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चाची के बदन की अगन और चुदाई की मस्ती - Chachi Ke Badan Ki Agan Aur Chudai Ki Masti

चाची के बदन की अगन और चुदाई की मस्ती
चाची के बदन की अगन और चुदाई की मस्ती

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Read: - आप सब अन्तर्वासना पढ़ने वालों को नमस्कार!

मेरा नाम अयान है.. मैं वेस्ट बंगाल का रहने वाला हूँ.. मैं अन्तर्वासना का नियामित पाठक हूँ और मैं एक गोरे बदन और स्मार्ट दिखने वाला लड़का हूँ।


मेरा उम्र 21 साल है.. मेरा लम्बाई 5 फुट 5 इंच है.. मेरा लण्ड लगभग 6.8 इंच है।

मैं आज पहली बार अपनी आपबीती बताने जा रहा हूँ, मैं सोचता हूँ शायद आप सभी को पसंद आएगी।

बात उस समय की है.. जब मैं 12वीं में पढ़ता था.. तब मैं अपने चाचा के घर में रहता था.. मतलब वहीं रह कर पढ़ाई करता था।
मेरे चाचा की नई नई शादी हुई थी और वो एक प्राइवेट जॉब करते थे.. तो चाचा को ज्यादातर बाहर जाना पड़ता था जिस वजह से चाची अकेली रह जाती थीं।
तो चाचा ने मुझे अपने पास बुला लिया और मैं तब से वहीं से पढ़ाई करने लगा।

चलिए मैं अब पॉइंट पर आता हूँ। मेरी जो चाची हैं.. वो बहुत खूबसूरत हैं। उनकी उम्र अभी 23 साल थी.. क्या माल थीं.. उनका फिगर 34-28-30 का था.. एकदम गोरा बदन।

मैंने जब से उन्हें देखा था.. तब से ही उन्हें चोदने का मन बना लिया था। मेरी चाची बीए कर चुकी थीं। वे मुझे पढ़ाने भी लगीं और मैं उनके पास पढ़ने लगा।
पढ़ते समय मैं चाची को देखता जब वो लिखतीं.. तो मैं उनके मम्मों देखता रहता था।
चाची घर में नाइटी में रहती थीं तो उनके बड़े-बड़े चूचे पहाड़ की तरह खड़े रहते थे। मैं उन्हें जब भी देखता.. तो चोदने का सोचता रहता।

एक दिन चाचा को कोई काम से दस दिनों के लिए बाहर जाना पड़ा.. तो चाचा ने मुझे कहा- कहीं जाना मत.. चाची का ख्याल रखना।
मैंने कहा- ठीक है..
तो उस दिन मैं स्कूल भी नहीं गया और दिन भर चाची के साथ घर में रहा।

अब चूंकि मैं चाची के साथ थोड़ा हँसी-मज़ाक भी करने लगा था, चाची भी मुझसे काफी खुल कर बात करने लगी थीं।
चाची ने एक प्लान बनाया आर मुझसे कहा- चलो आज मार्किट चलते हैं।
तो मैंने कहा- ठीक है.. चलिए।

शाम को हम दोनों मार्किट चले गए.. चाची ने ढेर सारी खरीददारी की और अंत में वो एक लेडीज शॉप में गईं। उन्होंने मुझे बाहर रहने को कहा.. तो मैं बाहर रुक गया।
कुछ देर बाद चाची बाहर आईं और हम दोनों घर चले आए।

घर आने के बाद हम दोनों ने मिलकर खाना खाया और मैं चाची के रूम में टीवी देखने लगा।
टीवी देखते-देखते मुझे कब नींद आ गई और मैं वहीं सो गया।

अचानक मुझे कैसा महसूस हुआ कि कोई मेरे लण्ड के साथ खेल रहा है.. तो मैं झट से उठा और देखा कि चाची मेरे सामने एक पारदर्शी नाइटी में बैठी है और मेरे लण्ड के साथ खेल रही हैं।

तो मैंने चाची से कहा- यह क्या कर रही हैं आप?
चाची ने कहा- कुछ नहीं बस सोये हुई चिड़िया को जगा रही हूँ।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

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मैं हंसने लगा..
तो चाची ने कहा- जब मैं तुम्हें पढ़ाती थी.. तब तुम मेरे चूचों को देखते थे.. मुझे सब पता है।
मैं उनको कातिल निगाहों से घूरने लगा।
चाची ने फिर कहा- आज मेरी प्यास बुझा दो अयान..

मैंने चाची को अपने पास खींच लिया और उनके होंठों को चूमने लगा।
उन्होंने लिपिस्टिक लगा रखी थी और मैं जोर से उनके होंठों को चूस रहा था.. वो भी मेरा साथ दे रही थीं।

उसके बाद मैं उनकी चूचियों को दबाने लगा।
हाय क्या मस्त लग रहा था.. पहली बार किसी की चूचियों को दबा रहा था।

मैंने उनकी नाइटी को खोलना शुरू किया.. तो वो अन्दर लाल रंग की ब्रा और पैन्टी पहने हुई थीं।
क्या मस्त बदन लग रहा था उनका.. एकदम गोरा बदन और उस पर कसी हुई लाल रंग की ब्रा।
फिर मैंने ब्रा के ऊपर से उनकी चूचियों को सहलाया और दबाने लगा।
चाची ने अपनी चूचियों को मेरी तरफ और तान दिया।

मैंने उनकी ब्रा को खोल दिया और उनके सफ़ेद कबूतर बाहर निकल आए।
फिर मैंने उनकी पैन्टी को खोला.. तो देखा कि चाची ने चूत की झांटों को पूरा का पूरा साफ करके रखा हुआ है..
मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनकी चूत चाटने लगा..
अब चाची मादक आवाजें निकालने लगीं- आह.. आह्ह.. आह्ह्ह.. आह्हह.. उन्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह.. उह्ह्ह्ह!

फिर उन्होंने मेरा पैंट भी खोल दिया और मेरा लण्ड अपनी मुँह में लेकर चूसने लगीं।
मुझे लौड़ा चुसवाने में बहुत मज़ा आ रहा था। मैं पहली बार किसी लड़की के साथ सेक्स कर रहा था।
हम 69 की तरह हो गए, दस मिनट तक हम दोनों इसी लण्ड-चूत की चुसाई में लगे रहे।

अचानक चाची की चूत का पानी निकल गया.. मैंने जैसे ही उनके रस को चखा.. आह्ह.. दिल खुश हो गया.. क्या मस्त खुशबू थी.. पर मैंने अपना मुँह हटा लिया.. तो चाची ने मेरे सर को पकड़ कर अपनी चूत के साथ लगा दिया।

फिर मैं भी झड़ गया और मेरा पूरा वीर्य उनके मुँह में घुस गया।
इस तरह हम दोनों झड़ कर शांत हो गए।

फिर हम लोग एक दूसरे से लिपट कर बात करने लगे। उसके बाद चाची बोलीं- अब मुझे चोद दो..
मैं उठा और उनके नंगे बदन के ऊपर आकर लंड को चूत पर रखा, चाची ने मेरा लंड पकड़ कर अपनी फुद्दी के छेड़ पे रखा और कहा- घुसा दे!
लेकिन उनकी चूत बहुत तंग थी.. मेरा मोटा लवड़ा अन्दर नहीं घुस रहा था।

मैंने किसी तरह सुपारा उनकी चूत में फंसा कर जोर लगाया.. तो आधा अन्दर चला गया और चाची जोर से चिल्ला पड़ीं- आह्ह.. ह्ह्ह्ह.. माआ..
मैं डर गया कि पता नहीं क्या हुआ फिर भी मैं उन्हें चोदता रहा।
एक बार मैंने और जोर लगाया तो पूरा का पूरा लौड़ा चूत के अन्दर चला गया। चाची कराह कर रह गईं.. फिर धीरे धीरे उनकी चूत ने मेरे लवड़े को आत्मसात कर लिया।

उसके बाद मैं उन्हें धकापेल चोदने लगा था।
तो वो अजीब-अजीब सी आवाज़ निकाल रही थीं- आह्ह्ह्ह.. अह्ह्हह्ह.. उह्ह्ह्ह.. माआआअ.. चोदो अयान.. और जोर से.. बहुत मज़ा आ रहा है।

लगभग हम दोनों में 15 मिनट तक जबर्दस्त चुदाई का खेल खेलते रहे, उसके बाद चाची झड़ गई थीं।

अब बारी मेरी थी.. तो मैंने चाची से पूछा- क्या करूँ.. अन्दर डाल दूँ या बाहर निकालूँ।
उन्होंने कहा- अन्दर ही डाल दो।

तो मैंने कुछ दमदार धक्के लगाए और अपना माल उनकी चूत के अन्दर ही डाल दिया। मैं बहुत थक गया था तो निढाल हो कर वहीं चाची के शरीर के ऊपर गिर गया।

कुछ देर बाद हम दोनों उठ कर बाथरूम गए.. खुद को साफ किया।
मैं चाची के चूचों को साफ करने लगा। कुछ देर बाथरूम में मस्ती करने के बाद हम दोनों बाहर आ गए।
उसके बाद चाय पी.. और सो गए।

बस अब तो रोज-रोज यही सिलसिला चलने लगा। फिर चाचा वापस आए तो ये सब बंद करना पड़ा।
फिर भी कभी-कभी मैं मौक़ा पाकर चलते फिरते उनके चूचे दबा देता था।
मैंने अपने जीवन का पहला सेक्स किया था और इसमें मुझे बहुत मज़ा आया था।

उसके बाद मेरे एग्जाम खत्म हो गए.. मैं अपने घर चला आया।
उसके बाद अभी तक किसी को नहीं चोदा है.. सोचता हूँ चाची के घर से फिर से घूम आऊँ।

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