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सगे भाई को पटाया अपनी चूत चुदवाने के लिए - Sage Bhai Ko Pataya Apni Chut Chudwane Ke Liye

सगे भाई को पटाया अपनी चूत चुदवाने के लिए
सगे भाई को पटाया अपनी चूत चुदवाने के लिए

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Read: - यह देसी कहानी मैं खास तौर पर उन भाई बहनों के लिए लिख रही हूँ.. जो एक-दूसरे को चोदना चाहते हैं.. पर किसी कारण या डर की वजह से कह नहीं पाते। उन लोगों को बस अपने भाई या बहन को साथ में बैठ कर यह कहानी पढ़नी है.. चुदाई खुद ही शुरू हो जाएगी।

मैं कानपुर की रहने वाली हूँ.. मैं अपने पापा-मम्मी और भाई के साथ रहती हूँ। मेरी उम्र 20 साल की है.. और मेरे भाई की उम्र 22 साल है। पापा प्रॉपर्टी डीलर हैं..

मुझे सेक्स में बहुत रूचि है.. बॉयफ़्रेंड के साथ एक-दो बार किया भी है.. लेकिन अब मेरा ब्रेकअप हो गया है। अब मेरी चूत की खुजली मिटाने वाला कोई नहीं है।

एक बार पापा-मम्मी तीन दिन के लिए मामा के घर शादी में गए हुए थे.. तब मैं और मेरा भाई घर में अकेले रह गए थे।
मेरी चुदाई बहुत दिनों से नहीं हुई थी.. मैं चुदास से तड़प रही थी। ऐसे में भाई की याद आई.. मैंने सोचा कि यह मेरी प्यास बुझा सकता है, मुझे उसे किसी तरह पटाना ही होगा।

दोपहर का वक़्त था.. मैंने हम दोनों के लिए खाना बनाया और भाई को बुलाने के लिए उसके कमरे की तरफ गई। मैंने कुछ आवाजें सुनी.. तो खिड़की से अन्दर देखा। अन्दर का नजारा देखा कर मैं एकदम दंग रह गई।

मेरा भाई आशु नंगा था और मेरी फोटो को लंड के सामने रख कर मुठ मार रहा था.. और आँख बंद करके बोल रहा था- चूस सोनाली चूस.. ये तेरा ही लण्ड है.. और ज़ोर से चूस.. खा जा इसको.. तेरी याद में बहुत तड़फता है ये!

मैंने देखा कि इसी के साथ वो झड़ने लगा, मेरी फोटो उसके लण्डरस से पूरी भर गई थी।
मैं मन ही मन बहुत खुश हुई कि अब तो मैं ज़रूर ही चुदने वाली हूँ।
मैंने उसको आवाज़ दी.. तो वो बोला- तू चल.. मैं आता हूँ।

हम दोनों ने खाना खाया और बैठ कर टीवी देखने लगे। मेरे मन पता नहीं कहाँ था।
मैंने अचानक आशु से पूछा- तूने कभी ब्लू फिल्म देखी है?
वो हैरान हो गया.. मैं भी थोड़ा हँसने लगी।

फिर उसने धीरे से बोला- हाँ दोस्तों के साथ देखी थी।
अब हम दोनों खुलने लगे।
उसने पूछा- तूने देखी है?
मैंने कहा- हाँ..

भाई ने कहा- चलो ब्लू-फिल्म देखते हैं।
मैंने कहा- ठीक है..
हम दोनों बाहर हॉल में ही डीवीडी लगा कर फिल्म देखने लगे।

हम दोनों के अन्दर की आग भड़कने लगी।
मैंने पूछा- कभी सेक्स किया है?
तो वो बोला- हाँ दो-तीन बार रंडी को चोदा है।

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उसकी यह भाषा सुन कर मुझ में हलचल सी होने लगी।

उसने मुझसे पूछा- तुमने?
मैंने कहा- हाँ बॉयफ्रेण्ड के साथ किया है।
उसने कहा- अभी भी है बॉयफ्रेण्ड?
मैं बोली- नहीं.. हमारा ब्रेकअप हो गया है।
उसने पूछा- क्यों?
मैंने कहा- उसका लंड छोटा था.. बहुत जल्दी झड़ भी जाता था.. इसलिए एक दिन मैंने ही उसे छोड़ दिया।

मेरा भाई मेरे बगल में आया और बोला- तो खुजली के लिए अब क्या करती हो?
मैं उदास हो कर बोली- बस तड़पती हूँ और क्या..

आशु ने मेरे बाल पकड़े और होंठों में होंठ सटा दिए। हम दोनों किस करने लगे।
भाई धीरे-धीरे मेरे मम्मों को सहलाने लगा.. मैं भी गरम होती गई।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

भाई मुझसे चिपक गया। हम दोनों ऐसे चिपके थे.. जैसे एक दो जिस्म एक जान हों। हम एक-दूसरे से चिपके रहना चाहते थे.. पर हमें कपड़े उतारने के लिए अलग होना पड़ा।

भाई मेरी कमीज की बटन में हाथ लगाया.. मैंने उसके बाल पकड़े और कहा- रंडी के कपड़े उतारे नहीं.. फाड़े जाते हैं..

भाई भी यह सुन कर जोश में आ गया, उसने एक झटके में सारे कपड़े फाड़ दिए, मुझे नंगा देख कर वो पागल सा हो गया, वो मुझ पर टूट पड़ा.. उसका लंड उफान पर था।
मैंने कहा- सीधे चोदेगा?
बोला- इतनी मस्त माल को पहली बार चोद रहा हूँ.. एक बार अभी चोद लेने दे.. दोबारा आराम से करूँगा।

मेरे हामी भरते ही.. उसने चूत में लंड पेल दिया.. मैं चीख उठी- मादरचोद तेल तो लगा लेता..
उसने मेरी बात अनसुनी कर दी.. और लगा पेलने.. बोलने लगा- साली राण्ड इतने दिनों से तेरे नाम की मुठ ही बस मारी है.. आज तो तुझे कुतिया की तरह चोदूँगा.. तुझे अपने बच्चे की माँ बनाऊँगा।

मैं भी चिल्लाने लगी- चोद.. बहनचोद.. चोद… भर दे मेरी चूत.. रंडी हूँ में… तेरी.. साले असली मर्द है तू.. माँ को भी चुदवाना है तेरे से.. उसने भी तेरा लंड देख लिया है.. उसके बाद हम तीनों मजे करेंगे..

मैं पागल सी हो गई थी.. कुछ बड़बड़ा रही थी, मैंने भाई से कहा- आह्ह.. भाई मैं झड़ने वाली हूँ।
यह सुनकर भाई मुझे पागलों की तरह चोदने लगा।

कुछ देर बाद वो झड़ने वाला था, मैंने कहा- अन्दर ही छोड़ देना पानी..

भाई ने आखिरी झटका इतनी तेज़ मारा कि उसका लंड मेरी बच्चेदानी से टकरा गया.. और बिना तैयार हुए मैं फिर से झड़ने लगी.. चिल्लाने लगी और भाई से लिपटी गई।

हम दोनों ऐसे ही नंगे सो गए.. लेकिन पहली बार चुदाई में जो मैं दो बार झड़ी.. उसका सुख मैं कभी नहीं भूल सकती।

यह थी मेरी और मेरे भाई की कहानी, इसको पढ़िए और चुदास से भरे भाई-बहने आपस में एक-दूसरे को भी पढ़ाइए.. और दोनों लोग जमकर चुदाई कीजिए।

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