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देवर भाभी की चुदाई बनी हकीकत- 1 - Devar Bhabhi Ki Chudai Bani Hakikat - 1

देवर भाभी की चुदाई बनी हकीकत- 1
देवर भाभी की चुदाई बनी हकीकत- 1

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Read: - हनीमून नाईट एन आर आई सेक्स कहानी में पढ़ें कि एक जवान लड़की की शादी विदेश में जॉब कर रहे लडके से हुई तो उन दोनों ने अपनी सुहागरात कैसे मनाई.

दोस्तो, आपने सुना ही है कि
होता वही है जो मंजूर-ए-खुदा होता है।
लब के पास आता जाम भी कभी लबों को छू नहीं पाता,
चूत के मुंहाने पर खड़ा लंड अंदर जा ही नहीं पाता, जिसे कहते हैं के एल पी डी।

मेरी पिछली कहानी थी: खूबसूरत जिस्म से मौजाँ ही मौजाँ

आज की कहानी में भी आकाश और रूपा के साथ कुछ एसा ही हुआ।

हुआ यह कि आकाश यूरोप में अपने माँ-बाप के साथ रहता था, वो वहाँ सॉफ्टवेयर इंजीनियर था।

उसका एक भाई अनिल जिसे प्यार से सब अन्नू बुलाते थे, वो अहमदाबाद से एम बी ए कर चुका था, कंपनी जॉइन करने के इंतज़ार में था।
दोनों भाई ही लंबे, गोरे और बहुत हेंडसम थे। दोनों में मात्र दो साल का फर्क था।

माँ-बाप चाहते थे कि दोनों कि शादी एक साथ कर दें!
पर अन्नू अभी एक-दो साल केरियर के चलते शादी को तैयार नहीं था.

उधर आकाश का रिश्ता भारत में एक नामी कॉलेज से सॉफ्टवेयर इंजीनीयरिंग की हुई रूपा के साथ तय हुए एक साल से ऊपर हो गया था।
कुछ तो कोविड के चलते और कुछ आकाश की टालमटोली में शादी टलती रही।

आकाश की माँ ने कई बार आकाश से यहाँ तक पूछा कि अगर ये रिश्ता उसे पसंद नहीं है, तो मना कर देते हैं.
पर आकाश कहता कि नहीं रूपा उसे पसंद है।

रूपा की माँ नहीं थीं, उसे उसकी नानी नाना ने ही पाला था.
पिता व्यापार के सिलसिले में अक्सर विदेश ही रहते। पिता के साथ रूपा कई कई महीने विदेशों में रह आई है, तो उस पर पाश्चात्य संस्कृति की झलक दिखती है।

रूपा भी फिलहाल अहमदाबाद ही रहकर जॉब कर रही थी। अहमदाबाद में रहने से रूपा और अन्नू हर वीकेंड पर मिलते थे।

अन्नू रूपा के ज़ोर देकर कहने पर उसे भाभी नहीं बल्कि नाम से ही यानि रूपा ही कहता, दोनों की खूब पटती थी।
रूपा भी हंस कर आकाश को कह देती कि या तो तुम मुझसे ब्याह कर लो वरना मैं अन्नू से कर लूँगी।
सब खूब हँसते।

अन्नू बहुत ध्यान रखता रूपा का!

रूपा अपने नाम के अनुरूप ही शोख और चंचल थी। नैन नक्श तीखे, और जिस्मानी खूबसूरती से भरपूर। रूपा की सेक्स अपील जबर्दस्त थी।

खैर जैसे ही मौका मिला, आकाश और उसके माँ-पिताजी अहमदाबाद आ गए और एक रिज़ॉर्ट बुक करके खूब धूमधाम से आकाश और रूपा की शादी करी।
हर हिन्दू रस्म को पूरे पारंपरिक तरीके से मनाया गया।

हंसी खुशी के माहौल में कब दस-पंद्रह दिन निकल गए पता ही नहीं चला।
आकाश और रूपा ये पहले ही तय कर चुके थे कि पहला बेबी कम से कम तीन साल बाद करेंगे.
तो आकाश के कहने पर रूपा ने शादी के दिन से ही दवाई लेनी शुरू कर दी थी ताकि गर्भ का कोई खतरा न हो।

शादी के पाँच दिन बाद आकाश-रूपा और आकाश के पैरेंट्स को वापिस यूरोप जाना था, सभी के वीज़ा लग चुके थे।

हनीमून तो यूरोप में ही मनना था पर सुहागरात से लेकर अगले चार दिन के लिए दोनों के लिए एक पाँच सितारा होटल में सुइट बूक था।
आकाश के माँ-पिताजी तो अपनी कोठी में ही अन्नू के साथ ठहरे।

सुहागरात के लिए होटल ने उनके सुइट को भरपूर सजा दिया।
आकाश हिन्दुस्तानी शादी और सुहागरात का पूरा लुत्फ लेना चाहता था। उसने अपनी पसंद नापसंद होटल वालों को हर पल बताई थी।

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उसके सुइट में पूरी डेकोरेशन ताजे फूलों की थी। बेड गुलाब के फूलों की सेज बना हुआ था।
पूरा सुइट महक रहा था।
बेड के साइड में बेहतरीन शराब रखी थी।

आकाश तो पूरी रात की वीडियो बनाना चाहता था पर रूपा ने इसके लिए मना कर दिया।

हाथों में मेहँदी लगी, गहनों से सजी दुल्हन को गोदी में लेकर आकाश अपने सुइट में पहुंचा।

सुइट का डोर बंद कर के उसने आहिस्ता से रूपा को नीचे उतारा।

दोनों चिपट गए; दोनों के होंठ मिल गए।

कमरे की सजावट देख कर दोनों बहुत खुश थे।

आकाश और रूपा हाथ में हाथ लिए बेड तक पहुंचे, आकाश ने रूपा को सहारा देकर बेड पर बिठाया और खुद बगल में बैठ गया।

रस्मों रिवाज की खातिर रूपा ने अपना चेहरा घूँघट से ढक लिया, आकाश उसकी इस अदा पर फिदा हो गया।
उसने जेब से निकालकर एक हीरे की अंगूठी उसे मुंह दिखाई में दी और रूपा का घूंघट उठाया।

अब रूपा वाकई शर्मा गयी।

धीरे धीरे आकाश उसके जेवर और फिर कपड़े उतारता गया।
रूपा ने उसे सारे कपड़े नहीं उतारने दिये, बोली- मेरी नाइटी बाथरूम में रखी होगी, रुको, मैं पहन कर आती हूँ।

उसने जाकर अपनी झीनी सी नाइटी पहन ली, जिसमें से उसके जिस्म का हर उभार साफ नजर आ रहा था।

आकाश भी चेंज करके बेड पर आ गया।

उसने आते ही दो पेग बनाये और चियर्स कह कर रूपा के होंठों से लगा दिये।
रूपा बोली- आज इसकी क्या जरूरत है, मैं तुम्हें इसके बिना ही नशा करा दूँगी।

फिर भी आकाश के कहने पर उसने एक सिप ले लिया।

आकाश उससे लिपट गया और ताबड़तोड़ चूमने लगा।
रूपा भी उसका साथ दे रही थी.

पर उसने कहा- मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ, थोड़ा सब्र करो।
किन्तु आकाश को हिन्दुस्तानी सुंदरता भोगने का पहला मौका था। वो अपने नसीब से खुद रश्क कर रहा था।

उसने धीरे धीरे रूपा को बिल्कुल नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया।
वो रूपा के मम्मों को ऐसे चूम रहा था जैसे कोई दुधमुंहा बच्चा।

रूपा के गोरे गोरे मांसल मम्मे और उन पर भूरे निप्पल उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रहे थे।
अभी तक रूपा ने अपनी पायल नहीं उतारी थीं तो उसकी कसमसाहट का गवाह बन रही थी पायल की छनन छनन।

अब आकाश ने नीचे का रुख किया और मखमली रुपहली चिकनी चूत में अपनी जीभ घुसा दी।
रूपा के लिए ये अजीब था, उसे झिझक भी हुई पर जल्दी ही मजा आने लगा आर वो आकाश का पूरा साथ देने लगी।

उसके बाद तो आकाश ने उससे अपना लंड भी चुसवाया जिसे रूपा ने बखूबी चूस दिया।
चुदाई के समय आकाश को उसने जल्दी ही काबू कर लिया क्योंकि रूपा की चुदास भी भड़की हुई थी।

आकाश ने जब उसकी चूत में चढ़ाई की तो उसे रूपा का भरपूर सहयोग नीचे से उचकने में मिला और जब पलट कर रूपा उसके ऊपर चढ़ी तो आकाश को बहुत सुखद आश्चर्य हुआ।
कुल मिला कर पूरी हनीमून नाईट उन लोगों ने कामक्रीड़ा में निकाली।

सुबह पाँच बजे थक कर उनकी चुदाईलीला कुछ थमी तो रूपा बोली- चलो कुछ देर सो लेते हैं, दिन में कोठी भी जाना है।

इन चार पाँच दिनों में आकाश और रूपा ने अपनी एक साल के इंतज़ार के हर पल का बदला बहुत ज़िंदादिली से लिया।

रूपा बहुत खूबसूरत होने के साथ बहुत सेक्सी भी थी।
तो उतना ही सेक्स का भूखा आकाश भी था।
लगता था कि आकाश तो आया ही सिर्फ सेक्स के लालच में है।
वैसे वो पूरा खेला खाया था सेक्स के मामले में!

रूपा ने उससे मज़ाक मज़ाक में पूछा भी कि कितने विदेशी लड़कियों के साथ सो चुके हो तो आकाश ने बात हंस कर घुमा दी।
पूरी पूरी रात दोनों चुदाई में लगे रहते।

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आकाश ने तो रूपा के मस्त-मस्त मम्मों को चूस-चूस कर चोटिल भी कर दिया, उसके मांसल मम्मे और उनके ऊपर तीर से तने निप्पल किसी को भी पागल करने के लिए काफी थे।

उधर आकाश की पीठ पर रूपा के लंबे नाखूनों से खूब खरोंच बन गयी थीं।
रूपा तो सेक्स के दौरान जंगली बिल्ली सा बिहेव करती, उसने आकाश के गर्दन गाल और कान पर कई जगह काट कर निशान बना दिये थे, जिनको देख कर अन्नू आकाश को बहुत चिढ़ाता।

चूंकि रूपा भी एक-दो साल विदेश रह आई थी तो सेक्स के प्रति उसका भी नजरिया उन्मुक्त था।
होटल रूम में दोनों ही हरदम बिना कपड़ों के रहते।

हाँ आकाश की उम्मीद के विपरीत उसने अपना कौमार्य आकाश के साथ प्रथम मिलन रात्रि में ही तोड़ा।
बेड शीट खराब न हो और यादगार बनी रहे तो रूपा ने अपने नीचे एक नया बड़ा सफेड तौलिया बिछाया था.
और रक्त रंजित उस तौलिये को उसने एक याद बनाकर सहेज कर रख लिया था।

आकाश तो उसके गोल मांसल मम्मों पर लट्टू था तो रूपा को उसका लंड भा गया था।
रूपा तो उसे चूस चूसकर आकाश को बेहाल कर देती, जब वो खुशामद करता तब ही छोड़ती।

ऐसे ही जब वो आकाश के ऊपर चढ़कर उसका लंड अपने हाथों से अंदर करके घुड़सवारी करती तो उसकी इस अदा से आकाश भी निहाल हो जाता।
सही मायने में तो चुदाई कि बेकरारी जितनी आकाश को होती, उससे कहीं ज्यादा बेचैनी रूपा को रहती।

दिन में तो वे दोनों आकाश के पेरेंट्स के पास कोठी में आ जाते … पर दोनों को जाने की जल्दी होती, कभी किसी बहाने से कभी किसी बहाने से।

इधर एक दो दिन से शायाद रात को नींद पूरी न होने से, या आकाश के जिद करने पर ठंडी बियर पीने से ठंड खा जाने से, रूपा को हल्का खांसी जुकाम और बुखार भी हो गया था.
उसने अपनी समझ से दवाई ले ली, रात को आकाश के साथ एक पेग व्हिस्की मार ली।

हालांकि आकाश इस बात से चिंतित हुआ पर रूपा ने बेतकल्लुफ़ी से ‘अरे हो जाएगा ठीक’ कह कर बात को हवा में उड़ा दिया।
एक दो दिन बाद मौका देख कर आकाश ने डॉक्टर से रूपा के कॉपर टी लगवा दी ताकि अनचाहे गर्भ का डर खत्म हो जाये।
यूरोप में तो इस काम का बहुत खर्चा आ जाता।

तीन दिन बाद उन सभी का आर टी पी सी आर टेस्ट हुआ, रिपोर्ट जिस दिन की रात की फ्लाइट थी उसी दिन दोपहर को आनी थी।

रूपा और आकाश सुबह से ही पेकिंग में व्यस्त थे। आज रात उन्होने सुबह तक बिस्तर पर धमाल किया था क्योंकि अब अगले 48 घंटे तो उन्हें चुदाई का मौका मिलता नहीं।
दोपहर को उन्होने चेकआउट किया व सामान लेकर कोठी आ गए।

वहाँ उनके पहुँचते ही अन्नू आया और बोला- टेस्ट में भाभी पोसिटिव आई हैं, बाकी तुम तीनों का ठीक है।
रूपा का तो सिर घूम गया।
किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें।

आकाश ने ब्रिटिश एम्बेसी में बात भी करी, पर उन्होंने रूपा के लिए साफ मना कर दिया।
रूपा रोने लगी.
पर अब क्या हो सकता था।
आकाश अगर रुकता तो उसकी नौकरी चली जाती।

उसके पैरेंट्स को अगले हफ्ते अमेरिका जाना था आकाश की बहन के पास!

तो फिर यह तय हुआ कि रूपा यहीं अहमदाबाद में अन्नू के पास ही कोठी में एक डेढ़ महीने रुकेगी जब तक उसको वीज़ा नहीं मिलता।
पूरे घर में मायूसी फ़ेल गयी।

बुझे मन से आकाश और रूपा ने दोबारा पेकिंग की, रूपा का सामान निकाला।

रात को आकाश अपने पैरेंट्स के साथ चला गया, पीछे रह गयी रोती बिलखती रूपा।
रूपा रात भर बिस्तर पर करवटें बदलती रही.

उसे पिछले एक हफ्ते में आकाश के साथ बिताई अंतरंगता का एक एक पल याद आ रहा था।
वो जितना याद करती उतना ही रोती।

अन्नू रात भर उसके सिरहाने बैठा उसे समझता रहा, पर वो शांत नहीं हुई।
रूपा ने कई बार कहा- अन्नू तुम सो जाओ, मैं अभी सो जाऊँगी।
पर अन्नू नहीं गया।

जब सुबह चार पाँच बजे अन्नू ने देखा कि रूपा की आँख लग गयी है तो वो भी अपने कमरे में जाकर सो गया।


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