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चचेरी बहन का कमसिन बदन, चूत और गांड - Chacheri Bahan Ka Kamsin Badan, Chut Gaand

चचेरी बहन का कमसिन बदन, चूत और गांड
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Read: - मुंबई से मेरी चचेरी बहन पिंकी गरमियों की छुट्टियाँ गुजारने मेरे घर आई थी। वो अभी कमसिन उम्र की थी.. जब वो हमारे घर आई तो कुछ लम्हों के लिए तो मैं उसके मासूम हुस्न के जलवों में खो कर ही रह गई, मुझे लगा जैसे मेरा दिल धड़कना भूल गया है।

उस पर नया-नया शवाब आ रहा था.. उसका मासूम गुलाबी चेहरा.. उसका खूबसूरत जिस्म.. उस पर उसके सीने के छोटे-छोटे उभार.. मुझ पर तो मानो कयामत ही ढा रहा था।

मेरी उससे फ़ौरन ही दोस्ती हो गई। अब उसको रात को भी मेरे साथ मेरे ही बेडरूम में सोना था।
मुझे अब बेचैनी से रात का इंतज़ार था, सारा दिन मैं उसके साथ खूब हँसी-मज़ाक करके उसको खुद से फ्री कर चुकी थी।
उस वक़्त मेरी उम्र भी भरपूर जवानी की थी। मगर मुझे लेस्बीयन मूवीज देख-देख कर वैसा ही अपनी जैसी किसी लड़की के साथ रात गुजारने का बहुत अरमान था.. जो आज पूरा होता नज़र आ रहा था।

आख़िर रात हो ही गई.. हम दोनों ने सभी घर वालों के साथ डिनर किया। फिर लॉन में कुछ टाइम तक वॉक की।
अब हमने अपने बेडरूम की राह ली। मैंने अन्दर जाकर बेडरूम को लॉक कर लिया। फिर मैंने टीवी ऑन कर दिया। पिंकी जाते ही बिस्तर पर लेट गई थी.. मैं भी टीवी ऑन करके उसके बगल में जा कर लेट गई। उसका जवान कुँवारे जिस्म की जंगली सी महक मुझे दीवाना बनाए दे रही थी। अब मुझ से बर्दाश्त नहीं हो रहा था।

मैंने चैनल चेंज करके एक सेक्सी चैनल लगा दिया.. टीवी में थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि पिंकी का चेहरा सुर्ख हो गया था.. उसकी साँसें तेज़-तेज़ चल रही थीं। उसका छोटा सा सीना फूल-पिचक रहा था। अब मौका अच्छा था.. मैंने अपना हाथ पिंकी के चेहरे पर लगा दिया.. वो शर्मा कर सिमट गई।

वो कहने लगी- क्या कर रही हो.. ना करो..
उसकी आवाज़ जज़्बात से भरी हुई थी मैंने उसको खींच कर अपने और नज़दीक कर लिया.. वो तड़फने लगी।
‘काम्या दी छोड़ ना.. क्या कर रही हैं आप?’

मगर मुझ पर जुनून सवार था.. मैंने उसको घसीट कर अपने जिस्म से लिपटा लिया, फिर अपने होंठ उसके रसीले जलले हुए होंठों पर रख दिए।

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मैं वो मज़ा आज तक नहीं भूल सकी.. अब उसको भी मज़ा आ रहा था।
मेरा हाथ तेज़ी से हरकत कर रहा था, मैंने उसकी कमीज़ आहिस्ता-आहिस्ता उतारना शुरू की.. उसका गोरा-गोरा जिस्म आहिस्ता-आहिस्ता बेनक़ाब होता जा रहा था।

फिर मैंने उसकी सलवार भी खींच कर उतार दी।
पिंकी मेरे बाँहों में यूँ मचल रही थी.. जैसे कोई मासूम छोटी सी गिलहरी किसी जंगली बिल्ली के हाथ लग गई हो।

अब मेरा हाथ उसके जवान कुँवारा गोरे और कोरे चिकने जिस्म पर तेज़ी से हरकत कर रहा था।
मैं उसके सीने के छोटे-छोटे दूधों को अपनी होंठों में दबाते हुए पीकर मसल रही थी।
पिंकी के मुँह से निकलने वाली सेक्सी आवाजें मुझे और ज्यादा दीवाना बनाए दे रही थीं।
अब हम दोनों के जिस्म पर कोई कपड़ा भी ना बचा था, हम दोनों बिल्कुल नंगी एक-दूसरे से लिपटी हुई थीं।

मैंने अपने एक हाथ को उसके जिस्म से नीचे की तरफ़ ले जाना शुरू कर दिया। फिर मुझे वो चीज़ मिल ही गई.. जिसकी मुझे तलाश थी.. उसकी छोटी सी बुर का सुराख..

मैंने अपनी दो उंगलियों से उसकी छोटी सी बुर को सहलाना शुरू कर दिया।
अब वो चुदास से पागल हुए जा रही थी, उसका नन्हा सा जिस्म तड़फ रहा था।
मैं अपनी फिंगर को उसकी बुर में अन्दर कर चुकी थी और अपनी फिंगर को उसकी बुर में अन्दर-बाहर कर रही थी।
मैंने उसके जिस्म को अपनी जुबान से चाटना शुरू कर दिया।

फिर इसी तरह चाटते-चाटते मैं आहिस्ता-आहिस्ता उसके जिस्म के नीचे की तरफ़ जा रही थी।
नीचे पहुँचने के बाद मैंने उसकी दोनों टाँगों को अपने हाथों से पकड़ कर उसकी टाँगों के बीच में आकर उसकी बुर को उंगली से चोदना चालू कर दिया।
वो सेक्सी आवाजें निकालने लगी और कहने लगी- काम्या छोड़ दे मुझे..

लेकिन मैं उसे चोदे ही जा रही थी।
करीबन 15 मिनट तक मैं ऐसे ही करती रही.. लेकिन कमसिन उम्र की होने के बावजूद उसकी बुर गीली हो चुकी थी और उसके ताजे रस की कुछ बूंदें भी निकलीं.. मैंने उसे खुद भी चाटा और उसे भी चाहताया।

थोड़ी देर तक वो कराहती रही.. 20 मिनट बाद वो कुछ ठीक हुई.. तो मुझसे लिपट गई.. लेकिन मेरे मन में तो कुछ और ही था।
उसके 5 मिनट बाद मैंने उसे उल्टा किया.. तो वो बोली- अब ये क्या कर रही हो?
मैंने उसे बोलकर चुप कराया- शांति से पड़ी रह..

वो चुप हो गई।

अब मैं उसके प्यारी सी गाण्ड को चोद रही थी और वो बुरी तरह कराह रही थी, वो सेक्स में लिप्त हो चुकी थी।
कुछ देर हम दोनों शांत हो गए।
मैंने अपनी उंगलियाँ उसे चटाईं।
उसके बाद वो भी समझ गई कि क्या करना है.. तो वो उठी और मेरे मम्मों को चूसने लगी।

मैं कुछ गीली हो गई.. उसके बाद उसने मेरी बुर में 3 उंगलियां डालकर मुझे चोदा।
लगभग 20 मिनट बाद मैंने बहुत सा पानी छोड़ा और उसे सारा पीने को कहा और वो सब पी भी गई।

फिर अगले दो महीने क्या-क्या हुआ उसके लिए मेरी अगली कहानी का इंतज़ार कीज़िए।

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