जाओ प्लीज।

AUDIO SEX STORIES HINDI


मैंने कहा- मेरी कुम्हारिन रानी.. अभी तो बहुत कुछ बाकी है।
बोली- क्या मतलब?
‘अभी तुम देखना..’
कोमल बोली- प्लीज सर मान जाइए..

मैंने कहा- आज तो पहली बार तेरी असली सुहागरात मनेगी।
कोमल तुरंत से बोली- सर मेरे पति से वास्तव में मुझे बच्चे तो हो गए लेकिन आज तक इस तरह मेरे पति ने भी मुझे नहीं चोदा है। आज वास्तव में मेरी चूत और मेरे शरीर में थकान पैदा हुई है।

मैंने कहा- मेरी कुम्हारिन कोमल.. अभी तो आगे से चुदाई की है.. पीछे की बाकी है।
कोमल- सर आज तक मैंने पीछे से नहीं मरवाई है।
मैं- आज मारूँगा.. तब देख लेना..
कोमल- नहीं सर..

मैं- आज मैं तुझे पूरा चोदूँगा..
कोमल- नहीं.. कुछ और कर लो.. लेकिन यह नहीं करो प्लीज़..
मैं- चलो बाद की बाद में देखेगें.. अभी तो लो..
कोमल- क्या?
मैं- लंड..

कोमल- मतलब.. क्या करूँ?
मैं- चूसो..
कोमल- ना..

मैं- अब तो चूसना पड़ेगा।
कोमल- अच्छा ठीक है..

मैंने कोमल के मुँह में अपना लंड डाल दिया और कोमल धीरे-धीरे लंड चूसने लगी थी। मेरा लंड धीरे-धीरे फिर खड़ा हो गया और हल्का-हल्का रस छोड़ने लगा जो कोमल के मुँह में ही जा रहा था। वह इसे बाहर निकालने की कोशिश करती.. लेकिन मैं निकालने नहीं दे रहा था, जिस कारण उसे रस पीना ही पड़ रहा था।

जब मेरा लंड सख्त हो गया.. तो मैंने कोमल से कहा- अब तुम अपने चूतड़ ऊपर करके और चूची नीचे की तरफ करके लेट जाओ.. ताकि मैं तुम्हारे ऊपर आसानी से लेट जाऊँ।
कोमल- ठीक है सर..

मैं- कोमल.. तेरी गाण्ड में उंगली तो कर सकता हूँ.. प्लीज न मत करना।
कोमल कुछ देर सोच कर बोली- ठीक है सर.. लेकिन धीरे-धीरे करना।

मैं- ओके मेरी कुम्हारिन जान..
कोमल- ओके.. मेरे जीवन के असली पति..

मैंने धीरे-धीरे कोमल की गाण्ड में तेल लगा कर उंगली करने लगा.. लेकिन उंगली जा नहीं रही थी।
मैंने कहा- कोमल सुनो न..
कोमल- जी सर?

मैं- तुम घोड़ी बन जाओ.. ताकि मेरी उंगली तेरी गाण्ड में आसानी से चली जाए.. वर्ना दर्द होगा..
कोमल- अभी लो सर.. बन गई कुम्हारों वाली घोड़ी..

मैंने तेल लगी गाण्ड में अपने उंगली धीरे-धीरे डालनी शुरू कर दी..

लेकिन कोमल बोली- आह्ह्ह्ह सर दर्द हो रहा है.. प्लीज़ मत करो।
मैंने- कोमल अच्छे से घोड़ी बन जाओ ताकि तुम्हारे चूतड़ चौड़े हो जाएं और मेरी उंगली तुम्हारी गाण्ड में पूरी चली जाए।
कोमल- सर आह्ह्ह्ह.. ठीकक्क है..

कुछ ही पलों में..
मैं- कोमल तेरी गाण्ड में मैंने अपनी पूरी उंगली डाल दी है..
कोमल- अब बस.. या और कुछ भी बाकी है।
मैं- मुझे लंड तुम्हारी गाण्ड में डालना है।

यह कहते हुए मैंने सुपारा उसकी गाण्ड में फंसा दिया।
कोमल- प्लीज.. ऊईईईई फट ग़ईईईईईई हाय.. मर गई..हाय छोड़ दो सर..

मैंने कोमल की एक ना सुनते हुए उसके मुँह पर हाथ रख कर और दूसरे हाथ से अपने लंड को जोकि थोड़ा उसकी गाण्ड में घुस गया था.. पर तेल डालते हुए जोरदार पांच-छह झटके जोरदार मारे.. और उसकी गाण्ड में फटने के कारण खून दिखने लगा लेकिन किसी चीज की परवाह न करते हुए मैं उसको चोदता ही चला गया।

कोमल- हाय छोड़ दे.. मैं मर गई छोड़ दे..
मैं नहीं रुका.. तेल की धार और लौड़ा दोनों ही उसकी गाण्ड में डालता रहा।

थोड़ी देर बाद..
कोमल- हाय सर.. बड़ा चिकना-चिकना सा हो गया.. क्या डाला है हाय.. सर
मैं- मेरी जान मेरे लंड का वीर्य.. जो निकल रहा है.. वह काम कर रहा है।
कोमल- सर अब हल्का-हल्का सा आराम है।
मैं- कुम्हारिन रानी तुझे आज इस तरह चोदूँगा कि तू कभी भी भूल नहीं पाएगी

इस तरह मैंने एक कुम्हारिन को सच में चोदा है.. जो अभी भी अपने पति के देहांत के बाद मुझे बाजार में दिखाई देती है। उस दिन के बाद तीन महीने लगातार.. जब तक उसका मर्द नहीं आया.. मैंने उसे रोज चोदा।

यह घटना लगभग तीन साल पहले की है.. यह झूठी या मनघडंत कहानी नहीं है..ये मेरे जीवन का एक सच है।
उसके साथ फिर कभी कोई घटना होगी तो फिर लिखूंगा.

Post a Comment

Previous Post Next Post