बहन भाई की फ्री हिंदी सेक्स कहानी … जब दो जवान जिस्म घर में अकेले हों तो वे रिश्ते भूल जाते हैं.
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मैं अपनी मौसी के घर गया तो मौसी-मौसा दोनों काम पर जाते थे और उनका बेटा स्कूल... मौसी की बेटी शिल्पा जो मेरे से एक साल बड़ी थी, हम दोनों घर में अकेले रहते थे... एक दिन शॉपिंग के बाद शाम
मामा की बेटी कुछ दिनों के लिए हमारे घर रहने आई... रात को मैं दीदी को मना कर उनके पास सो गया.. बीच रात में मुझे लगा कि दीदी मेरे हाथ अपने चूचों पर दबा रही हैं... फ़िर दीदी ने मेरी गर्ल फ़्रेन्ड के बारे मे पूछा…
मेरी सौतेली बहन का पति गांडू निकला... मैंने उसकी मम्मी से बात की तो उन्होंने सब ठीक करने का वादा किया और उसी दिन शराब पीकर मेरे जीजा ने मुझे मेरी बहन की चूत मारने का न्यौता दे दिया.. योजनानुसार हम तीनों मनाली गए और ...
एक बार अनिल अपनी बहन को लेकर मेरी बहन के जन्मदिन पर आया तो उन दोनों को मेरी बहन पद्मा पसन्द आ गई और जल्दी ही अनिल और पद्मा की शादी हो गई। लेकिन पद्मा इस शादी से खुश नहीं थी।
हॉट सेक्स मॉम स्टोरी में पढ़ें कि मैंने मम्मी पापा की चुदाई देखी तो पता लगा कि मम्मी प्यासी रह जाती हैं पापा से चुद कर. मम्मी का नंगा बदन देख कर मुझे भी कुछ कुछ होता था.
मामा की बेटी कुछ दिनों के लिए हमारे घर रहने आई... वो मुझसे 4 साल बड़ी थी... एक दिन उसने मुझे मोबाइल पर खेलता देख कर डांट दिया तो हमारे बीच अनबन हो गई.. रात को दोस्ती करने के लिए मैं दीदी
फेमिली सेक्स स्टोरी हिंदी में पढ़ें कि दो भाभी, दो ननद, तीन भाई, साला सहेली, सहेली का भाई, समधी, समधन ने मिल कर होली वाले दिन क्या सेक्स भरा हुड़दंग मचाया.
मेरी फैमिली पोर्न स्टोरी में पढ़ें कि मैंने और मेरी जेठानी छोटी ननद की चुदाई ननदोईजी से करवाई. इस पर दोनों ननदों ने कैसे हम दोनों की गांड डिल्डो से मार कर बदला लिया.
राधे मीरा के नंगे बदन से लिपट कर सो गया। सुबह ममता मीरा के घर आई तो उन दोनों को नंगे देख कर उसकी वासना जाग उठी… वो राधे का लण्ड चूसने लगी… कहानी का मज़ा लें…
पड़ोसन की चुदाई की गंदी कहानियां में पढ़ें कि जब मैं जवान हुआ तो मेरी नजर पास रहें वाली एक दीदी की जवानी पर पड़ी. मैंने उन्हें कैसे चोदा? मजा लें कहानी का!
इस हार्डकोर सेक्स स्टोरी इन हिंदी में पढ़ें कि मेरी जेठानी ने हमारे ननदोई जी को अपने सेक्स के खेल में कैसे शामिल किया. उन्होंने हमारे देवर को सेक्स ग्रुप का हिस्सा बना लिया.
मैं और मेरी मौसी की बेटी साथ साथ खेल कर बड़े हुए थे. बड़े होने पर हमारे खेल भी बड़ों वाले हो गए थे... हम ऊपर ऊपर से एक दूसरे को चूमने, मसलन का मज़ा लेते रहते थे...
मैं सौतेली दीदी को याद करके मुठ मारता था और मैंने सोच रखा था कि उनको एक दिन मैं ज़रूर चोदूँगा.. उनकी शादी हो गई.. दीदी की शादी के 4 महीने बाद घर वाले एक हफ्ते के लिए बाहर गए तो मुझे घर में अकेले रह जाना था..
मैं सौतेली दीदी को याद करके मुठ मारता था और मैंने सोच रखा था कि उनको एक दिन मैं ज़रूर चोदूँगा.. एक बार दीदी घर आई थीं। आगे का घटनाक्रम कहानी में पढ़िए..
पड़ोस में एक अंकल रहते थे, माँ अक्सर दोपहर में उनके यहाँ चली जाती थी... मैं भी जाता था और अंकल की बेटी पिंकी संग खेलता था... लेकिन पिंकी भी कुछ कम नहीं थी, वो अपने बड़े भाई से चुदवाती थी... एक दिन पिंकी और उसके भाई ने मुझे मेरी माँ की गांड चुदाई दिखाई.
मेरी मम्मी दिखने में एकदम माल दिखती थी, पड़ोसी मम्मी को लाइन मारते थे, मम्मी जान बूझकर नाभि से नीचे साड़ी पहनती थी... मैं छोटा था, हमारे पड़ोस में एक अंकल रहते थे, माँ अक्सर दोपहर में उनके यहाँ चली जाती थी...