लड़का लड़की सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी नजर मेरी पड़ोस की लड़की पर गयी. वो देखने में बहुत खूबसूरत थी. मेरा दिल उस पर आ गया. उससे कैसे मेरा टांका फिट हो गया?
मेरी माँ पेशाब करके आ गई लेकिन बड़ी देर तक मेरे लंड से पेशाब ही नहीं निकला, फिर जब लंड कुछ ढीला पड़ा तब जा के पेशाब निकलना शुरु हुआ। मैं वापिस माँ के पास आया तो माँ ने फिर से वही बातें शुरू
माँ ने मेरा हाथ अपनी चूचियों पर रख लिया…फिर पता नहीं क्या सोच कर वो बोली- ठीक है, मैं सोती हूँ यहीं पर…
उत्तेजना वश मैं माँ की चूचियों पर हाथ फ़िराने लगा और मेरा दूसरा हाथ अपने लण्ड पर था।
माँ कपड़े को नदी के किनारे नहाने लगी… माँ के दांतों से उसका पेटिकोट छुट गया और सीधे सरसराते हुए नीचे गिर गया और उसका पूरा का पूरा नंगा बदन एक पल के लिये मेरी आंखों के सामने दिखने लगा।
जब माँ कपड़े को नदी के किनारे धोने के लिये बैठती थी, तब वो अपनी साड़ी और पेटिकोट को घुटनों तक ऊपर उठा लेती थी... एक दिन हम दोनों ने कपड़े धो लिये और सारा काम निपटा कर नहाने लगे…
हमारा काम धोबी का था, माँ देखने में बहुत सुंदर है, जब माँ कपड़े को नदी के किनारे धोने के लिये बैठती थी, तब वो अपनी साड़ी और पेटिकोट को घुटनों तक ऊपर उठा लेती थी... घर में भी कपड़े इस्तरी करते वक्त माँ अपना पेटिकोट
हमारा पारिवारिक काम धोबी का था, मैं माँ के साथ नदी किनारे कपड़े धोने जाते थे... माँ देखने में बहुत सुंदर है, इस कारण गाँव के लोगों की नजर भी उसके ऊपर रहती होगी, ऐसा मैं समझता हूँ।
मैं मामा जी के घर था, मामा की मीनू मामा का खाना लेकर जा रही थी कि मामी ने मुझे कहा- तुम मीनू के साथ खेतों में खाना देने चले जाओ! मीनू का पैर रास्ते में मेड़ से फिसल गया और उसे मोच आ गई,
इंडियन सेक्स आंटीज़ स्टोरी में पढ़ें कि मैं मामी को पटाकर सरसों के खेत में अंदर ले गया. मैं मामी की चुदाई का पूरा मजा लेना चाहता था लेकिन मामी को कुछ ज्यादा जल्दी थी.
गाँव की चुत चुदाई कहानी में पढ़ें कि मामी की चूत चुदाई के बाद से मेरा लंड मुझे चैन से नहीं बैठने दे रहा था. मैं फिर मामी की चुदाई करना चाहता था पर वो तैयार नहीं थी. मैंने खेत में लेजाकर कैसे मामी को फिर से गर्म किया?
निशा मेरे छोटे भाई रुपम की वाइफ़ है। निशा काफ़ी सुंदर महिला है। उसका बदन ऊपर वाले ने काफ़ी तसल्ली से तराश कर बनाया है। मैं शिवम उसका जेठ हूं। मेरी शादी को दस साल हो चुके हैं। निशा शुरु से ही मुझे काफ़ी अच्छी लगती थी।
ये कहानी आज से 6 महीने पहले की है जब हम अपनी दूसरी साली की शादी में गये थे बड़ौदा, मेरी पहली साली की शादी को 6 महीने हुए थे। वो भी अपनी बहन की शादी की तैयारी के लिये आई थी। मेरी साली का नाम है गीता,
इस बार उन्होने ने मेरी पैंट की ज़िप खुद खोली और मेरी बुर पर हाथ फिराया। बुर पर हाथ लगते ही मैं बेचैन हो गई। वो मेरी फूली हुई बुर को मुट्ठी में लेकर भींच रहे थे। मैने बेबसी से अपना सिर थोड़ा सा ऊपर उठा
अपने परिवार संग मैं स्लीपर बस से जा रही थी. मेरी X स्टोरी इन हिंदी में पढ़ें कि कैसे बस में एक हैंडसम लड़के पर मेरा दिल आ गया. उस जवान लड़के ने मेरी चूत की प्यास बुझा दी.
Xxx गर्ल सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि ऑफिस से आते हुए रात के अंधेरे में एक बड़ी गाड़ी में से मुझे कुछ आवाजें आईं. क्या चल रहा था गाड़ी में? मैंने क्या किया?
मेरी नयी नवेली दुल्हन बीवी बहुत खूबसूरत है. रंग दूध सा, सांचे में ढला बेदाग बदन, गुलाबी होंठ हैं. सुहागरात की चुदाई की तो उसने मेरा लंड चूस कर फिर खड़ा कर दिया.
ट्रेन में मेरी स्लीपर सीट बुक थी लेकिन जनरल वाले लोग भरे हुए थे. एक भाभी मेरी बर्थ पर बैठ गयी. उस भाभी से कैसे मेरी सेटिंग हुई और कैसे मैंने रात में उसे ट्रेन में चोदा.