Stories Uploading Time

7:00 am, 7:30 am, 8:00 am, 8:30 am, 9:00 am, 7:00 pm, 7:30 pm, 8:00 pm, 8:30 pm, 9:00 pm Daily 10 Stories Upload

पड़ोसन भाभी की रिश्तेदार चूत पसार कर चुदी - Padosan Bhabhi Ki rishtedar Chut Pasar Kar Chudi

पड़ोसन भाभी की रिश्तेदार चूत पसार कर चुदी
पड़ोसन भाभी की रिश्तेदार चूत पसार कर चुदी

Support Us Link:- Click Here

For Audio: - Click Here

Audio: - 

Read: - दोस्तो, कैसे हो आप सब..! आशा करता हूँ सब लण्ड और चूत का मज़ा ले ही रहे होगे।

दोस्तो, बहुत बहुत धन्यवाद जो आप सभी ने मेरी पिछली कहानी पसन्द की।

मैं आप सबको एक बात बताना चाहता हूँ। मैं जानता हूँ कि आप सबको लगता है कि मेरी कहानी बनाई हुई है.. पर इसमें आपकी ग़लती नहीं है दोस्तो.. बस मैं एक बहुत अच्छा लेखक नहीं हूँ इसलिए यह कहानी कुछ लोगों को बनाई हुई लगती है.. पर आप जो समझो ये तो मेरे साथ सच में घटित हुई है।

अब आपको ज्यादा बोर ना करते हुए मैं अपनी कहानी पर आता हूँ।
मैंने अपनी पिछली कहानी में बताया कि कैसे मैंने और भाभी ने मज़े किए और भाभी बता रही थीं कि उनकी सास अगले हफ्ते किसी रिश्तेदार के घर जा रही हैं।
आपको याद होगा कि भाभी ने मुझसे यह भी कहा था कि मेरे लिए एक सरप्राइज भी है।

अब उससे आगे..

उस दिन हम दोनों ने खूब मज़े किए.. मैंने लाख कोशिश की पूछने की कि भाभी क्या सरप्राइज है.. पर भाभी ने नहीं बताया।
मैं अपने घर आ गया और सोच-सोच कर परेशान होता रहा कि भाभी अब मुझे क्या सरप्राइज देना चाहती हैं.. क्या सरप्राइज होगा!?!
खैर.. मैं घर आकर रोज के तरह घर के ही कुछ काम में व्यस्त हो गया।

ऐसे ही दिन बीत रहे थे.. भाभी से भी बातें होती और हमेशा पूछता- भाभी बताओ ना क्या सरप्राइज है?
वो बोलतीं- अगर बता दिया तो वो सरप्राइज.. सरप्राइज नहीं रहेगा।
मैं भी मन मारकर घर आ जाता।
इसी तरह कुछ दिन गुज़र गए और वो दिन भी आ गया.. जिस दिन उनकी सासू माँ जाने वाली थीं।

मैं सुबह उठा.. फ्रेश हो रहा था तो माँ ने कहा- देख शायद तेरी भाभी बुला रही हैं.. जा देख.. उन्हें कुछ काम होगा। नाश्ता करके जरूर चले जाना।

मैंने नाश्ता किया और भाभी के घर को निकल लिया। उनके घर पहुँचा तो भाभी घर में सासू माँ के सामान की पैकिंग में हाथ बंटा रही थीं।

मुझे देखते ही भाभी ने कहा- अजीत, माँ जी को बस स्टेशन छोड़ आ!
मैंने कहा- क्यों.. स्टेशन तक क्यों, मैं इनको तो ट्रेन में बैठा कर आऊँगा.. वैसे भी ट्रेन में भीड़ बहुत होती है.. सीट भी बहुत मुश्किल से मिलती है!

ट्रेन का टाइम भी हो रहा था.. 9:45 में ट्रेन थी और 8:30 हो चुके थे और हम अभी घर में ही थे कि इतने में टैक्सी आ गई और मैं आंटी को लेकर स्टेशन के लिए निकल पड़ा।

रास्ते में आंटी से बात हो रही थी.. तो आंटी ने कहा- थोड़ा अपनी भाभी का ध्यान रखना.. वैसे मैंने ममता (भाभी की रिश्तेदार) को बोल दिया है.. वो शाम तक आ जाएगी.. और तुम्हारी भाभी को भी ठीक लगेगा.. नहीं तो कहाँ वो अकेले रह पाएगी।
मेरा दिमाग़ तो घूम गया कि गई भैंस पानी में.. सासू माँ ने तो काम ही खराब कर दिया और मुझे तो अब उन पर गुस्सा भी आ रहा था।

खैर.. मैंने अपने आपको रोका और हम स्टेशन पहुँच गए।
कुछ देर में ट्रेन भी आ गई.. उनको ट्रेन में बैठा कर उनके पैर छुए और वहाँ से घर के लिए निकल आया।

रास्ते में ही भैया का फोन आया.. उन्होंने पूछा- अजीत कहाँ हो?
मैंने कहा- आंटी को ट्रेन में बैठा कर घर जा रहा हूँ।
भैया ने कहा- थैंक्स अजीत.. यार थोड़ा भाभी का ध्यान रखना.. वैसे तो माँ शायद रिश्तेदारी में किसी को बोल कर गई हैं.. पर वो शाम तक आ पाएंगी और देखना भाभी को मार्केट से कुछ मंगवाना हो.. तो ये सब कर देना यार..
मैंने कहा- ठीक है भैया..
उन्होंने ‘थैंक्स’ बोल कर फोन रख दिया।

मैं मुँह लटका के घर की ओर चल दिया कि ममता के आने से हमारा तो काम ही खराब हो गया।
मैंने घर आकर भाभी से पूछा- यह ममता कौन है?
मैं भी गुस्से में था।
वो बोलीं- हमारी रिश्तेदार है.. वो शाम तक आएगी।

फिर मैंने कहा- वो आ जाएगी तो फिर हम कैसे क्या करेंगे.. आपने तो सब काम में पानी फेर दिया।
भाभी भी चुप थीं.. वो कुछ नहीं बोलीं और मैं गुस्से से घर आ गया।

शाम हो गई तो मैं घर से बाहर खड़ा था.. थोड़ी देर बाद देखा कि एक आदमी और एक औरत भाभी के घर गई.. मैं समझ गया कि यह ममता ही होगी।
वो आदमी ममता को घर में छोड़ कर निकल गया और मैं भी अन्दर आ गया।

रात के 8:30 बज रहे होंगे कि मेरा फोन बजा.. मैंने देखा कि भाभी का कॉल आ रही है।
मैंने सोचा कि अब ये कॉल क्यों कर रही हैं?
मैंने कॉल उठाया.. तो भाभी ने कहा- कहाँ हो?
मैंने कहा- घर में हूँ.. क्या हुआ?
भाभी ने कहा- आज आ जाना।
मैंने कहा- कैसे आऊँ.. आपने तो ममता को बुला लिया है।
भाभी ने कहा- तुम आ जाना बस..!

AUDIO SEX STORIES HINDI


मैंने ‘ठीक है!’ बोल कर फोन रख दिया.. मैं खाना खाकर घर में बहाना करके भाभी के घर के लिए निकल गया।
उनके घर पहुँच कर मैंने दरवाजा नॉक किया तो दरवाजा ममता ने खोला।
उसने कहा- आइए..

मैं अन्दर गया.. भाभी शायद किचन में थीं.. ममता मेरे सामने बैठ गई और मुझसे बात करने लगी।
थोड़ी देर में भाभी भी आ गईं।
मैंने भाभी से कहा- भाभी आप तो बोली थीं कि..
मेरी बात काटते हुए भाभी बोलीं- हाँ.. मैंने कहा था कि एक सरप्राइज है..
मैं उन्हें हैरानी से देखने लगा।

तो भाभी ने मुस्कुरा कर ममता की तरफ़ इशारा करते हुए कहा- यही है तुम्हारा सरप्राइज..
मैंने पूछा- भाभी मतलब?
बोलीं- मेरे और तुम्हारे बारे में ममता को पता है.. ये सब हमारी ही प्लानिंग थी।
मेरा मुँह खुला रह गया था..

भाभी ने कहा- ऐसे ही एक दिन बातों बातों में ममता ने अपनी समस्या बताई कि उसके पति उम्र में 9 साल बड़े हैं और वो जल्दी थक जाते हैं.. मैं बिस्तर में वैसे ही अधूरी रह जाती हूँ.. भाभी आपको तो और भी ज्यादा दिक्कत है.. आप तो अकेली ही रहती हो। तो फिर मैंने ममता को बताया कि मैं तो मज़े में हूँ। उसके बाद मैंने ममता को बताया मेरे और तुम्हारे बारे में.. तो ममता ने कहा भाभी मुझे भी मिलवा दो.. आपको तो पता है एक औरत को कितनी दिक्कत होती है.. आप समझ सकती हो.. तो मैंने कह दिया कि ठीक है।

भाभी ने मुझसे कहा- अजीत इसे भी मेरी तरह तुम्हारी ज़रूरत है.. क्या तुम इसे भी खुश कर दोगे।

मैं चुपचाप बैठा था.. इतने में ममता ने कहा- अजीत प्लीज़.. आप भले इसके बदले पैसे ले लो.. पर मुझे संतुष्ट कर दो.. क्योंकि मेरे पति ने मुझे आज तक पूरी तरह खुश नहीं किया है।
मैंने कहा- ठीक है।

इतने में ममता ने मुझे हाथ पकड़ कर बेडरूम में ले गई और भाभी भी हमारे पीछे-पीछे आ गईं।
मैंने भाभी से पूछा- भाभी आप भी यहाँ?
तो भाभी ने कहा- मैं यहीं बैठ कर तुम दोनों को देखूंगी.. आज तुम ममता को खुश करो।

मैं ममता को देखने लगा..
वो बोली- कुछ नहीं होगा यार.. यहाँ हम तीनों ही तो हैं।
वो मेरे कपड़े उतारने लगी..
तो मैं भी शरम छोड़ कर उसको गले और सभी जगह किस करने लगा और साथ में उसके कपड़े भी खोलने लगा।

उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.. सिवाए अंडरवियर के..
मैं भी उसके सारे कपड़े उतार चुका था.. वो अब ब्रा और पैन्टी में थी… अब मैंने उसकी फिगर देखी..
उसका साइज़ 36-30-34 का था.. क्या गजब माल दिख रही थी वो.. वैसे मेरा तो लण्ड भाभी के सरप्राइज की बात सुन कर घुसते ही खड़ा हो चुका था।

भाभी हम दोनों को गौर से देख रही थीं, मैंने देखा तो भाभी ने हँस कर आँख मारी, मैंने अब ममता की ब्रा-पैन्टी को उतार फेंका।
ओह.. ओह.. क्या मस्त चूत थी उसकी.. दोनों फांकें चिपकी हुईं ऐसे लग रही थी.. कि जैसे अभी कुंवारी चूत हो.. एकदम साफ़ और चिकनी.. जैसे कि आज ही साफ़ की हो।

उसने मेरे जांघिए में हाथ डाल कर मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली- क्या भाभी इस तगड़े लण्ड से अभी तक आप अकेले ही मज़े लेती थीं.. मुझे भी नहीं बताया।
भाभी ने कहा- तो अब निकाल ले कसर.. ले ले मज़ा.. जितना लेना है.. मैं आज नहीं लेती.. आज तू ही ले ले पूरा.. और खुश हो जा..

ये सब बात करते-करते ममता ने मेरा जंघिया उतार कर अलग कर दिया और मेरे लण्ड को अपने कोमल हाथ से पकड़ कर सहलाने लगी।
वो मुझे देखे जा रही थी और एक ही झटके से गप से मेरा लण्ड अपने मुँह में लेकर मेरे लण्ड का रसपान करने लगी.. मज़े लेकर चूसने लगी।

मैं बिस्तर के पास खड़ा था और वो घुटनों के बल बैठ के लण्ड चूसे जा रही थी। काफ़ी देर चूसने के बाद जब मेरा जूस निकलने वाला था.. मैंने कहा- आह्ह.. मेरा छूटने वाला है..
उसने लण्ड अपने मुँह से नहीं निकाला, मेरा सारा जूस उसके मुँह में था और उसने मेरा जूस ऐसे पिया जैसे कोई आमरस हो।

मैं बैठ कर ममता को देख रहा था और वो हँसे जा रही थी। अब मैं उसकी चूत के पास अपना मुँह ले कर गया.. तो बोल उठी- ये क्या कर रहे हो?
तो मैंने कहा- जैसे आपने मेरा हाल किया.. वैसे मैं भी आपका करूँगा।
तो ममता ने किलकारी भरते हुए कहा- सच्च में..!

मैंने कहा- हाँ क्यों?
उसने कहा- मेरे पति ने तो आज तक मेरी चूत में किस तक नहीं किया।
मैंने कहा- मैं आपका पति नहीं.. जो औरत की इतनी अच्छी चीज़ को किस ना करूँ।

मैंने अपना मुँह उसकी चूत के सामने लेकर गया.. क्या मस्त खुशबू आ रही थी उसकी चूत से..
जैसे ही मैंने अपना मुँह उनकी चूत पर रखा.. वो सिहर गई.. भाभी जी चेयर में बैठी थीं।
उन्होंने पूछा- क्या हुआ..?
ममता ने कहा- यार मैं तो हिल गई!
भाभी बोली- अजीत मुझे भी इसी तरह से मज़े देता है।

फिर मैं उसकी चूत को आहिस्ते-आहिस्ते चूमने लगा और उसके मुँह से आवाज़ निकलने लगी- आअहह सिईई.. उहाहह.. हा.. सीईइ..
इस तरह के आवाज़ से कमरे में माहौल सा बन गया था और मैं उसकी चूत में जीभ को अन्दर तक डाल कर जीभ को हिलाने लगा।
आप सभी को तो पता ही होगा कि मैं चूत चूसने में चूत की माँ चोद देता हूँ।

बस मैं ममता की चूत चूसता ही रहा, काफ़ी देर तक उसकी चूत को चूसता रहा.. उतने में वो करीब दो बार झड़ चुकी थी।
उसके पानी से मेरा पूरा मुँह गीला हो गया था।

मैं अब सीधा हुआ और उसने मेरा लण्ड लेकर फिर से चूसा.. मेरे लण्ड को गीला किया और मुझसे कहा- अब रहा नहीं जा रहा है.. जल्दी से डाल दो अपना लण्ड मेरी चूत में।

मैंने भी देर ना करते हुए अपने लण्ड में अपना थूक लगाया और उसकी चूत में रख कर धक्का लगाना स्टार्ट किया.. पर चूत टाइट थी.. अन्दर नहीं गया।

AUDIO SEX STORIES HINDI


एक हाथ से लण्ड चूत में सैट करके आहिस्ते-आहिस्ते धक्का लगाना चालू किया.. ममता से मेरा लौड़ा झेला नहीं जा रहा था।

मैंने एक हल्का सा झटका लगाया.. तो मेरा सुपारा घुसते ही ममता की थोड़ी सी चीख भी निकल गई थी, फिर मैंने ममता के मुँह पर हाथ रखा कि ज्यादा आवाज़ ना निकले।
मैं उसी तरह एक मिनट रुका रहा और उसकी चूचियाँ पीता रहा, धीरे धीरे आधा लण्ड उसकी चूत में अन्दर घुस गया।
फिर एक और झटका लगा कर मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में जड़ तक पूरा समा दिया और ममता की ज़ोर से दबी हुई आवाज़ निकली।

क्या बोलूं दोस्तो.. मुझे तो लग रहा था कि मैं किसी कुंवारी लड़की को चोद रहा होऊँ।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

वैसे भी ममता के अभी बच्चा नहीं हुआ था तो चूत टाइट तो थी ही। कुछ देर मैं इसी तरह रुका रहा और देखा कि अब ममता चुदने को तैयार है.. तो मैंने अपनी धक्का-पेलम स्टार्ट कर दी।

कुछ मिनट की चुदाई के बाद मैं उसे लेकर उठा और भाभी से बोला- भाभी मुझे चेयर दीजिए।
भाभी बोलीं- क्यों?
मैंने कहा- आप उठिए तो..

भाभी उठ कर बेड पर बैठ गईं और मैं ममता को लेकर चेयर पर बैठ गया। अब मैं ममता की चुदाई चेयर पर बैठ कर रहा था.. वो मेरे लौड़े पर उछल-उछल कर मेरा साथ दे रही थी। कुछ ही देर में ममता झड़ने वाली थी।
अचानक ममता ने पानी छोड़ दिया और मेरा लण्ड और थोड़ा सा पेट गीला हो गया। अब मैं उठा और कहा- बिस्तर के पास खड़ी हो जाओ।

ममता बिस्तर के पास खड़ी हो गई.. मैं नीचे खड़ा था।
मैंने उससे कहा- मेरी गोदी में आ जाओ.. अपने दोनों पैर मेरे कंधे पर रखो और अपने हाथ मेरी गर्दन में फंसा लो।

अब हमने गोदी वाली चुदाई शुरू की ही थी कि उधर से भाभी की आवाज़ आई- ऐसे तो मुझे कभी नहीं चोदा?
मैं अपनी चुदाई की धुन में था.. मैंने मज़ाक में कहा- आपका वजन कुछ ज्यादा है..

मैं ममता को धकापेल चोदने लगा।
कुछ मिनट की चुदाई के बाद मेरा जूस निकलने वाला था.. मैंने कहा- डार्लिंग मेरा होने वाला है।
ममता ने कहा- जरा रूको..
अब ममता घुटनों के बल होकर बैठ गई और लण्ड को चूस कर हिलाने लगी।
लौड़ा चूस कर वो मेरा सारा माल गटक गई।

मैं बिस्तर पर निढाल होकर लेट गया.. थोड़ी देर और ममता भी मेरे साथ ही लुढ़क गई।

भाभी हम दोनों की चुदाई देख कर गर्म तो हो ही चुकी थीं और अब वे पूछ रही थीं- कैसा लगा ममता?
ममता ने थकी हुई आवाज़ में कहा- मत पूछिए कैसा लगा!

आधे घंटे बाद मैं उठा तो देखा कि भाभी और ममता बात कर रहे थे। ममता वैसी ही नंगी बैठी हुई थी.. मैं उठ कर बाथरूम की ओर गया.. तो पीछे-पीछे ममता भी आ गई और मेरे साथ में नहाने लगी, वो मुझे भी नहला कर साफ़ करने लगी।

उसकी कामुक हरकतों से ऐसा लग रहा था कि वो एक बार और चुदना चाहती हो।
मेरा लण्ड भी सलामी देने लगा और उसने भी मेरे लण्ड को सहलाना शुरू कर दिया।
बाथरूम में भी हमारा एक राउंड चुदाई का चला।

फिर हम नहा कर बाहर निकले तो देखा कि घड़ी में 3:30 बज रहे थे।
मैं भाभी और ममता से बोला- भाभी मुझे थोड़ा सोना है.. मैं सोने जा रहा हूँ।
मैं सोने चला गया और सुबह 5 बजे उठा।

अभी बाहर अंधेरा ही था.. ममता और भाभी भी उसी बिस्तर पर सोई हुई थीं। ममता भी उठ गई.. मैं जाने लगा तो ममता भाग कर अपने पर्स से पैसे लेकर आई और मेरे हाथ में रख कर बोली- अब ये मत बोलना कि मैं नहीं ले सकता..

मैं अब क्या बोलता.. फिर भी मैंने मना किया तो ममता बोली- मुझे पता है.. ये ठीक नहीं है.. पर पैसे की ज़रूरत हर इंसान को होती है.. और वैसे भी आजकल के लड़कों को तो कुछ ज्यादा ही ज़रूरत होती है।
मैंने भाभी की ओर देखा.. भाभी ने भी इशारा किया.. रख लो गिफ्ट समझ कर।

मैंने रूपए ले लिए और मैं वहाँ से निकल गया।

अब आज्ञा चाहता हूँ दोस्तों.. लिखने में कोई ग़लती हुई हो तो माफ़ कीजिएगा। अपने अगले पार्ट में बताऊँगा कि दूसरे दिन भाभी और ममता दोनों ने कैसे एक साथ मज़े लिए।

Post a Comment

Previous Post Next Post