Stories Uploading Time

7:00 am, 7:30 am, 8:00 am, 8:30 am, 9:00 am, 7:00 pm, 7:30 pm, 8:00 pm, 8:30 pm, 9:00 pm Daily 10 Stories Upload

विधवा मकान मालकिन के साथ होटल में हनीमून- 1 - Vidhava Makan Malkin Ke Sath Hotel Mein Honeymoon - 1

विधवा मकान मालकिन के साथ होटल में हनीमून- 1
विधवा मकान मालकिन के साथ होटल में हनीमून- 1

Support Us Link:- Click Here

For Audio: - Click Here

Audio: - 

Read: - Xxx लेडी सेक्स कहानी मेरी मकानमालकिन की शिमला में चुदाई की है. हम कार से निकले तो रास्ते में बारिश होने लगी. मैंने चार साइड में लगा कर उसे लंड चुसवाया.

हैलो फ्रेंड्स, मैं समीर.

जैसा कि आपने मेरी चुदाई कहानी

चुदासी विधवा की प्यास बुझायी

में पढ़ा था कि कैसे मैंने अपनी विधवा महिला मकान मालकिन की चुदाई की और साथ ही उसकी गांड भी मारी.

मैंने आपको बताया था कि उस घर में मेरी मकान मालकिन फहीमा के अलावा सिर्फ मैं ही एक अकेला किराएदार था.

फहीमा का स्वभाव थोड़ा चिड़चिड़ा था जिसके कारण आसपास में रहने वाले बहुत कम लोगों का उसके पास आना-जाना था.

मुझे भी काफी दिनों के बाद चूत चोदने को मिली थी और उस पर फहीमा जैसी मदमस्त माल मेरे लंड के नीचे आ गई थी.
मैंने उसकी बड़ी गांड को पूरी रात तसल्ली से चोदा था जिसके कारण उसको सुबह चलने में भी थोड़ी परेशानी हो रही थी.

ये सब उसकी पहले से तबीयत खराब होने से और उसकी काफी दिन बाद चूत और गांड मारने के कारण थी.
उसकी मस्त चूत चख कर मेरा लौड़ा भी मस्त हो गया था.

मेरे लंड के मस्त होने का एक कारण यह भी था कि उसको अब एक चूत और मस्त गांड की जुगाड़ हो गई थी.

उस रात के बाद अब जब भी मेरा मन होता … या फहीमा की चूत में खुजली होती, हम एक दूसरे की तसल्ली कर लेते थे.

फहीमा को अपनी गांड को मरवाने में सबसे ज्यादा मजा आता था.
मुझे भी उसकी टाइट गांड में अपना मोटा लंड घुसाने में बहुत मजा आता था.

दोस्तो, अब आगे की Xxx लेडी सेक्स कहानी पढ़ कर मजा लें.

मुझे अपनी जुगाड़ फहीमा की चुदाई शुरू करे हुए अभी थोड़ा समय ही बीता था कि मुझे ऑफिस के काम से शिमला जाना पड़ गया था.

मैंने सुबह फहीमा से कहा कि मुझे हफ्ते के आखिर में शिमला जाना है.
वह उदास होकर बोली- अभी तो मुझे चुदाई का मजा आना शुरू हुआ था और तुम मेरे बदन को प्यासा छोड़कर जा रहे हो. बताओ मेरी चूत तुम्हारा लंड मांगेगी तो मेरी चूत क्या करेगी … और अब तो गांड भी लंड मांगती है!

मैंने उसे तसल्ली दी और ऑफिस जाकर अपने प्रोग्राम और ठहरने का पता किया तो मेरा ठहरने का प्रोग्राम शिमला शहर के एक अच्छे होटल में था.
मैंने उसको कैन्सल करने के लिए कहा और अपना खुद का इंतजाम करने को कहा क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि ऑफिस में किसी को पता लगे कि मेरे साथ फहीमा भी गई है.

इसलिए मैंने अपना होटल खुद बुक किया जो शहर से दूर था और पहाड़ी पर था.
साथ ही मैंने अपने होटल को कुछ व्यवस्था करने के निर्देश भी दे दिए थे.

शाम को फहीमा मेरे आते ही मेरे गले से लिपट गयी और मुझसे न जाने का आग्रह करने लगी.
मैंने कहा- चलो, तुम भी साथ चलने के लिए तैयार रहना. शुक्रवार को अपने अच्छे से कपड़े लेकर बस अड्डे पर पहुंच जाना. मैं वहीं से तुम्हें लेकर शिमला चलूंगा. लेकिन मेरी एक शर्त है कि अभी तुम्हें मेरे लंड को चूसकर झाड़ना होगा.

इतना सुनकर वो खुश हो गई और मुझे चूमने लगी.
फिर नीचे बैठकर मेरे पैंट की जिप खोलकर मेरा लौड़ा निकालकर चूसने लगी.

आज फहीमा को लंड चूसने में ज्यादा मजा आ रहा था.
पहले धीरे धीरे … फिर लंड चूसने की स्पीड बढ़ाकर वो तेजी से लौड़ा चूसने लगी.

लगभग दस मिनट तक चूसने से मेरे लंड से अब पानी निकलने को हो गया था.
मेरे लौड़े की नसें फूलने लगी थीं और इसका अहसास फहीमा को भी हो गया था … मगर उसने लौड़े को निकालने के बजाए, वो और जोर जोर से लौड़े को चूसने लगी.

वो आज लौड़ा मुँह में लेकर चूसती हुई मेरी आंखों में देख रही थी, जैसे वो लंड से पानी देने की फरियाद मेरी आंखों से कर रही हो.
उसके ऐसी कातर निगाहों से देखने से मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ना शुरू कर दिया था.

मेरे मुँह से मादक आवाज निकली और मेरे लौड़े के पानी से उसका मुँह भर गया.
वो भी किसी रांड की तरह मेरे लंड का पूरा पानी पी गयी और उसने मेरे लौड़े को अच्छे से चाट कर साफ कर दिया.

फिर वापिस पैंट के अन्दर करके जिप लगाकर उसे पैक कर दिया.

शुक्रवार को अपने ऑफिस के जरूरी कागजात लेकर अपने दोस्त के घर आया. उधर से उसकी कार ली और फहीमा को बस अड्डे से लेकर शिमला के लिए रवाना हो गया.

परवानू से निकलते ही हल्की बारिश होनी शुरू हो गयी.
थोड़ा आगे जाने पर फहीमा की चूत हल्का होने के लिए मचलने लगी.

मैंने एक होटल पर गाड़ी रोक कर उसको हल्की होने के लिए कहा.
वो बाथरूम में गई और हल्की होकर आ गयी.

वह अब भी घर से पहने हुए बुर्के में ही थी. मैंने उससे कपड़े बदलने के लिए भी कहा लेकिन उसने इंकार कर दिया.

वहां से चलने के बाद धर्मपुर में खाने के लिए हम दोनों हवेली पर रुके और खाना खाकर हम वहां से आगे के लिए रवाना हो गए.

बाहर अब भी रिमझिम बारिश हो रही थी और मैं इस बारिश का आनन्द ले रहा था, साथ ही पहाड़ पर धीरे ही गाड़ी चला रहा था.
थोड़ा आगे जाने पर तेज बारिश शुरू हो गयी. बारिश तेज़ होने के कारण सड़क भी ठीक से नहीं दिख रही थी.

अपनी सुरक्षा को देखते हुए मैंने गाड़ी एक किनारे लगा ली.
तेज बारिश और एसी के कारण शीशे पर धुंध सी हो गयी थी और न तो अन्दर से बाहर का … और न ही बाहर से अन्दर का कुछ दिखाई दे रहा था.

तेज बारिश के कारण साथ में बैठी गदरायी फहीमा के मस्त शरीर के कारण मेरे लंड में भी गर्मी आने लगी थी.

AUDIO SEX STORIES HINDI


मैंने आसपास देखकर तसल्ली होने पर मैं फहीमा की बड़ी बड़ी चूचियों को उसके बुर्के के ऊपर से ही सहलाने लगा.
कुछ ही देर में मुझे चुदाई की सूझने लगी.

सड़क किनारे खड़े होने व बारिश बंद न होने की संभावना को देखते हुए मैं तय कर लिया कि इसकी एक बार की चुसाई कर ही ली जाए.
वो भी राजी थी.

समय खराब न करते हुए जल्दी से मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरना शुरू कर दिया.
मेरी आशा के विपरीत फहीमा ने तुरंत ही अपने बुर्के का नीचे का हिस्सा उठाया और मेरे लिए अचंभे की बात ये थी कि उसने बुर्के के नीचे कुछ नहीं पहना था. वो अन्दर से एकदम नंगी थी.

उसकी नंगी साफ फूली पाव रोटी वाली चूत मेरे सामने थी.
मैंने थोड़ा झुकते हुए उसकी चूत पर अपनी जीभ लगा दी.

मुझे भी पता लग गया था कि फहीमा भी गर्म थी और मेरे झुकते ही उसने सीट पीछे सरका दी और अपने हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पर दबाना शुरू कर दिया.
हालांकि इस तरह से चुत चूसने में थोड़ी परेशानी हो रही थी पर इसके बावजूद मैं उसकी चूत को चाटे जा रहा था.

फहीमा भी चूत चटवाने से बहुत गर्म हो चुकी थी.
कुछ ही देर में उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया, जिसे मैंने पूरा पी लिया और उसकी चूत को चाट चाट कर पूरा साफ कर दिया.

मैंने फहीमा से कहा- तुम्हारी चूत का पानी तो निकल गया, अब मेरे लंड का क्या होगा?
तुरंत ही फहीमा भी मेरी तरफ झुक गई.
मैंने भी अपनी सीट थोड़ा पीछे सरका दी.

आज फहीमा अलग ही अंदाज में थी. फहीमा ने मेरे लंड के सुपारे से शुरुआत की.
उसने पहले अपनी जीभ को नुकीला करके मेरे सुपाड़े के मुँह में घुसाना शुरू कर दिया, फिर लंड के सुपारे से लेकर लंड की जड़ तक जीभ से चाटने लगी.

उसके इस नए अंदाज से मुझे थोड़ा अचंभा भी हुआ क्योंकि इतनी मस्ती में पहले कभी उसने मेरे लंड को नहीं चूसा था.
मगर मुझे बहुत मजा आ रहा था.

वो अपनी जीभ से सुपाड़े से लेकर लंड की जड़ तक ऊपर से चाटती, फिर उसके बाद सुपारे पर आकर पूरे सुपारे को मुँह में लेकर जड़ तक लंड को मुँह में लेने की कोशिश करती.

आज फहीमा एक घरेलू औरत की तरह नहीं बल्कि एकदम रंडी की तरह लंड को चूसे जा रही थी.

आखिरकार उसकी इतनी सेक्सी रंडी वाली लंड चुसाई से मेरे लंड ने पानी छोड़ ही दिया.
फहीमा मेरे लौड़े का पूरा का पूरा पानी पी गयी और जब तक लंड बिल्कुल मुरझा नहीं गया, उसने लंड को अपने मुँह से बाहर नहीं निकाला.

मैं शब्दों में उस अहसास को बयान नहीं कर सकता जो मुझे उसके मुँह को चोदते हुए और लंड का पानी उसके मुँह में छोड़ते हुए हुआ था.
मुझे आज जबरदस्त तसल्ली हुई.

हालांकि इस दौरान मुझे कभी कभी यही डर लग रहा था कि कहीं बारिश न रुक जाए.
बारिश तो नहीं रुकी, मगर थोड़ी कम जरूर हो गयी थी. अब हमने आगे का सफर शुरू कर दिया.

शिमला के होटल में चैक इन करने के बाद हमने थोड़ा फ्रेश होकर चाय पी और दोनों शिमला शहर के लिए चल दिए.

मुझे ऑफिस का भी काम था, मैंने फहीमा को मालरोड पर थोड़ी देर घूमने के लिए कहा और डिनर करने का प्लान किया.
लौटते में डिनर करके हमने होटल में वापसी की.

होटल पहुंचने पर रिसेप्शन से चाभी लेकर मैंने फहीमा को कमरे में जाने को कहा और रिसेप्शनिस्ट से बातें करने लगा.
दो मिनट के बाद ही मैं कमरे की ओर चला गया.
फहीमा मेरा इंतजार कमरे के बाहर ही कर रही थी.

मेरे पहुंचने पर उसने कमरा खोला. कमरा खोलते ही उसको शायद अपनी जिंदगी का सबसे बेहतरीन तोहफा मिला.

पूरा कमरा सुहागरात के लिए सजा हुआ था और ये सारा इंतजाम मेरे कहने पर होटल वालों ने हमारे शिमला जाने के दौरान ही किया था. जिसके लिए मैंने चंडीगढ़ में बुकिंग करते समय ही कह दिया था.

पूरा बिस्तर फूलों से सजा हुआ था. सिरहाने पर फूलों के गुलदस्ते के साथ एक गिफ्ट पैकेट रखा था.
मैंने फहीमा को वह गिफ्ट दिया और कहा- मेरी जान, ये सुहागरात पर तुम्हारी मुँह दिखाई का तोहफा, आज हमारी सुहागरात है.

ऐसा सुनकर उसकी आंखों से आंसू आ गए और उसने लपककर वह तोहफा उठा लिया.
वो जल्दी से उसको खोलने लगी उसमें उसके साइज की पारदर्शी नाईटी, ब्रा और पैंटी का सैट था.
मैंने कहा- फहीमा मेरी जान, आज की रात तुम्हारी चुदाई और गांड फाड़ने का कार्यक्रम इसी ब्रा पैंटी में होगा.

उसके आंसू, मुस्कान में बदल गए और वो मेरे सीने से लगकर बोली- समीर, आज मैं बहुत खुश हूँ और मैं ये भी जानती हूँ कि तुम्हें मुझसे शादी नहीं करनी है, लेकिन तुम्हारे इस शानदार गिफ्ट से में तुम्हारी उम्र भर के लिए रंडी, रखैल, बीवी या जो कुछ भी तुम कहना चाहो, बन गयी हूँ. तुम जब चाहो, जहां चाहो, मुझे चोदना हो, या गांड मारने के लिए बुलाना हो, कभी भी बुला सकते हो.

उसकी इन बातों से मेरा भी दिल भर आया, लेकिन मैंने अपनी भावनाओं को नियंत्रित किया.
मैंने कहा- देखो अब जल्दी से ड्रेस बदलो, मेरा लंड तुम्हारी चूत के साथ सुहागरात मनाने को बेकरार हो रहा है.

ऐसा सुनकर वो तुरंत बाथरूम में जाकर बुर्का उतार कर उस ट्रांस्परेंट सैट को पहन कर बाहर आ गई.

वो बाथरूम के दरवाजे से ही इठलाती हुई मेरी तरफ आने लगी.
उसकी 36 इंच की चुचियां और 38 की गांड ने मेरे लंड का बुरा हाल कर दिया था.

मेरा दिल कर रहा था कि अभी उसकी ब्रा पैंटी को फाड़कर लंड घुसेड़ कर चोद डालूं.
लेकिन मैं उसको पूरी रात या जब तक चोद पाऊं, तब तक तसल्ली से चोदने के मूड में था.

डिनर खाने के बाद घूमते हुए ही मैंने गोली खा ली थी ताकि मैं फहीमा को पूरी रात चोद सकूँ.

मैंने फहीमा को पलंग पर उसी ड्रेस में दुल्हन की तरह बैठने को कहा.

उसके बैठते ही मैंने भी अपने कपड़े भी उतार दिए और सिर्फ कच्छे में उसके सामने बैठ गया.
उसकी ठोड़ी उठाकर मैं उसके लबों को चूमने लगा.
वह भी नयी नवेली दुल्हन की तरह शर्माने लगी और होंठों को चूसने में पूरा सहयोग करने लगी.

उसके होंठों को चूसते चूसते मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और हम एक दूसरे की जीभ का रस चूसने लगे.
लगभग दस मिनट तक हम एक दूसरे को चूमते-चाटते रहे.
कभी वो मेरी जीभ को चूसती, कभी मैं उसकी जीभ को चूसता.

फिर अचानक उसने मुँह हटाया और बोली- आज तुम मेरी मांग भी भरोगे ताकि मैं सदा के लिए तुम्हारी बेगम बन जाऊं.
मैं उसकी आंखों में देखने लगा.

AUDIO SEX STORIES HINDI


वो बोली- तुम परेशान न हो, ये सिर्फ मेरे लिए है.
मैंने उसके हाथ को अपने होंठों से चूमा.

उसने कहा- मेरी मांग तुम्हें कैसे भरनी है, वो मैं बाद में बताऊंगी.

उसने मुझे पलंग पर खड़ा होने को कहा. मेरे खड़ा होते ही उसने कच्छे के ऊपर से ही मेरे लौड़े को सहलाया और उस पर अपनी जीभ फिराने लगी.

ऐसा करते हुए कभी कभी कच्छे के ऊपर से ही वह सुपारे को थोड़ा-सा काट लेती.
उसके ऐसा करने से मेरे मुँह से हल्की सी आह निकल जाती.
मगर उसके ऐसा करने से मुझे मजा भी बहुत आ रहा था.

फिर उसने मेरे लंड के बिल्कुल पास जाकर एकदम से कच्छा नीचे कर दिया.
उसके ऐसा करते ही मेरा लंड जो कि अब तक अपने पूरे साइज़ में आ चुका था, एकदम से उसकी ठोड़ी से जा टकराया.

शायद फहीमा को लंड के इस तरह से बाहर आने का अंदाजा था.
उसने एक मंजी हुए खिलाड़िन की तरह मेरे लंड के सुपारे को गप्प से मुँह में लपक लिया.

ये देखकर मुझे भी अचंभा हुआ कि एक घरेलू औरत, आज रंडी से भी अच्छी तरह चुदवाने को तैयार थी.

पता नहीं यह उसकी बरसों से दबी, चुदाई की आग थी या सुहागरात का सुरूर था.
मगर मुझे मजा आने वाला था.

मेरे लंड को मुँह में लपक कर वह मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लग गयी.

वैसे उसको मेरे लंड को चूसने में अक्सर समस्या होती थी और उसके मुँह में भी दर्द होने लगता था.
वह धीरे धीरे अपनी स्पीड बढ़ाती थी.

लेकिन आज वो शुरू से ही मेरा पूरा लौड़ा जड़ तक चूस रही थी.
वो मेरे सुपारे से जड़ तक पूरा लौड़ा मुँह में भर लेती और बीच बीच में सुपारे पर आकर थोड़ा सा हल्का काट लेती, जिससे मेरी उसे चोदने की आग और भड़क जाती.
उसकी लंड चुसाई भी लगभग 8 से 10 मिनट तक चली होगी.

अब मुझे लगा कि फहीमा की इस लंड चुसाई से मेरा लौड़ा पानी छोड़ सकता है तो मैंने फहीमा को रोक दिया.

मैं उसको लिटा कर उसको ऊपर, गर्दन से चूमने लगा. गर्दन पर चूमते हुए थोड़ा सा जीभ से चाटता भी.

ऐसा करने से फहीमा के शरीर में मादक लहरें उठने लगी और इसी तरह से मैं धीरे धीरे उसकी चूचियों पर आ पहुंचा.

मैं एक हाथ की उंगलियों से उसकी एक चुची को हल्का-हल्का दबाता और दूसरी चुची को मुँह से चूसता. साथ ही चूसते चूसते उसके चूचुक को हल्का काट लेता.

चूचुक को काटते ही उसके मुँह से हल्की आह की आवाज निकल जाती.

बीच बीच में वो ‘ओह समीर … उफ़्फ़ आह ऊहह … अम्मी मर गई …’ जैसी आवाजें निकालती, जिससे मेरी उत्तेजना और बढ़ जाती.

थोड़ी देर तक एक एक करके दोनों चूचियां चूसने और काटने के बाद मैं उसकी नाभि तक आ पहुंचा और मैंने अपनी जीभ उसकी नाभि में डाल दी.

इससे वो और भी मस्त होने लगी और बोली- समीर, आज क्या अपनी इस बेगम की जान ही ले लोगे, मेरी चूत पानी पानी हो रही है.

मैंने नीचे हाथ लगा कर देखा तो वास्तव में फहीमा की चूत बहुत गीली हो चुकी थी.

दोस्तो, मेरी इस विधवा मकान मालकिन की चुत गांड चुदाई कहानी में आपको मजा आना अभी बाकी है.


Next Part: - विधवा मकान मालकिन के साथ होटल में हनीमून- 2

Post a Comment

Previous Post Next Post