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अब बहन की चूत से शर्र शर्र की आवाज खुल कर आती है - Ab Bahan Ki Chut Se sharr-sharr Ki Aavaj Khul kar Aati hai

अब बहन की चूत से शर्र शर्र की आवाज खुल कर आती है
अब बहन की चूत से शर्र शर्र की आवाज खुल कर आती है

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Read: - नमस्कार, मैं अनुराग फिर से आपकी सेवा में एक नई कहानी लाया हूँ, असल में यह मेरी पहली कहानी के आगे की कहानी है।

मैं अन्तर्वासना के उन पाठकों का धन्यवाद करता हूँ, जिन्होंने मुझे मेल किया।

जब मेरी बहन अपनी ससुराल से वापस आई तो मैंने पूछा- बहना, कैसी रही तुम्हारी दूसरी सुहागरात?
तो वो थोड़ी शरमा गई, बोली- आपने भी मनाई या नहीं दूसरी सुहागरात?
मैंने कहा- तुझे तो मिल गया दूसरा लण्ड… पर हमारी किस्मत में कहाँ है कोई दूसरी चूत?

तो वो बोली- अब इसका तो मैं भी कुछ नहीं कर सकती!
मैंने कहा- तू क्यों कुछ नहीं कर सकती? तू जब अपनी चूत ठंडी करवा सकती है तो मेरा भी कुछ कर यार!
तो बोली- सोचती हूँ!
मैंने कहा- ओके!

वो रसोई में चली गई, मैं भी उसके पीछे पीछे रसोई में चला गया और उसको पीछे से पकड़ लिया।
वो बोली- हमारे वो हैं अभी… बाद में करेंगे, अभी छोड़ो ना यार!
मैंने उसके बूब्स दबा दिए।

वो बोली- यार रात भर तुम्हारे जीजू ने ही बहुत नौचा है, अब तुम शुरु हो गए!
और वो हट गई।
मुझे भी डर था कि कोई भी आ सकता है, मैं भी रसोई से बाहर आ गया और अपने रूम में चला गया।

दिन भर मैं उसको देखता रहा… पता नहीं क्यों वो अब मेरी बहन ज्यादा सेक्सी लग रही थी, उसके स्तन थोड़े बड़े और उसके कूल्हे भी भारी भारी से लग रहे थे।
जब भी मौका मिलता तो वो बोलती- क्या देख रहे हो भाई? माल अब किसी और का है!
और मैं अपनी नजर हटा लेता।

अब शाम को चर्चा हुई की ममता के पति को कहाँ सुलाया जाए?
मैंने कहा- वो और मैं ऊपर वाले रूम में सोएंगे।

सबने खाना खाया और हम सोने चले गए। मैं रात को दस बजे उठा और ममता के पास गया और बोला- थोड़ी देर बाद आ जाना… तुम्हारा वो इंतजार कर रहा है।
वो बोली- ओ के, सबके सोने के बाद मैं आ जाऊँगी।
मैं रूम में आकर सो गया।

लगभग एक बजे वो आई और अपने पति के पास लेट गई,
उनके बीच बात हो रही थी, जीजू बोले- अनुराग उठ जायेगा, तुम क्यों आई हो?
तो वो बोली- वो अब नींद में है, तुम उसकी चिंता मत करो, अब आओ भी! मुझे नींद नहीं आ रही थी तुम्हारे बिना… आओ!

और वो दोनों अपने कपड़े उतारने लग गये, अब मेरी बहन बिल्कुल नंगी हो चुकी थी और उसका पति भी अब तैयार था उस बेलगाम घोड़ी की सवारी करने को… उसका लण्ड भी औसत था जो अब पूरे जोर पर था!

मैं ये सब बहुत गौर से देख रहा था कि यह वो ही लड़की है जिसको मैं पहले चोद चुका हूँ, और वो अब किसी दूसरे लण्ड के नीचे है, वो भी मेरे सामने !

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अब मैं भी तैयार था पर कुछ नहीं कर सकता था, मैं चुपचाप सब देख रहा था और मेरी बहुत दूर के चाचा की बेटी अपने पति से चुदाई का मज़ा ले रही थी और अब सी… सी… ऊ… उ… कर रही थी।

मैं समझ गया कि उसका काम रस छूट रहा है, अब दोनों एक दूसरे से चिपक चुके थे।

कुछ देर बाद ममता उठी, उसने गौर से मुझे देखा मेरी तरफ मुंह करके अपनी चूत साफ़ की और अपने कपड़े पहने लगी।
मुझे ऐसा लगा जैसे वो मुझे दिखा रही हो!
कपड़े पहनने के बाद वो बाहर छत पर चारपाई पर लेट गई, मैं भी अब सो गया और उसका पति भी अब सो चुका था।

जब सुबह चार बजे मेरी आँख खुली तो मेरा लंड बहुत टाइट था, मैं उठा, ममता के पास गया और उसके साथ मस्ती करने लग गया। वो बोली- भाई, क्या हो रहा है?
मैंने कहा- जानू, कुछ नहीं, बस चुदाई का मूड हो रहा है!
वो बोली- अच्छा तो हो जाए!

और मैंने उसकी पजामी का नाड़ा खोल दिया और उसकी चूत को मसलने लगा, अब भी उसकी चूत चिपचिप हो रही थी।
मैंने कहा- क्या बात है, मेरी जान की चूत तो बहुत गीली हो रही है?
तो वो बोली- अभी अभी चुदी है अपने भाई के सामने!
मैंने कहा- ओ… तो तुम को पता था कि मैं तुमको देख रहा हूँ?
तो वो बोली- हाँ, मैं सब जानती थी, तुम मुझे चुदाई करवाते हुए देखोगे, तभी तो मैं आई थी!

और बात करते करते मैंने उसकी गीली चूत में अपना लण्ड उतार दिया।
वो बोली- उ…ई… भाई आराम से!
और मैंने लगभग दस मिनट की दमदार चुदाई के बाद अपना पानी यानि वीर्य अपनी बहन की चूत में छोड़ दिया और वो भी आह भर कर ठंडी पड़ गई।

मैंने कहा- तू सुबह चली जाएगी तो मेरा क्या होगा?
तो वो बोली- भाई, तुम उसकी चिंता मत करो, जब मैंने मामी को और अपनी एक सहेली को बताया कि आपने मेरी सील खोली थी तो मामी ने कहा ‘वो ऐसा लगता तो नहीं कि साला किसी की चुदाई कर सकता है।’

तो मैं समझ गया कि मामी की चुदाई हो सकती है।
ममता बोली- मामी की चुदाई हो सकती है, पर मेरी एक शर्त है?
मैंने कहा- क्या शर्त है?
वो बोली- मामी को मेरे सामने चोदना होगा… जब तुम अपनी बहन की चुदाई देख सकते हो तो क्या मैं अपने भाई की चुदाई नहीं देख सकती?

मैंने कहा- ओके, कोशिश करूँगा!
तो वो बोली- कोशिश नहीं, मेरे सामने ही चोदना होगा।
और वो वहीं नाली के पास मूतने बैठ गई।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैंने कहा- यार तुम्हारी चूत से तो अब मूतते हुए चूत से शर्र शर्र की आवाज खुल के आती है?
तो वो बोली- आवाज बंद करना तो बस चोदने के लिये ही था!
मैं अब उठ कर रूम में चला गया।

अब ममता एक माह बाद आने वाली थी, मुझे उसके आने का इंतजार था और एक दिन उसने फ़ोन पर कहा- मामी तैयार है भाई आपका लण्ड लेने को! और मैं भी कुछ दिन बाद आ रही हूँ।
मैं बहुत खुश हुआ।

दोस्तो, मुझे मेरी कहानी पर कुछ भाइयों ने कमेंट किया… मैं उनको बताना चाहता हूँ कि वो मेरी सगी बहन नहीं है।

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