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बहन की मालिश और कुंवारी चुत की चुदाई- 2 - Bahan Ki Malish Aur Kuvwari Chut Ki Chudai - 2

बहन की मालिश और कुंवारी चुत की चुदाई- 2
बहन की मालिश और कुंवारी चुत की चुदाई- 2

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Read: - हॉट दीदी Xxx चुदाई कहानी में पढ़ें कि मैंने अपनी दीदी को जिस्म दबाकर गर्म किया. फिर मालिश के बहाने उसे नंगी करके मैंने उसकी अन्तर्वासना और भड़का दी.

हैलो फ्रेंड्स, मैं आपको अपनी बहन की मालिश करने के बाद उसकी कुंवारी चुत की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
हॉट दीदी Xxx चुदाई कहानी के पहले भाग

बड़ी बहन का जिस्म दबा कर गर्म किया

में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी दीदी ने अपने कपड़े उतार कर कम्बल ओढ़ लिया था.
मैंने उससे कम्बल हटाने के लिए कहा तो उसने कमरे की बिजली बुझाने का कह दिया. मैंने लाईट बुझा दी और कमरे में अंधेरा हो गया.

अब आगे हॉट दीदी Xxx चुदाई कहानी:

अंधेरा होते ही दीदी ने कंबल हटा दिया और बोली- लो मैंने कंबल निकाल दिया, अब मालिश करो.

मैं अपने हाथ में तेल लेकर दीदी को पैरों में और हाथों में मालिश करने लगा, उसकी नंगी गांड की भी मालिश करने लगा.

मैंने महसूस किया कि दीदी ने अपनी पैंटी नहीं निकाली थी.
तो मैंने दीदी से कहा- तुमने अपनी पैंटी क्यों क्यों नहीं निकाली?

दीदी ने कहा- पैंटी तो रहने दो यार!
मैं तुरंत उसकी पीठ पर अपना हाथ लेकर गया, तो उसने ब्रा भी नहीं निकाली थी.

मैंने दीदी से कहा- यार दीदी, ऐसे तो मालिश करते समय जिस्म पर कपड़े होने ही नहीं चाहिए. तुमने कभी स्पा में मालिश नहीं करवाई क्या?
दीदी ने कहा- मैंने स्पा में कभी मालिश नहीं करवाई.

मैंने बोला- इसीलिए तुम शर्मा रही हो. यदि तुम ऐसा ही सोच लो कि स्पा में हो तो तुमको जरा भी शर्म नहीं आएगी.
दीदी ने पूछा- स्पा में क्या होता है?

मैंने उसको बताया कि स्पा में महिला हो या पुरुष, मालिश करवाने वाला कस्टमर अपने कपड़े खुद ही उतार देता है. फिर पूरी बॉडी में अच्छे से मालिश की जाती है.
दीदी ने कहा- तुमको जानकारी है, तो तुम अपने हिसाब से जो होता है, वह करो.

मैंने हाथ बढ़ा कर दीदी की पैंटी निकाल दी, फिर ब्रा भी निकाल दी.

अब मैंने दीदी से कहा- अब मैं एकदम स्पा वाली मालिश कर दूँगा.
दीदी ने कहा- हां करो.

मैंने फिर से कहा- तुमको कुछ गलत तो नहीं लगेगा या तुम बुरा तो नहीं मानोगी ना?
दीदी ने कहा- उसमें बुरा मानने की क्या बात है?

मैंने कहा- इसमें थोड़ा बहुत हाथ इधर उधर भी चला जाता है.
दीदी ने कहा- कोई बात नहीं लेकिन मुझे मालिश अच्छे से करना.

मैंने दीदी से कहा- हां, मालिश में कोई कमी नहीं रहने दूंगा, तुमको मजा आएगा और तुम्हारा दर्द भी चला जाएगा. जब तक दर्द खत्म नहीं होता, तब तक मैं मालिश करता रहूंगा.

उस समय मेरा लौड़ा तो खड़ा ही था तो मैंने तुरंत मेरे कपड़े निकाल दिए और खाली चड्डी पहने रहा.

अंधेरा होने के कारण दीदी को पता नहीं था कि मैंने कपड़े निकाल दिए और वो मुझे कुछ बोल भी नहीं सकती थी क्योंकि मैंने उसको पहले ही बोला था कि स्पा वाली मालिश करूंगा.

दोस्तो, आपको तो पता ही है कि स्पा में मालिश के समय दोनों अपने कपड़े निकाल कर मालिश करते और करवाते हैं.

अब मैं नंगा ही अपनी बहन के पैरों में और हाथों में मालिश करने लगा.
धीरे-धीरे मैं उसके पैर पर बैठ गया और उसकी मालिश करने लगा, उसकी पीठ पर भी मालिश करने लगा.

कुछ देर तक ऐसे ही चलता रहा.
मैं भी बहुत अच्छे से अपनी बहन को रगड़ रहा था.

दीदी से बीच-बीच में मैं पूछ रहा था कि कैसा लग रहा है … मजा आ रहा है?
तो दीदी बोल रही थी- हां भाई बहुत मजा आ रहा है.
मैं कभी ज्यादा दबाव दे देता तो उसकी आह निकल जाती थी.

इधर मेरा लौड़ा पूरी तरह से कड़क हो गया था.
मैंने दीदी से कहा- अब तुम सीधी लेट जाओ.

दीदी सीधी हो गई.

मैंने उसको पैरों से मालिश करना शुरू किया और ऊपर आते हुए उसकी चिकनी जांघों पर हाथ फेरते हुए मालिश करने लगा.

फिर जैसे ही उसके मम्मों पर हाथ लेकर गया और जैसे ही मैंने उसके दूध दबाए.

दीदी बोल पड़ी- ये क्या कर रहा है?
मैंने दीदी से कहा- मालिश कर रहा हूँ … मैंने पहले ही बोला था कि मैं स्पा जैसी मालिश कर देता हूं. तुमको अच्छा नहीं लग रहा है, तो कोई बात नहीं.

दीदी सॉरी बोल कर फिर से राजी हो गई.
अब मैं उसके बाजू में बैठ कर उसके बूब्स दबा रहा था और उधर मालिश कर रहा था.

ऐसे ही उसको मजा आ रहा था.
फिर उसका हाथ धीरे से मेरी जांघों के बीच में लग गया. उसे पता चल गया कि मैंने कपड़े नहीं पहने हैं.

उसने मुझसे कहा- तुमने कपड़े क्यों नहीं पहने?
मैंने कहा- मेरे कपड़ों तेल लग जाता, इसलिए उतार दिए.

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वो कुछ नहीं बोली.

थोड़ी देर बाद मैं उसके मम्मों को दबाते दबाते उसकी चूत के पास हाथ ले गया और उसकी चुत की फांकों पर हाथ फेरने लगा.

चुत की मालिश करते करते मेरा हाथ जब चूत में गया, तब पता चला कि दीदी की चूत पूरी गीली हो चुकी थी. उसमें से पानी निकल रहा था.

मैंने एक पूरी उंगली चूत के अन्दर डाल दी.
उसने कुछ भी विरोध नहीं किया तो मैंने अन्दर बाहर करना शुरू कर दी.

दीदी ने अपनी टांगें घुटनों से मोड़ कर फैला दीं.
अब मैंने बहन की चूत के अन्दर अपनी दूसरी उंगली भी डाल दी.
दीदी ने इस बार भी विरोध नहीं किया.

मैं देख रहा था कि इसकी नसें फूलने लगी थीं. ये साफ समझ आ रहा था. मैं उंगलियों को तेजी से हिलाने लगा और अन्दर-बाहर करने लगा.

अब मेरी दीदी दबे स्वर में मादक आवाज निकाल रही थी ‘आहं आह …’
हम दोनों एकदम पास पास थे तो मुझे ये सब सुनने से बड़ा मजा आ रहा था.

उसी समय मैंने दीदी से पूछा- दीदी स्पा वाला मालिश में मजा आ रहा है?
दीदी ने कहा- हां बड़ा मजा आ रहा है … तुम मालिश चालू रखना.

मैंने पूछा- दर्द कम हुआ?
दीदी ने बोला- आंह दर्द तो कब का चला गया, अब तो मजा आ रहा है.

मैं दीदी के मम्मों को मालिश करने आ गया और पूछा- और अच्छे से मालिश करवाना है क्या?
दीदी ने बोला- हां आज मेरी अच्छे से मालिश कर दो.

मैंने दीदी से कहा- यदि उसमें तुमको थोड़ा दर्द भी हो तो सहन करना होगा.
दीदी ने कहा- दर्द कैसा?

मैंने बोला- थोड़ा सा, बाद में मजा ही मजा. तुम बस ये समझो कि मेरा साथ देना है. बताओ दे सकोगी या नहीं?
दीदी ने कहा- हां मुझे वैसी वाली मालिश करवानी है.

मैंने कहा- ओके अब देखो कमाल.
मैं दीदी की टांगों के बीच आया और उसकी चुत चाटने लगा.

दीदी एकदम से सिहर गई.
उसने हटने की कोशिश की मगर मैंने उसे हटने का मौका ही नहीं दिया.

एक दो पल बाद उसको भी मजा आने लगा और वो मेरे सर को अपनी चुत पर दबाने लगी.

मैंने पूछा- मजा आ रहा है?
दीदी ने कहा- आह कुछ मत पूछ बस करता रह … बड़ा मजा आ रहा है.

मैंने उससे पूछा- कुल्फी खानी है.
शायद वो अब तक समझ गई थी कि मैं लंड चुसवाने की बात कर रहा हूँ.

उसने हां कहा.
तो मैं उसके ऊपर 69 की पोजीशन में आ गया.

मेरी बहन के मुँह के सामने मेरा लंड फनफना रहा था मगर उसने अभी तक मेरे लंड को हाथ भी नहीं लगाया था.

जबकि मैं पूरी तरह से अपनी बहन की चुत चाट रहा था और साथ में उंगली भी कर रहा था.

मैंने भी सोचा कि साली कब तक लंड को नहीं लगाएगी.

काफी देर हो गई मगर दीदी मेरे लंड को हाथ नहीं लगा रही थी.

मैंने धीरे से उसके मुँह के पास मेरा लंड कर दिया. फिर मैंने अपने हाथ से दीदी के मुँह में लंड दे दिया.

दीदी ने मुँह खोला और मेरा लंड मुँह में ले लिया.
उसने अभी भी लंड को हाथ नहीं लगाया था. वो अपने मुँह में लंड लेकर पड़ी हुई थी.
मैं भी ऊपर नीचे धीरे-धीरे हो रहा था और लंड उसके मुँह में चलने से उसे दर्द हो रहा था.

मैं कुछ मिनट तक लंड उसके मुँह में दिए रहा.

फिर मैं खड़ा हुआ और मैंने दीदी से कहा- अब तुम्हारी मालिश हो गई.
दीदी ने कहा- नहीं, अभी और करो … मुझे अभी और मालिश की जरूरत है.

मैं तुरंत उसके ऊपर सीधा लेट गया और कहा- अब मैं तुम्हारी पूरी बॉडी को अपनी बॉडी से रगड़ कर मसाज कर देता हूँ.
उसने बोला- हां कर दो.

मैंने उसको किस किया, तो दीदी ने भी मुझे साथ दिया.

तब मैंने अपने हाथ से पकड़ कर अपना लंड दीदी की चुत के मुँह में रखा.

मैंने कहा- अब सबसे ज्यादा वाला मजा आने वाला है. शुरू में थोड़ा दर्द होगा, मगर बाद में तुम जन्नत की सैर करोगी.
दीदी ने कहा- भैया मुझे मजा तो आ रहा है … लेकिन ये कुछ गलत नहीं हो रहा है?

मैंने कहा- अरे यार दीदी इसमें कुछ भी गलत नहीं है. यहां तुम्हारे मेरे सिवा कोई नहीं है, कौन देखेगा और कौन बताएगा. अभी हमारी उम्र है मजा करने की, कर लेते हैं. मौका भी मिला है.
वो कुछ नहीं बोली.

मैंने दीदी को अपनी बांहों में ले लिया और उसे चूमने लगा.
मेरा लंड चुत में टक्कर मार रहा था जिससे उसे भी चुदास चढ़ रही थी.

बहन बोली- अब शुरू करो.
मैंने धीरे से उसकी चुत में लंड का शॉट मारा. मेरा सुपारा चुत की फांकों में फंस गया.

दीदी कसमसाती हुई बोली- आंह मेरा पहली बार है. मुझे सेक्स की जानकारी तो पूरी है कि दर्द होगा और ये भी पता है कि बाद में मजा भी आएगा. तुम प्लीज़ शुरुआत में धीरे धीरे करना. मेरी तबीयत खराब है, इसलिए ज्यादा सह नहीं पाऊंगी. आज बस ओपनिंग कर लेते हैं.

मैंने धीरे-धीरे उसकी चुत में मेरा लंड घुसाना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर के लिए बहन चिल्लाई- उई मां … धीरे कर!
मैंने बोला- निकाल लूं?
उसने कहा- निकालना नहीं है … खाली रुक जा.

अब मैं धीरे-धीरे अन्दर बाहर कर रहा था और बीच-बीच में अपनी बहन से कह भी रहा था- तुझे दर्द हो रहा हो, तो निकाल लूं.
दीदी ने कहा- हां दर्द तो बहुत हो रहा है … लेकिन ये दर्द मीठा भी लग रहा है.

वो ये बोलती हुई मुझे किस कर रही थी.
मैंने अभी तक अपना आधा लंड ही डाला था. दीदी को भी पता था कि लंड अभी तक आधा ही गया है.

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मैंने दीदी से कहा- दीदी अब बोलो तो पूरा पेल दूँ?
दीदी ने कहा- हां डलवाना तो पूरा ही है … लेकिन एक काम करो पहले मुझे पूरी तरह से पकड़ कर किस कर लो और जोर से पेल दो. साला एक बार तो दर्द होगा ही … मैं सह लूंगी.

मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से कस किया और एक जोर का झटका दे मारा.
मेरा पूरा लंड चुत के अन्दर हो गया.

दीदी चिल्लाने के लिए मेरे मुँह से अलग होने लगी लेकिन मैंने उसको छोड़ा नहीं.
उसकी आंखों से आंसू निकले जा रहे थे.

फिर मैं ऐसे ही धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.

दस बारह झटके मारने के बाद मैंने उससे कहा- अब दर्द खत्म हुआ?
उसने बोला- थोड़ा-थोड़ा है.

फिर मैंने ताबड़तोड़ चुदाई चालू कर दी.
काफी देर तक मैं अपनी बहन को चोदता रहा. मेरी दीदी भी लंड का पूरा मजा ले रही थी.

मैंने दीदी से कहा- मेरा होने वाला है.
दीदी ने कहा- मेरा तो एक बार हो भी गया है … लेकिन एकाध मिनट और रुक जाओ. मेरा दूसरी बार भी हो जाएगा.

मैंने कहा- कोई बात नहीं, तुम अपना मजा पूरा ले लो.
मैंने रुक कर फिर से अपनी बहन को चोदना चालू कर दिया.

कमरा फच फच की आवाज से गूंज रहा था.
हम दोनों को इतना मजा ज्यादा आ रहा था जैसे हम जन्नत में सैर कर रहे हों.

ये हम दोनों की ही पहली चुदाई थी, मैंने भी कभी चुत नहीं चोदी थी और दीदी ने भी कभी लंड नहीं खाया था इसलिए कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था.

मैंने दीदी से कहा- अब नहीं रुका जा रहा है, मेरा होने वाला है.
दीदी ने कहा- ठीक है अन्दर ही निकाल दो.

मैंने कहा- कुछ हुआ तो?
दीदी ने कहा- जो होगा, देखा जाएगा.

मैंने अपने लंड का रस दीदी की चुत में गिरा दिया और उसके साथ चिपक कर लेट गया.

मैंने दीदी से कहा- दीदी दर्द कम हुआ?
दीदी ने हंस कर कहा- दर्द तो मेरा पहले उसी वक्त ठीक हो गया था, जब तुमने पहली बार मेरे हाथ पैर दबाए थे. मगर वो क्या था कि मैं गर्म हो गई थी. मुझे थोड़ा और मजा लेना था. फिर मैंने तुम्हें मालिश के लिए कह दिया. मुझे पता ही नहीं था कि इतना मजा आएगा.

मैंने कहा- हां, मेरा भी बाद मन हो गया था कि कैसे न कैसे तुम्हें पूरा मजा दे ही दूँ.
दीदी- तुम भी सोच रहे होगे कि मैं तो खाली मालिश करवाने के लिए कह रही हूँ. मगर मैं गर्म होकर तुम्हारे सोने के बाद तुम्हारे कमरे में आकर ये सब करने वाली थी.

हम दोनों हंस पड़े और एक बार फिर से चुदाई की तैयारी शुरू हो गई.
सुबह तक दीदी की तबियत से चुदाई हुई और उसकी तबियत एकदम ठीक हो गई.

सुबह जब मां का फोन आया तब हम दोनों भाई बहन नींद से उठे.
मैंने फोन उठाया तो सामने से मां ने पूछा- दीदी की तबीयत कैसी है?

मैंने कहा- लो आप खुद दीदी से बात कर लो.
इतना बोल कर मैंने दीदी को फोन पकड़ा दिया और दीदी के बूब्स दबाने लगा.

दीदी मां से बात कर रही थी. दीदी ने कहा- मां शाम को दवाई खाई थी, अब एकदम सही है.

इतना बोलने के बाद मां ने दीदी से कहा- ठीक है. सोकर अभी उठी हो क्या?
उसने कहा- हां मां अभी भाई ने आकर जगाया है, तब उठी हूँ.

मां ने कहा- ठीक है, फ्रेश हो जाओ … मैं बाद में फोन करती हूं.
दीदी ने फोन काट दिया.

फिर मैंने दीदी को चूम कर कहा- दीदी रात को मजा आया?
दीदी ने हंस कर कहा- हां बहुत.

मैंने दीदी से कहा- तो एक बार फिर से हो जाए?
दीदी ने कहा- क्यों तू कहीं जाने वाला है क्या?

मैंने कहा- नहीं तो!
दीदी ने कहा- मैं भी कहीं जाने वाली नहीं हूं. पहले फ्रेश हो जा, फिर मैं खुद तेरे साथ सेक्स करूंगी. हमें टाइम भी देखना चाहिए. अभी दस बज गए हैं. अब नाश्ता कर लेते हैं. दोपहर में जब सोएंगे, तब कर लेना.

मैंने ओके कहा.

हम दोनों अलग-अलग बाथरूम में नहाने चले गए.

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